एनजीटी ने वाराणसी में गंगा की सहायक नदियों के बाढ़ क्षेत्र सीमांकन पर उप्र सरकार से रिपोर्ट मांगी
एम्स की तर्ज पर बनेगा 700 बिस्तर का अस्पताल, जिम्स को मिली 56 एकड़ जमीन
रामायण भारत और श्रीलंका की साझा सांस्कृतिक विरासत है: श्रीलंका के मंत्री
नई दिल्ली
राष्ट्रीय हरित अधिकरण (एनजीटी) ने वाराणसी में गंगा की सहायक नदियों-वरुणा और अस्सी के बाढ़ क्षेत्र सीमांकन के लिए उठाए गए कदमों पर उत्तर प्रदेश सरकार से रिपोर्ट पेश करने को कहा है।
हरित अधिकरण एक याचिका पर सुनवाई कर रहा था जिसमें कहा गया था कि जिले में नगर निकाय ने नदी के डूब-क्षेत्र का सीमांकन नहीं किया है जिससे वहां लगातार अतिक्रमण हो रहा है। याचिका में आरोप लगाया गया है कि नदियों में अवैध तरीके से नालों का गंदा पानी गिराया जा रहा है।
एनजीटी अध्यक्ष न्यायमूर्ति प्रकाश श्रीवास्तव की पीठ ने वाराणसी नगर निगम की एक रिपोर्ट का जिक्र किया जिसमें कहा गया था कि 15 नालों से वरुणा में आंशिक या गैरशोधित जल गिराया जा रहा है जिससे पानी की गुणवत्ता प्रभावित हो रही है।
अपने हाल के आदेश में पीठ ने उत्तर प्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की रिपोर्ट पर संज्ञान लिया कि अस्सी घाट में दो करोड़ 80 लाख लीटर गैर शोधित अपशिष्ट जल प्रतिदिन छोड़ा जा रहा है।
अधिकरण ने कहा, ''संयुक्त सचिव, शहरी विकास ने 15 फरवरी 2024 को कार्रवाई रिपोर्ट पेश की है जिसमें वरुणा और अस्सी नदियों में गैर शोधित जल गिराए जाने के बारे में इसी प्रकार की बात कही गई है।''
एनजीटी ने उत्तर प्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड से ''लापरवाही बरते वाले प्राधिकारियों'' के खिलाफ की गई कार्रवाई के संबंध में एक नई रिपोर्ट पेश करने को कहा। मामले में अगली सुनवाई 26 अप्रैल को होगी।
एम्स की तर्ज पर बनेगा 700 बिस्तर का अस्पताल, जिम्स को मिली 56 एकड़ जमीन
नोएडा
जनपद गौतम बुद्ध नगर में स्थित राजकीय आयुर्विज्ञान संस्थान (जिम्स) के परिसर में 700 बिस्तर के अस्पताल का निर्माण कार्य इस महीने के अंत तक शुरू होने की संभावना है। प्राधिकारियों ने बताया कि अस्पताल प्रशासन को इसके लिए 56 एकड़ जमीन मिल गयी है।
जिम्स के निदेशक ब्रिगेडियर डॉ. राकेश कुमार गुप्ता ने बताया कि 700 बिस्तर का अस्पताल व मेडिकल कॉलेज बनाने के लिए ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण से 56 एकड़ जमीन का आधिपत्य उन्हें मिल गया है। उन्होंने बताया कि करीब 800 करोड़ रुपये की लागत से बनने वाले अस्पताल की इमारत का जल्द ही निर्माण कार्य शुरू किया जाएगा।
उन्होंने बताया कि जमीन मिलने के बाद जिम्स में एक पुस्तकालय, हॉस्टल, मेडिकल कॉलेज, नर्सिंग कॉलेज, संकाय सदस्यों के लिए रहने की व्यवस्था, गहन चिकित्सा इकाई, पैरामेडिकल कॉलेज आदि की सुविधा मिलेगी। पहले चरण में गहन चिकित्सा इकाई और नर्सिंग कॉलेज का निर्माण किया जाएगा। यह अस्पताल अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) की तर्ज पर बनाया जा रहा है।
रामायण भारत और श्रीलंका की साझा सांस्कृतिक विरासत है: श्रीलंका के मंत्री
नई दिल्ली
श्रीलंका के मंत्री जीवन थोंडामन ने कहा कि रामायण श्रीलंका और भारत की साझा सांस्कृतिक विरासत है और इससे दोनों देशों की सांस्कृतिक चेतना और संबंधों को मजबूत बनाने में मदद मिलती है। श्रीलंका के मंत्री ने कहा कि भारत और श्रीलंका के संबंध बेहतरीन स्थिति में पहुंच गए हैं।
थोंडामन ने यहां 'नेशनल गैलरी ऑफ मॉडर्न आर्ट' (एनजीएमए) में दो महीने तक आयोजित होने वाली प्रदर्शनी 'चित्रकाव्यम रामायणम' के उद्घाटन के दौरान यह बात कही।
श्रीलंका के जलापूर्ति और संपदा अवसंरचना विकास मंत्री थोंडामन ने अपने संबोधन में कहा, ''लोगों के बीच संपर्क हमारे सभ्यतागत और सांस्कृतिक संबंधों को और मजबूत करता है।''
थोंडामन ने प्रदर्शनी का उल्लेख करते हुए कहा, '' इन असाधारण दृश्यों को देखकर कोई भी समझ सकता है कि कैसे रामायण श्रीलंका और भारत दोनों के लिए एक साझा सांस्कृतिक कथा है, साझा सांस्कृतिक चेतना में योगदान देती है और संबंधों को मजबूत बनाने में मदद करती है।''
इस दौरान उन्होंने हल्के-फुल्के अंदाज में रावण के चरित्र पर भी चर्चा की और बताया कि भारत में जनमानस के बीच रावण की जो छवि है उनके देश में लोग उसे वैसा नहीं देखते।
उन्होंने कहा, ''हमारी तरफ रावण को एक कुशल प्रशासक माना जाता है और यहां तक कि संत वाल्मीकि की रामायण में…रणभूमि में रावण के मरणासन्न होने पर भगवान राम उनके पास बैठे और उनसे प्रशासन एवं नेतृत्व के गुर लिए।''
उन्होंने कहा, ''तो सीता के हरण के बावजूद भी हम रावण को खलनायक नहीं मानते।'' प्रदर्शनी का उद्घाटन श्रीलंकाई मंत्री और केंद्रीय संस्कृति और विदेश राज्य मंत्री मीनाक्षी लेखी ने संयुक्त रूप से किया।