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इस्लामकोट में बन रहा इकलौता राम मंदिर, मुसलमान कारीगर बना रहे इमारत, 200 साल पुराना है इतिहास

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इस्लामाबाद
 अयोध्या में में हाल ही में राम मंदिर का उद्घाटन हुआ है। उसके बाद यूएई के अबू धाबी में भी एक विशाल मंदिर बना है, जिनकी काफी चर्चा रही है। इस सबके बीच पाकिस्तान में भी एक राम मंदिर बन रहा है। ये भले ही अयोध्या या अबू धाबी की तरह बड़ा नहीं है लेकिन वहां की अल्पसंख्यक हिन्दू आबादी के लिए काफी अहमियत रखता है और आस्था का केंद्र है। पाकिस्तान के डेरा रहीम यार खान के रहने वाले माखन राम जयपाल ने अपने एक यूट्यूब वीडियो में इस मंदिर का दर्शन किया है और इसके बारे में जानकारी दी है।

माखन राम जयपाल के मुताबिक, सिंध प्रांत के इस्लामकोट में करीब 200 साल पुराना राम मंदिर है। आसपास की हिन्दू आबादी के लोग यहां आकर पूजा अर्चना करते हैं। स्थानीय लोगों का कहना है कि ये पाकिस्तान का अकेला हिन्दू मंदिर है, जहां बाकायदा पूजा होती है। इस मंदिर की इमारत काफी पुरानी होने की वजह से जर्जर हो चुकी है। ऐसे में अब इसके बराबर में ही नई मंदिर की नई इमारत बनाई जा रही है। इस नई इमारत को बाबर और जुल्फिकार नाम के दो मुस्लिम युवक तैयार कर रहे हैं।

मंदिर बना रहे कारीगर और मजदूर सब मुस्लिम

माखन ने बताया है कि मंदिर बनाने में लगे कारीगरों के अलावा मजदूर भी मुसलमान ही हैं। इन लोगों ने कहा कि उनको अगले छह महीने में मंदिर की नई इमारत बन जाने की उम्मीद है। इसके बाद जो मूर्तियां पुराने मंदिर में रखी हैं। उनको पूरे विधान के साथ नई इमारत में विराजमान कर दिया जाएगा। इस मंदिर में भगवान राम, सीता और लक्ष्मण की मूर्तियों के अलावा भगवान शिव की मूर्ति भी स्थापित है।

मंदिर बना रहे बाबर ने बताया कि वह मदिंर इस्लामकोट में संत नेनुराम आश्रम भी बना चुके हैं। इस आश्रम की भी पाकिस्तान के हिंदू समुदाय में काफी प्रतिष्ठा है। ये आश्रम करीब 10 एकड़ जमीन पर फैला हुआ है, इसमें मंदिर और एक बड़ी विश्राम स्थल भी है। पाकिस्तान में आजादी से पहले बने अनेक मंदिर हैं। हालांकि ज्यादातर अब देखरेख की कमी के चलते खराब हालात में हैं।