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Sandeshkhali Violence: संदेशखाली हिंसा के मुख्य आरोपी शाहजहां शेख को बशीरहाट कोर्ट में पेश किया, 10 दिन की पुलिस हिरासत में भेजा

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कोलकाता
पश्चिम बंगाल के संदेशखाली हिंसा के मुख्य आरोपी और टीएमसी नेता शाहजहां शेख को गिरफ्तार कर लिया गया है. बंगाल पुलिस ने कोलकाता हाई कोर्ट के आदेश उसे गिरफ्तार किया है. पुलिस ने शाहजहां को बीती रात सरबेरिया इलाके से उठाया गया, उसके बाद सुबह करीब पांच बजे बशीरहाट में पुलिस लॉकअप में लाया गया. शाहजहां की आज सुबह 11 बजे बशीरहाट कोर्ट में पेशी हुई.शेख को 10 दिन की पुलिस हिरासत में भेजा गया, मांगी थी 14 दिन की रिमांड.

प्रवर्तन निदेशालय के अधिकारियों पर भीड़ के हमले के बाद से ही शाहजहां शेख फरार था और पुलिस को कई दिनों से उसकी तलाश थी। पुलिस ने बताया कि शेख को उत्तर 24 परगना जिले के मिनाखा में एक घर से गिरफ्तार किया गया। गिरफ्तार करने के बाद उसे बशीरहाट अदालत ले जाया गया। शेख की गिरफ्तारी की मांग को लेकर संदेशखालि के लोग लंबे समय से विरोध प्रदर्शन कर रहे थे।

इस बीच शेख की गिरफ्तारी पर पश्चिम बंगाल के राज्यपाल सी.वी. आनंद बोस ने कहा, "आज बंगाल में हम अंत की शुरुआत देख रहे हैं। संदेशखाली घटना के मुख्य आरोपी की गिरफ्तारी सभी के लिए आंखें खोलने वाली है… हमें बंगाल में हिंसा को खत्म करना है… पिछले पंचायत चुनाव में मुझे घटनास्थल पर जाकर लोगों से, पीड़ित से बातचीत करने का अवसर मिला था… वहां जाकर मुझे पता चला कि इसे ही लोग 'गुंडाराज' कहते हैं, यह बंगाल के इलाकों में बहुत ज्यादा है। आने वाले दिनों में हमें कड़ी कार्रवाई करनी होगी…"

TMC नेता शेख शाहजहां की गिरफ्तारी पर पश्चिम बंगाल विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष सुवेंदु अधिकारी ने कहा, "यह गिरफ्तारी नहीं है… यह ममता सरकार द्वारा की गई आश्वासनपूर्ण गिरफ्तारी है कि आपको जेल में कुछ नहीं होगा, पूरी 5 स्टार सुविधा मिलेगी, मोबाइल फोन इस्तेमाल करने की अनुमति है। जब तक यह छोटा दाऊद केंद्रीय एजेंसियों के पास नहीं जाता, तब तक न्याय मिलने वाला नहीं है।"

मिनाखन के एसडीपीओ अमीनुल इस्लाम खान ने शाहजहां की गिरफ्तारी की पुष्टि करते हुए कहा कि बंगाल पुलिस ने टीएमसी नेता शेख शाहजहां को नॉर्थ 24 परगना के मिनाखन इलाके से गिरफ्तार किया है. कोर्ट में पेशी के लिए लाए गए शाहजहां शेख का पहला वीडियो सामने आया है,जहां वो पुलिस के आगे-आगे अकड़ में चल रहा है.

शाहजहां शेख की पहचान टीएमसी के एक ताकतवर और प्रभावशाली नेता के तौर पर है. वो संदेशखाली यूनिट का टीएमसी अध्यक्ष भी रह चुका है. पहली बार शाहजहां शेख उस समय चर्चा में आया, जब 5 जनवरी को ईडी की टीम शाहजहां से बंगाल राशन वितरण घोटाला मामले में पूछताछ करने पहुंची थी, उस समय उसके गुर्गों ने ईडी की टीम पर हमला कर दिया था. उसके बाद से ईडी लगातार पूछताछ के लिए शाहजहां शेख को समन जारी कर रही है, लेकिन ईडी टीम पर हमले के बाद से शाहजहां शेख फरार है और उसकी फरारी को 55 दिन हो चुके हैं.

संदेखशाली कब सुर्खियों में आया?

ईडी की टीम पर हमला होने के बाद संदेशखाली उस समय सुर्खियों में आया, जब वहां की महिलाओं ने शाहजहां शेख पर जमीन हड़पने और उसके गुर्गों पर यौन उत्पीड़न का आरोप लगाया. इस मामले को लेकर लेफ्ट और बीजेपी पार्टियों ने ममता सरकार के खिलाफ जमकर विरोध किया. संदेशखाली में धारा 144 लगाकर विपक्ष के नेताओं को वहां जाने से रोका गया, हालांकि बीजेपी के नेताओं ने बंगाल से लेकर दिल्ली तक इस मामले को उठाया और ममता सरकार पर दबाव बनाया कि संदेशखाली के सभी आरोपियों की गिरफ्तारी हो. हालांकि बंगाल पुलिस ने इसके गुर्गों को गिरफ्तार कर लिया था, लेकिन शाहजहां शेख पर हाथ डालने से पुलिस डर रही थी. कोलकाता हाई कोर्ट ने जब शाहजहां की गिरफ्तारी का आदेश दिया तो पुलिस ने एक्शन लेते हुए देर रात गिरफ्तार किया गया.

TMC बोली- कोर्ट के आदेश के 72 घंटों में गिरफ्तारी

वहीं टीएमसी के राज्यसभा सांसद साकेत गोखले ने बताया कि आज सुबह शाहजहां शेख की गिरफ्तारी हो चुकी है. जैसा कि हमारे जनरल सेक्रेटरी अभिषेक बनर्जी ने बताया था कि यह कलकत्ता हाई कोर्ट ने शाहजहां की गिरफ्तारी पर रोक लगा दी थी. हमने यह भी वादा किया था कि अगर हाई कोर्ट पुलिस के हाथ खुले छोड़ दे तो शेख शाहजहां को कुछ ही दिनों में गिरफ्तार कर लिया जाएगा. 26 फरवरी को कोर्ट ने गिरफ्तारी को लेकर छूट दी थी और 72 घंटे के अंदर बंगाल पुलिस ने शाहजहां को गिरफ्तार कर लिया.  

हालांकि देशभर में विरोध प्रदर्शन के बावजूद मोदी सरकार ने बृजभूषण शरण सिंह को गिरफ्तार नहीं किया और उन्हें लोकसभा सदस्य के तौर पर बहाल रखा गया. ममता सरकार और मोदी सरकार में यही अंतर है.
 

राशन वितरण घोटाले में ईडी ने जारी किया है समन

हाल ही में ईडी ने शाहजहां को राशन वितरण घोटाला मामले में पूछताछ में पेश होने के लिए समन जारी किया था, जिसमें 29 फरवरी यानी आज ही कोलकाता के CGO कॉम्प्लेक्स में पेश होना था. ईडी ने दावा किया है कि पश्चिम बंगाल के राशन वितरण घोटाले में करीब 10 हजार करोड़ रुपये का भ्रष्टाचार हुआ है. इस मामले में ईडी ने सबसे पहले बंगाल के पूर्व मंत्री ज्योतिप्रिय मल्लिक को गिरफ्तार किया था. बाद में टीएमसी नेता शाहजहां शेख और बनगांव नगर पालिका के पूर्व चेयरमैन शंकर आद्या की भी संलिप्तता भी सामने आई. इसी सिलसिले में 5 जनवरी को ईडी की टीम जब शाहजहां शेख के आवास पर छापा मारने पहुंची तो वहां उसके गुर्गों ने ईडी के अधिकारियों पर हमला कर दिया था.  

'भाजपा के लगातार आंदोलन की वजह से हुई गिरफ्तारी'

संदेशखाली मामले में शेख शाहजहां की गिरफ्तारी पर पश्चिम बंगाल भाजपा अध्यक्ष सुकांता मजूमदार ने कहा, "भाजपा के लगातार आंदोलन के चलते यह सरकार शेख शाहजहां की गिरफ्तारी के लिए बाध्य हुई। पहले तो यह सरकार मान ही नहीं रही थी कि ऐसा कुछ हुआ है… आज हमारे और संदेशखाली की माताओं-बहनों के आंदोलन के वजह से सरकार और ममता बनर्जी शेख शाहजहां की गिरफ्तारी के लिए बाध्य हुई।"
'TMC के इस राजधर्म से भाजपा को सीखना चाहिए'

शेख शाहजहां की गिरफ्तारी पर TMC नेता शांतनु सेन ने कहा, "शेख शाहजहां की गिरफ्तारी यह साबित करती है कि हमारी सरकार प्रशासनिक तरीके से राजधर्म का पालन करती है। जिस तरह से हमने अपने मंत्री पार्थ चटर्जी, ज्योतिप्रिया मलिक के खिलाफ कदम उठाए थे, उसी तरह हमने संदेशखाली मामले में आरोपी शिबू हाजरा, उत्तम सरदार के खिलाफ कार्रवाई की और अब शेख शाहजहां को भी गिरफ्तार किया गया है। अभिषेक बनर्जी ने पहले ही बोला था कोर्ट के स्टे ऑर्डर के कारण पुलिस शेख शाहजहां को गिरफ्तार नहीं कर पा रही है… स्टे ऑर्डर के हटने के 3-4 दिन के अंदर ही शेख शाहजहां को गिरफ्तार किया गया। एक तरफ भाजपा शासित राज्यों में जहां आरोपी नेता खुले आम घुमते हैं वहीं आरोपी TMC नेता के खिलाफ अगर सबूत है तो हमारी प्रशासन उसे नहीं छोड़ती। TMC के इस राजधर्म से भाजपा को सीखना चाहिए।"
संदेशखाली में महिलाओं के साथ उत्पीड़न का है आरोप

आपको बता दें कि शाहजहां पर संदेशखाली में कई महिलाओं के साथ उत्पीड़न का आरोप है। शेख 50 दिनों से अधिक समय से फरार चल रहा था। शाहजहां शेख पर आरोप है कि जब उसके घर पर छापा मारने गई प्रवर्तन निदेशालय की टीम पर कथित तौर पर भीड़ ने हमला कर दिया था। शेख की गिरफ्तारी की मांग को लेकर संदेशखाली इलाके के लोग पिछले एक महीने से हिंसक विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं। इस मामले में विपक्ष टीएमसी नेता शेख शाहजहां को लेकर लगातार ममता बनर्जी की सरकार को घेर रही है।