महू
जिस वक्त यह घटना हुई,तब सड़क से वाहन भी गुजर रहे थे, लेकिन वे बाल-बाल बच गए। पहाड़ का मलबा गिरने के दौरान कोई जनहानि नहीं हुई। मलबा हटाने के लिए मंडलेश्वर प्रशासन ने एक टीम पहुंचाई है। मंडलेश्वर और महू से पुलिस ने बेरिकेड लगाकर वाहन भी रोक दिए है। इस मार्ग के बंद होने से इंदौर-खलघाट मार्ग पर वाहनों का दबाव बढ़ गया।
पहाड़ दरकने की घटना सुबह 9 बजे हुई। अचानक पहाड़ से पहले पत्थर गिरे फिर बड़ी चट्टान मलबे सहित भरभरा कर नीचे आ गई। उसका मलबा महू-मंडलेश्वर, महेश्वर मार्ग पर फैल गया। बड़े-बड़े पत्थर गिरने की वजह से दोपहिया वाहन भी इस मार्ग से नहीं गुजर पा रहे है।
महेश्वर की तरफ जाने वाले कई लोग इस मार्ग से डेली-अप डाउन करते है। मार्ग बंद होने के कारण उन्हें फिर महू या मंडलेश्वर की तरफ लौटना पड़ा। पहाड़ दरकने की घटना की जानकारी मिलने के बाद मार्ग पर आवागमन महू और मंडलेश्वर की तरफ से बंद कर दिया गया, ताकि वाहन चालकों को घाट चढ़कर फिर लौटना न पड़े। वही जेसीबी और डंपरों के साथ एक टीम मार्ग से मलबा हटाने के लिए भी पहुंची है।
पानी के कारण हो जाते है पत्थर कमजोर
स्ट्रक्चरल इंजीनियर अतुल शेठ का कहना है कि पहाड़ों की चट्टानों के बीच जो दरारें होती है। उसमें पानी रिसता है। यदि चट्टानों के बीच पानी निकासी नहीं होती है तो फिर लगातार पानी से पत्थर पोले हो जाते है। कई बार तेज पानी के कारण कमजोर पत्थर जगह छोड़ देते है और फिर गिरने लगते है। इसके अलावा भारी वाहनों के कंपन और निर्माण के लिए होने वाले विस्फोट का असर भी चट्टनों की पकड़ ढीली कर देता है।