जयपुर.
साधु-संतों के कारण भारतीय संस्कृति का संवर्द्धन एवं संरक्षण हुआ है। उनके विशेष योगदान से आज भारतीय संस्कृति दुनिया भर में अपनी अलग पहचान रखती है, यह कहना है प्रदेश के मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा का। वे रविवार को गोविंददेव जी मंदिर परिसर में बाबा बालकनाथ आश्रम द्वारा आयोजित महामृत्युंजय महायज्ञ के अवसर पर आयोजित कलश यात्रा को संबोधित कर रहे थे।
मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर कहा कि यज्ञ का भारतीय संस्कृति में महत्वपूर्ण स्थान है। यह पर्यावरण को संरक्षित करने का प्रमुख माध्यम है। इससे यज्ञ करने वाले और उसमें शामिल होने वाले व्यक्ति की आत्मा शुद्ध हो जाती है और उनका सर्वांगीण विकास होता है। उन्होंने कहा कि भारतीय महिलाएं धार्मिक कार्यक्रमों में अग्रणी रूप से भाग लेती रही हैं, उनसे समाज के सभी वर्गों को प्रेरणा लेने की आवश्यकता है।