पीएम जनमन से बदली कई सहरिया परिवारों की जिन्दगी
बन रहे हैं सबके पक्के घर
भोपाल
जनकल्याण के काम करने की लगन हो, तो कम समय में भी लोगों की जिन्दगी तेजी से बदली जा सकती है। इसका जीवन्त उदाहरण है – प्रधानमंत्री जनजाति आदिवासी न्याय महाअभियान या कहें पीएम जनमन मिशन। विदिशा जिला पीएम जनमन मिशन में चुना गया है। यहाँ विशेष पिछड़ी जनजाति सहरिया के कई परिवार निवास करते हैं। इन सभी सहरिया परिवारों के समग्र कल्याण के लिये पीएम जनमन में मिशन मोड में काम किया जा रहा है।
सहरिया जनजाति से ताल्लुक रखने वाली बागरी गांव की लक्ष्मी सहरिया बताती हैं बरसों से वे और उनके जैसे कई परिवार कच्चे खपरैल वाले टूटे-फूटे झोपड़ीनुमा घरों में रहते थे। हालात बेहद खराब थे। सर्दी-गर्मी-बारिश एवं ओला-पाला में बड़ी विकट समस्याएं सामने आ जाती थीं। जीना बड़ा कठिन था। पीएम जनमन मिशन में सरकार द्वारा हमारी जिन्दगी बदलने का जो प्रयास किया जा रहा है, वह अत्यन्त ही सराहनीय है। वे बताती हैं कि पीएम जनमन की आवास योजना के तहत बागरी गांव के सभी सहरिया परिवारों के पक्के घर बनाये जा रहे हैं। सभी परिवारों के स्वास्थ्य की जांच कर समुचित इलाज किया जा रहा है। सरकार की सभी कल्याणकारी योजनाओं की जानकारी देकर हमें उनका लाभ भी दिया जा रहा है। वे कहती हैं इस एक योजना ने कई सहरिया परिवारों की जिन्दगी बेहद आसान बना दी है। इस अभिनव योजना के लिये लक्ष्मी ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव का आभार माना है।
उल्लेखनीय है कि मध्यप्रदेश की तीन विशेष पिछड़ी जनजाति बैगा, भारिया और सहरिया के जीवन में तत्काल सुधार लाने के लिये इन्हें पीएम जनमन मिशन में लिया गया है। मध्यप्रदेश के अनूपपुर, अशोकनगर, बालाघाट, भिण्ड, छिंदवाड़ा, दतिया, डिंडोरी, ग्वालियर, जबलपुर, कटनी, मंडला, मुरैना, नरसिंहपुर, रायसेन, सतना, सिवनी, शहडोल, श्योपुर, शिवपुरी, सीधी, उमरिया और विदिशा जिले के ग्रामीण अंचलों में निवास कर रहे आर्थिक रूप से कमजोर जनजातीय समूहों को इस मिशन में लाभांवित किया जायेगा। इस महाअभियान के अंतर्गत पक्के मकानों के अतिरिक्त 4 लाख 90 हजार हितग्राही परिवारों को शौचालय और मनरेगा योजना के अकुशल पारिश्रमिक के रूप में प्रति परिवार दो लाख रूपये देने का भी प्रावधान किया गया है। साथ ही आहार अनुदान योजना में प्रतिमाह 1500 रूपये भी दिये जाते हैं।