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भोपाल में तीन दिवसीय कृषि मेला आयोजन 1 से 3 मार्च को

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भोपाल में तीन दिवसीय कृषि मेला आयोजन 1 से 3 मार्च को

अत्याधुनिक कृषि मशीनों का प्रदर्शन होगा, कृषि मंत्री कंषाना करेंगे उद्घाटन

आयुर्वेदीय धरोहर के एकस्व दस्तावेजीकरण (पेटेंट) के साथ करें संरक्षण : परमार

भोपाल

भोपाल के बिट्टन मार्केट स्थित दशहरा मैदान पर 1 मार्च से प्रारम्भ होने जा रहे कृषि, उद्यानिकी, डेयरी और कृषि अभियांत्रिकी मेले में फसलों की बोवाई से लेकर कटाई, गहाई और भंडारण के लिए उपयोगी सैकड़ों अत्याधुनिक कृषि उपकरण देखने को मिलेंगे। मेले का उद्घाटन कृषि मंत्री ऐदल सिंह कंषाना मध्यान्ह 12 बजे करेंगे। राज्य तथा केन्द्रीय किसान कल्याण एवं कृषि विकास विभाग के सहयोग से आयोजित होने जा रहे इस मेले में शहरी दर्शकों के लिए बागवानी से जुड़ी सामग्री, मिलेट्स के व्यंजन, महिला उद्यमियों के द्वारा उत्पादित साज सज्जा की सामग्री तथा खाद्य पदार्थ के साथ ड्रोन के साथ भीमकाय यंत्रों को निकट से देखने का अवसर भी होगा। कृषि एवं उद्यानिकी के विशेषज्ञों द्वारा किसानों को मार्गदर्शन देने तथा उनकी कृषि संबंधी समस्याओं के त्वरित निवारण के लिए संगोष्ठी का आयोजन भी तीनों मेला दिवस पर किया जाएगा।

आयोजन समिति की ओर से भारत बालियान, संयोजक भारती मीडिया ने मेले को बहुउद्देशीय बताते हुए कहा कि प्रदेश में कृषि यंत्रीकरण को प्रोत्साहित कर खेती को लाभकारी बनाना आयोजन का मुख्य लक्ष्य है। मेले में विभिन्न राज्यों से आ रहीं प्रतिष्ठित कंपनियों के लगभग 100 से अधिक स्टॉल लगाए जाएंगे। प्रवेश पूर्णत: निशुल्क है। दर्शकों के मनोरंजन के लिए लोक नृत्य एवं कठपुतली नृत्य, मैजिक शो आदि आयोजन भी किये जाएंगे।

औषधीय पौधों के उत्पादन एवं विपणन के लिए व्यापक कार्ययोजना की आवश्यकता : आयुष मंत्री परमार

आयुर्वेदीय धरोहर के एकस्व दस्तावेजीकरण (पेटेंट) के साथ करें संरक्षण : परमार

भारतीय वन प्रबंधन संस्थान भोपाल में औषधीय पौधों संबंधी दो दिवसीय राष्ट्रीय कार्यशाला का शुभारंभ

भोपाल
आयुर्वेद हमारी पुरातन चिकित्सा पद्धति है। हजारों वर्षों पूर्व जब कोई अन्य चिकित्सा पद्धति नहीं थी, तब से हम आयुर्वेद चिकित्सा पद्धति का उपयोग करते आ रहे हैं। भारत में लाखों की संख्या में औषधीय वनस्पति की उपलब्धता है। हमारे पास एकस्व दस्तावेजीकरण (पेटेंट) न होने से अन्य देशों ने हमारी औषधियों पर अपना एकाधिकार अर्जित कर लिया है। हमारा देश अब आयुर्वेद के उत्थान के संकल्प और स्वाभिमान के साथ विश्वमंच पर अग्रसर हो रहा है। इसके लिए हमारी आयुर्वेदीय धरोहरों एवं उपलब्धियों पर गर्व के साथ शोध करने की आवश्यकता है। यह बात उच्च शिक्षा, तकनीकी शिक्षा एवं आयुष मंत्री इन्दर सिंह परमार ने भारतीय वन प्रबंधन संस्थान (IIFM) भोपाल में "औषधीय पौधों की विशेषता और वर्गीकरण एवं संबद्ध विपणन सूचना सेवाओं (एमआईएस) विकास" विषय पर आयोजित दो दिवसीय राष्ट्रीय कार्यशाला के शुभारंभ अवसर पर वीडियो कांफ्रेंस के माध्यम से सम्मिलित होकर कही। परमार ने वीसी के माध्यम से सजीव (Live) जुड़कर "भारतीय आयुर्वेद दर्शन-निरोगी काया" और औषधीय पौधों के उत्पादन, विपणन, संरक्षण, उत्थान एवं दस्तावेजीकरण के संबंध में अपने विचार व्यक्त किए।

आयुष मंत्री परमार ने कहा कि आयुर्वेद के प्रति विश्वास का भाव एवं समाज में जनांदोलन की तरह समग्र विचार स्थापित करना होगा ताकि आधुनिक चिकित्सा पद्धति की तरह आयुर्वेद को चिकित्सा पद्धति की मुख्य धारा में लाया जा सके। इस उद्देश्य की पूर्ति के लिए किसानों के लाभ के साथ औषधीय पौधों के उत्पादन और विपणन पर व्यापक कार्ययोजना बनाए जाने की आवश्यकता है। किसानों के सहयोग से ग्रामीण परिवेश में भी औषधीय पौधों के लिए चेतना जागृत करनी होगी। हमारे आयुर्वेदीय दर्शन "निरोगी काया" की अवधारणा और आयुर्वेद चिकित्सा पद्धति के उत्थान के संकल्प से देश स्वत्त्व के भाव के साथ पुनः विश्वमंच पर स्थापित होगा। मंत्री परमार ने प्रासंगिक विषय पर कार्यशाला के आयोजन के लिए राष्ट्रीय औषधि पादप बोर्ड एवं समस्त आयोजकों को बधाई एवं शुभकामनाएं दीं।

कार्यशाला में उप सचिव आयुष एवं सीईओ राज्य औषधीय पादप बोर्ड संजय कुमार मिश्रा, उप सचिव आयुष पंकज शर्मा, पीएचडीसीसीआई स्टेट डेवलपमेंट काउंसिल एमपी के सचिव अतुल के ठाकुर, भोपाल मेमोरियल हॉस्पिटल एवं रिसर्च सेंटर की निदेशक डॉ. मनीषा श्रीवास्तव सहित विभिन्न विश्वविद्यालयों के कुलपति, अनुसंधानकर्ता, उद्योगपति, कृषकजन एवं विविध विद्वतजन उपस्थित थे।।

यह दो दिवसीय राष्ट्रीय कार्यशाला, राज्य शासन के आयुष विभाग अंतर्गत राज्य औषधीय पादप बोर्ड मप्र (MP-SMPB) एवं वाणिज्य एवं उद्योग के पीएचडी चैंबर (PHDCCI) के संयुक्त तत्वाधान में आयोजित है।

मंत्री काश्यप रीजनल इंडस्ट्री कॉन्क्लेव में होंगे शामिल

भोपाल

सूक्ष्म, लघु, मध्यम उद्यम मंत्री चेतन्य कुमार काश्यप एक मार्च को उज्जैन में होने वाले रीजनल इंडस्ट्री कॉन्क्लेव और विक्रम व्यापार मेला के शुभारंभ अवसर पर सम्मिलित होंगे। निर्धारित कार्यक्रम के अनुसार मंत्री काश्यप इस दिन रतलाम से प्रस्थान कर सुबह 10 बजे उज्जैन पहुँचेंगे और दोनों कार्यक्रम में सम्मिलित होंगे।