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Red Sea: हूती विद्रोहियों के हमले से लाल सागर में पहला जहाज डूबा, इसमें भरे केमिकल से समुद्री जीवों पर खतरा

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नई दिल्ली/गाजा.

इस्राइल-हमास युद्ध शुरू होने के बाद लाल सागर में अंतरराष्ट्रीय शिपिंग लेन से गुजरने वाले व्यापारिक जहाजों पर लगभग दो दर्जन हमले हो चुके हैं। यमन के हूती विद्रोही जहाजों को निशाना बना रहे हैं। ऐसे में हाल ही में हूती विद्रोहियों ने एक वाणिज्यिक जहाज पर हमला कर दिया था, जिससे चालक दल ने जहाज को लाल सागर में ही छोड़ दिया था। अब खबर आई है कि हमले के दो हफ्ते बाद आखिरकार जहाज लाल सागर में पूरी तरह डूब गया है। इससे समुद्री जीवन के लिए खतरा बढ़ गया है।

यमन की सरकार ने बताया कि हमले के बाद रूबीमार लाल सागर में बह रहा था। इसमें धीरे-धीरे कई दिनों तक पानी भरने की वजह से यह डूब गया। बताया जा रहा है कि विद्रोहियों के अभियान के हिस्से के रूप में पूरी तरह से नष्ट होने वाला यह पहला जहाज है। लेबनान में जीएमजेड शिप मैनेजमेंट कंपनी के एक अधिकारी ने बताया कि हूती विद्रोहियों ने जहाज के इंजन रूम और सामने वाले हिस्से पर हमले किया। हालांकि, क्रू मेंबर्स के घायल होने की भी कोई जानकारी नहीं है, जिन्हें जिबूती ले जाया जा रहा था।

अमेरिका ने दी थी जानकारी
अमेरिकी सेंट्रल कमांड ने बताया था कि 18 फरवरी को हूती आतंकवादी नियंत्रित क्षेत्रों से दो एंटी शिप बैलिस्टिक मिसाइलों को छोड़ा गया था, जिससे बेलीज के झंडे वाला रूबिमार क्षतिग्रस्त हो गया था। जहाज के चालक दल ने तुरंत एक इमरजेंसी कॉल की थी, जिसके बाद एक युद्धपोत और एक अन्य व्यापारी जहाज सहायता के लिए पहुंचा और चालक दल को वहां से बचाकर बंदरगाह पर ले गए थे।

जहाज डूब गया या बचा?
बता दें कि रूबीमार एक छोटा मालवाहक जहाज है। इक्वैसिस अंतरराष्ट्रीय समुद्री डेटाबेस के अनुसार, इसका रजिस्टर्ड मालिक इंग्लैंड के साउथेम्प्टन में है। जहाज के मालिकों का उस समय कहना था कि इसे पास के जिबूती में ले जाया जा रहा था, लेकिन हमले के बाद वह डूब गया होगा। लेबनान में जीएमजेड शिप मैनेजमेंट कंपनी के एक अधिकारी ने बताया था कि विद्रोहियों ने जहाज के इंजन रूम और सामने वाले हिस्से पर हमला किया था। हालांकि, क्रू मेंबर्स के घायल होने की भी कोई जानकारी नहीं दी थी, जिन्हें जिबूती ले जाया जा रहा था। बताया जा रहा है कि जहाज अमोनियम नाइट्रेट उर्वरक का माल ले जा रहा था।

जहाज डूबना पर्यावरणीय आपदा
यमन की सरकार के प्रधानमंत्री अहमद अवद बिन मुबारक ने जहाज के डूबने को एक अभूतपूर्व पर्यावरणीय आपदा बताया। वहीं, जॉर्डन विश्वविद्यालय में समुद्री विज्ञान विभाग का कहना है कि लाल सागर में बड़ी मात्रा में उर्वरक का बहना समुद्री जीवन के लिए खतरा हो सकता है। बता दें, नवंबर के बाद से ही विद्रोहियों ने व्यापारी बेड़े पर अपने हमलों को बढ़ा दिया है। ईरान समर्थित समूह का कहना है कि वे इस्राइल, अमेरिका और ब्रिटेन से जुड़े जहाजों को निशाना बना रहे हैं। दरअसल, हूती गाजा में युद्ध और पश्चिमी हवाई हमलों को रोकने की मांग कर रहे हैं। गौरतलब है, पिछले साल शुरू हुए हमले के बाद ऐसा पहली बार हुआ है, जब किसी चालक दल को जहाज छोड़कर निकलना पड़ा हो।