Home मध्यप्रदेश कान्हा से लगे गांव में शेर की दस्तक

कान्हा से लगे गांव में शेर की दस्तक

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मंडला
जिले के कान्हा टाईगर रिजर्व के अंतर्गत परिक्षेत्र सिझौरा के ग्राम सिझौरा रैयत में प्रातः 6.00 बजे एक बाघ कीउपस्थिति आबादी क्षेत्र में देखी गई।जिसकी सूचना ग्रामीणों द्वारा परिक्षेत्र अधिकारी, सिझौरा को फोन पर दी गई।परिक्षेत्र अधिकारी, सिझौरा तत्काल मौके पर पहुंचकर कान्हा टाइगर रिजर्व के वरिष्ठ अधिकारी क्षेत्र संचालक एवं अन्य अधिकारियों को दी गई। सूचना प्राप्त होते ही घटना स्थल पर क्षेत्र संचालक कान्हा टाईगर रिजर्व एवं रेस्क्यू दल पहुँचकर बाघ का अवलोकन किया गया। उक्त बाघ कान्हा टाइगर रिजर्व के टी 67 के रूप में चिन्हित किया गया। जिसकी उम्र लगभग 12 से 13 वर्ष है। बाघ की स्थिति कमजोर पायी गई।

बाघ के पैर में चोट होने के कारण वह काफी कमजोर हो गया था तथा चलने में कठिनाई महसूस कर रहा था। ग्रामीणों की भीड़ के कारण वह निकटवर्ती जंगल की ओर जाने का प्रयास कर रहा था किन्तु व्यवधान होने से घर की बाड़ी के समीप बैठ गया। क्षेत्र संचालक श्री एस.के. सिंह, भा.व.से. द्वारा बाघ की स्थिति के बारे में मुख्य वन्यप्राणी अभिरक्षक एवं प्रधान मुख्य वन संरक्षक, वन्यप्राणी, मध्य प्रदेश, भोपाल को फोन पर सूचना दी जाकर घायल बाघ के रेस्क्यू हेतु अनुमति प्राप्त की गई। औपचारिक अनुमति प्राप्त होने के उपरांत कान्हा टाइगर रिजर्व की रेस्क्यू टीम ने श्री एन.एस. यादव, उप संचालक, बफरजोन वनमण्डल, मण्डला, डॉक्टर संदीप अग्रवाल, वन्यप्राणी चिकित्सक की उपस्थिति एवं क्षेत्र संचालक, कान्हा टाईगर रिजर्व के नेतृत्व में घायल बाघ का रेस्क्यू किया गया। निश्चेतन उपरांत बाघ के निरीक्षण में पाया गया कि बाघ के चारों केनाइन दांत टूटे हुए पाए गए एवं उसके पैरों में गहरी चोट लगी हुई थी।

बाघ की कमजोरी को देखते हुये ऐसा प्रतीत होता है कि निकट भूत में शिकार नहीं कर पाया होगा, जिसके कारण वह कमजोर हो गया था। घायल बाघ का अग्रिम परीक्षण एवं स्वास्थ्य उपचार हेतु कान्हा टाइगर रिजर्व के मुक्की स्थित क्वॉरेंटाइन सेंटर ले जाया गया जहां पर आगामी तीन से चार दिन में उसके स्वास्थ्य पर विशेष रूप से ध्यान रखा जाएगा एवं इसके सीसी इस रेस्क्यू कार्य में पूर्व सामान्य वनमण्डल, मण्डला के अंतर्गत परिक्षेत्र बिछिया का वन अमला, केन्द्रीय पुलिस बल का अमला एवं राजस्व विभाग के अमले द्वारा प्रशासनिक व्यवस्था बनाये रखने में विशेष सहयोग किया गया।