पसीना सिर्फ शरीर का तापमान कंट्रोल करने के लिए नहीं होता, बल्कि ये विपरीत लिंग (पुरुष/महिला) को आकर्षित करने में भी भूमिका निभा सकता है. जर्नल ऑफ न्यूरोसाइंस में प्रकाशित एक अध्ययन में यह चौंकाने वाला खुलासा हुआ है. इस शोध के अनुसार, अन्य जीवों की तरह, इंसानों के पसीने में भी एक विशेष गंध होती है, जो विपरीत लिंग (पुरुष/महिला) के शरीर को प्रभावित करती है.
कैलिफोर्निया यूनिवर्सिटी, बर्कले के शोधकर्ताओं ने पाया कि पुरुषों के पसीने में पाया जाने वाला एक विशेष तत्व एंड्रोस्टेडियनोन (Androstadienone), महिलाओं में कोर्टिसोल के लेवल को बढ़ा देता है. कोर्टिसोल एक तनाव हार्मोन है, लेकिन दिलचस्प बात ये है कि महिलाओं में इसका बढ़ना उनके मूड और यौन उत्तेजना को भी प्रभावित कर सकता है.
रिसर्च के परिणाम
अध्ययन के दौरान शोधकर्ताओं ने महिलाओं को सूंघने के लिए पुरुषों के पसीने से निकाला गया ये विशेष कैमिकल पदार्थ दिया. इसके बाद महिलाओं के खून में कोर्टिसोल के लेवल को मापा गया. परिणामस्वरूप, शोधकर्ताओं ने पाया कि जिन महिलाओं ने इस गंध को सूंघा था, उनके कोर्टिसोल का लेवल उन महिलाओं की तुलना में काफी अधिक था जिन्होंने इसे नहीं सूंघा था.
क्या कहते हैं अध्ययन के प्रमुख?
अध्ययन के प्रमुख शोधकर्ता डॉ. क्लेयर वायार्ट का कहना है कि यह रिसर्च इस बात का प्रमाण है कि मनुष्यों में भी गंध के माध्यम से सिग्नल एक्सचेंज (pheromone communication) होता है. जैसे चूहों और तितलियों में गंध के जरिए सिग्नल एक्सचेंज होते हैं और उनका व्यवहार प्रभावित होता है. इसी तरह हमारे अध्ययन से पता चलता है कि मानव गंध भी विपरीत लिंग को बायोलॉजिकल और शायद मनोवैज्ञानिक रूप से भी प्रभावित कर सकती है.
और रिसर्च की जरूरत
इस शोध में और ज्यादा गहन अध्ययन की आवश्यकता है. फिर भी, ये अध्ययन इस बात की ओर इशारा करता है कि मानव आकर्षण एक जटिल प्रक्रिया है, जिसमें गंध भी एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है.