भोपाल
वन विहार राष्ट्रीय उद्यान भोपाल में वन्यप्राणी अंगीकरण योजना 01 जनवरी 2009 को प्रारंभ की गई थी। इस योजना अंतर्गत वी. आई. टी. भोपाल युनिवर्सिटी ने पर्यावरण तथा वन्यप्राणियों के संरक्षण के प्रति प्रेम की ओर अपनी प्रतिबद्धता प्रदर्शित करते हुये एक साथ तीन वन्यप्राणियों जिनमें मादा बाघ "गौरी", नर सिंह "सत्या" एवं नर तेंदुआ "जबलपुरिया" को वन विहार भोपाल में आयोजित कार्यक्रम में गोद लिया !
वीआईटी यूनिवर्सिटी भोपाल की असिस्टेंट वाईस प्रेसीडेंट सुश्री कादम्बरी एस. विश्वनाथन द्वारा वन विहार की संचालक श्रीमती पदमाप्रिया बालाकृष्णन को अंगीकरण हेतु तीनों वन्यप्राणियों के लिये आवश्यक राशि रूपये 5,00,000/- चैक के माध्यम से प्रदान की गई। तत्समय श्री एस. के. सिन्हा, सहायक संचालक वन विहार एवं वीआईटी यूनिवर्सिटी भोपाल के अन्य पदाधिकारी भी उपस्थित थे । वन विहार की संचालक श्रीमती पदमाप्रिया बालाकृष्णन द्वारा वीआईटी भोपाल की यूनिवर्सिटी की असिस्टेंट वाईस प्रेसीडेंट मिस कादम्बरी एस. विश्वनाथन को तीनों वन्यप्राणियों मादा बाघ "गौरी", नर सिंह "सत्या" एवं नर तेंदुआ "जबलपुरिया" के अंगीकरण सम्बंधी प्रमाण पत्र प्रदाय किये ।
कार्यक्रम के दौरान संचालक श्रीमती पदमाप्रिया बालाकृष्णन वन विहार और असिस्टेंट वाईस प्रेसीडेंट मिस कादम्बरी एस. विश्वनाथन, वीआईटी भोपाल यूनिवर्सिटी ने पक्षियों और जानवरों के आवासों को उनकी आवश्यकताओं और प्रकृति के अनुसार डिजाइन करने, चिड़ियाघर के वन क्षेत्र के लिए लैंडस्केप उद्यान विकसित करने के लिए वन विभाग और वीआईटी भोपाल विश्वविद्यालय के बीच भविष्य में सहयोग की संभावनाओं पर चर्चा की। मार्ग, महत्वपूर्ण स्थानों, जीपीएस ट्रैकिंग और पर्यटकों द्वारा देखे गए जानवरों और प्रजातियों के बारे में सभी जानकारी वाले स्कैनर के साथ एक एकीकृत डिजिटल सूचना बोर्ड विकसित करने पर भी एक प्रस्ताव के रूप में चर्चा की गई, जिसके लिए वन विभाग और वीआईटी भोपाल विश्वविद्यालय के बीच एमओयू किया जाएगा।