दुबई
संयुक्त अरब अमीरात अब अल मकतूम अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे को दुनिया का सबसे बड़ा एयरपोर्ट बनाना चाहता है। इसे दुबई वर्ल्ड सेंट्रल (DWC) के नाम से भी जाना जाता है। यूएई ने अपने इस मेगा प्लान की घोषणा की है। 2013 में इस एयरपोर्ट की शुरुआत हुई थी। सीएनएन की रिपोर्ट के मुताबिक सरकारी एजेंसियों का उद्देश्य नवीन टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल करना और हवाई अड्डे की क्षमता बढ़ाने के लिए इस जगह को फिर से डिजाइन करना है। हर साल यह 10 करोड़ यात्रियों की क्षमता रखता है। अधिकारी अब इसमें दो करोड़ यात्रियों की क्षमता बढ़ाना चाहते हैं।
दुबई एयरपोर्ट्स के सीईओ पॉल ग्रिफिथ्स ने खुलासा किया कि वह कस्टमर सुविधाओं के लिए इसमें निवेश बढ़ाना चाहते हैं। उन्होंने कहा कि 2024 के लिए यात्री पूर्वानुमान 8.82 करोड़ और 2025 तक 9.38 करोड़ पहुंचने का अनुमान है। एयरपोर्ट के विकास को लेकर उन्होंने कोई सटीक समय नहीं बताया है। लेकिन 2023 में ग्रिफिथ ने एएफपी से कहा था कि जब क्षमता पूरी हो जाएगी, तो हमें एक नए एयरपोर्ट की जरूरत पड़ेगी। यह 2030 के दशक में हो सकता है।
यात्रियों को होगी सुविधा
एक बार एयरपोर्ट प्रोजेक्ट पूरा होने पर आसपास एक बड़ा आर्थिक केंद्र तैयार हो जाएगा। ग्रिफिथ ने एक मैग्जीन के साथ बातचीत में कहा था कि हम दुनिया का सबसे बड़ा एयरपोर्ट ऐसा नहीं बनाएंगे, जिसमें नए-नए टर्मिनल हो। बल्कि हम एयरपोर्ट के बिजनेस में क्रांति लाएंगे। हम यात्रियों को ऐसी सुविधा देंगे जिससे उन्हें ज्यादा देर न लगे। यह हवाई अड्डा एक बड़ी योजना का केंद्रबिंदु होगा, जिसे दुबई साउथ कहा जाता है। इसमें दुबई के दक्षिण में 145 वर्ग किमी के रेगिस्तान में एक पूरे नए शहर के निर्माण की परिकल्पना की गई है।
कार्गो का ट्रैफिक बढ़ा
दुबई वर्ल्ड सेंट्रल में 2023 की अंतिम तिमाही में कार्गो ट्रैफिक में बड़ी वृद्धि देखी है। यह वृद्धि लगभग 20 फीसदी है। इस बढ़ोतरी के पीछे का बड़ा कारण फिलहाल यमन के हूती विद्रोहियों की ओर से लाल सागर में हमले बढ़ना है। यमन के हूती विद्रोही इजरायल और उसके मित्र राष्ट्रों पर हमला करते रहे हैं। जनवरी 2022 में हूतियों ने यूएई के महत्वपूर्ण बुनियादी ढांचे पर ड्रोन और मिसाइल हमला किया था, जिसमें तीन तेल श्रमिकों की मौत हो गई थी। वहीं अबू धाबी के निर्माणाधीन एयरपोर्ट पर आग लग गई थी।