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मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत को टिकट मिलने पर पूर्व सांसद जसवंत सिंह बिश्नोई की पोस्ट से सियासत गर्माई

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जयपुर
राजस्थान में जोधपुर से केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत को टिकट मिलने पर पूर्व सांसद जसवंत सिंह बिश्नोई की पोस्ट से सियासत गर्मा गई है। पूर्व सांसद शेखावत को टिकट मिलने से नाराज है। उम्मीदवारों की पहली सूची जारी होने के कुछ देर बाद ही जोधपुर से दो बार सांसद रहे जसवंत सिंह बिश्नोई ने सोशल मीडिया लिखा, "पर कौन सुनेगा, किसको सुनाएं, इसलिए चुप रहते हैं"। हमसे अपने रूठ न जाएं, इसलिए चुप रहते हैं"। इससे एक बार फिर उनकी पीड़ा बाहर आई है। माना जा रहा है कि बिश्नोई भी जोधपुर से दावेदार थे, क्योंकि 8 विधानसभा वाले लोकसभा क्षेत्र में तीन सीटें बिश्नोई बाहुल्य हैं।

सियासी जानकारों का कहना है कि कांग्रेस जसवंत सिंह बिश्नोई को मोहरा बनाकर जोधपुर सीट झटक सकती है। जोधपुर में तीन तहसील बिश्नोई बाहुल्य है। ऐसे में कांग्रेस मौके की तलाश में है। कांग्रेस चाहती है कि बीजेपी में बगावत हो और उसे फायदा मिले। बता दें जोधपुर में शेखावत का विरोध हो रहा है। कुछ दिन पहले चोराहों पर पोस्टर लगे थे। इसके बाद शेरगढ़ से बीजेपी विधायक बाबू सिंह राठौड़ ने शेखावत पर काम नहीं करने का आरोप लगाया था।

लोग बोले मैदान में उतरो
बिश्वनोई द्वारा सोशल मीडिया पर अपनी बेबसी जाहिर करने के बाद कयास लगाए जाने लगे कि क्या इस बार बिश्नोई कुछ करेंगे? क्या वो पार्टी छोड़ कर निर्दलीय उतर सकते हैं या कांग्रेस के साथ जा सकते है? उनकी पोस्ट पर कई तरह की प्रतिक्रियाएं आईं, जिसके बाद शनिवार रात करीब दो बजे उन्होंने फिर से पोस्ट कर कहा कि उनकी आखरी पोस्ट अब चुनाव के बाद आएगी। इस संदेश ने भाजपा को फिर संशय में डाल दिया है।

शनिवार को जोधपुर प्रत्याशी की घोषणा के कुछ देर बाद बिश्नोई ने अपने मन की बात लिखी तो कमेंट में उनके समर्थक और प्रशंसकों ने कहा कि कितने दिन तक चुप रहोगे. मैदान में उतरकर अपनी बात रखो. किसी ने कहा- निर्दलीय लड़ो, किसी ने कांग्रेस और आरएलपी गठबंधन से लड़कर बीजेपी को जवाब देने की बात लिखी, क्योंकि पार्टी ने एक भी बिश्नोई को प्रत्याशी नहीं बनाया। इस तरह के कई कमेंट उनकी इस पोस्ट पर आए।  जसवंत सिंह बिश्नोई ने शनिवार रात करीब 2:00 बजे सोशल मीडिया पर लिखा कि "मैंने फैसला किया है कि अब मैं एक पोस्ट चुनाव की घोषणा के बाद लिखूंगा, उसके बाद भविष्य में किसी प्रकार की पोस्ट नहीं लिखूगा।  इससे कयास लगाए जाने लगे कि इस दौरान बिश्नोई कोई बड़ा फैसला ले सकते हैं और चुनाव के बाद उस फैसले की वजह जगजाहिर करेंगे।

दो बार रह चुके हैं सांसद
उल्लेखनीय है कि जसवंत सिंह बिश्नोई पहली बार 1999 में जोधपुर से सांसद निर्वाचित हुए थे. उन्होंने कांग्रेस के बद्रीराम जाखड़ को हराया था. इससे पहले दो चुनाव वे अशोक गहलोत के सामने लड़े थे। 1998 का चुनाव इतना रोचक हुआ था कि बिश्नोई ने अशोक गहलोत की जीत का अंतर महज 5444 तक कर दिया। इसके बाद वे लगातार 1999 और 2004 में सांसद निर्वाचित हुए। परिसीमन के बाद 2009 के चुनाव में वे चंद्रेश कुमारी से हार गए थे।