बारां/जयपुर.
प्रदेश के शिक्षा मंत्री मदन दिलावर द्वारा बूंदी में शिक्षकों के विरुद्ध लिए गए सख्त फैसले से नाराज लोगों ने सड़कों पर उतरकर प्रदर्शन किया। शिक्षा मंत्री के खिलाफ सड़कों पर उतरे लोग दलित समाज के थे। इन प्रदर्शनकारियों ने बीते दिनों शिक्षा मंत्री द्वारा बारां, सांगोद में निलंबित किए गए शिक्षकों के हक में आवाज में उठाते हुए प्रदर्शन किया। पिछले दिनों बारां जिले के लकड़ाई राजकीय उच्च प्राथमिक विद्यालय में सरस्वती पूजा नहीं करने के मामले में एक शिक्षिका हेमलता बैरवा को शिक्षा मंत्री के निर्देश पर निलंबित कर दिया गया था।
इस कार्रवाई का विरोध करते हुए बूंदी जिले के दलित समाज ने शुक्रवार को सड़कों पर उतरकर विरोध प्रदर्शन किया। केशवरायपाटन विधायक सी.एल. प्रेमी की अगुवाई में किए गए इस प्रदर्शन में दलित समुदाय ने शिक्षा मंत्री को बर्खास्त किए जाने की मांग की। विधायक सी.एल. प्रेमी ने बताया कि बारां जिले के लकड़ाई राजकीय उच्च प्राथमिक विद्यालय में 26 जनवरी को सरस्वती पूजा नहीं करने के मामले में स्थानीय विद्यालय के दो अध्यापकों और ग्रामवासियों ने शिक्षिका हेमलता बैरवा से अभद्रता की थी। इसके विरुद्ध हेमलता बैरवा ने पुलिस में मुकदमा दर्ज कराया गया था, मगर उस पर कोई कार्रवाई नहीं हुई, उल्टे शिक्षा मंत्री के इशारे पर जिला शिक्षा अधिकारी, बारां ने शिक्षिका हेमलता बैरवा को निलंबित कर दिया। उन्होंने कहा कि इसी प्रकार अल्पसंख्यक समुदाय के कुछ अध्यापकों को भी निलंबित किया गया, जो बर्दाश्त योग्य नहीं है। उन्होंने कहा कि शिक्षिका हेमलता बैरवा ओर सांगोद इलाके के अन्य शिक्षकों पर की गई कार्रवाई के विरोध में संपूर्ण दलित समाज में नाराजगी है। इसी के चलते बूंदी में यह प्रदर्शन किया गया। पुलिस द्वारा प्रदर्शनकारियों को कलेक्टोरेट में प्रवेश करने से रोके जाने पर पुलिस से प्रदर्शनकारियों की तीखी नोकझोंक भी हुई। बाद में पुलिस अधिकारियों ने विधायक सी.एल. प्रेमी की अगुवाई में 11 सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल को ज्ञापन देने अंदर भेजा।
बूंदी में हुए इस विरोध प्रदर्शन का साथ देने के लिए कोटा में भी शिक्षिका के समर्थन में दलित समाज के लोगों ने सरकार के खिलाफ प्रदर्शन किया। प्रदर्शनकरियों ने कलेक्टर को राष्ट्रपति के नाम ज्ञापन देकर आरोप लगाया कि प्रदेश की भाजपा सरकार दलित वर्ग के साथ अत्याचार कर रही है।