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उप्र सिपाही भर्ती: पेपर लीक की प्रिंटिंग प्रेस में रची गई थी साजिश!

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लखनऊ

उत्तर प्रदेश पुलिस की सिपाही भर्ती परीक्षा (UP Police Exam) रद्द होने के बाद यूपी एसटीएफ (UP STF) इस परीक्षा का पेपर लीक करने वालों की तलाश में जुट गई है. STF ने इस मामले में भर्ती बोर्ड से जानकारी मांगी है. जैसे- किस एजेंसी के जरिए प्रश्न पत्र बना, किन विशेष विषय विशेषज्ञों का चयन हुआ, कैसे पेपर प्रिंटिंग प्रेस में छपकर परीक्षा केंद्रों तक पहुंचा आदि.  

यूपी एसटीएफ ने भर्ती बोर्ड से परीक्षा को लेकर पूरा ब्यौरा मांगा है. वहीं, दूसरी तरफ भर्ती बोर्ड अभ्यर्थियों के द्वारा मिली आपत्तियों के साथ मिले सबूत के आधार पर एफआईआर दर्ज कराने की तैयारी में जुटा है. संभावना है कि सोमवार को भर्ती बोर्ड के सचिव की तरफ से एफआईआर दर्ज करवाई जाएगी.

सीएम योगी सख्त

गौरतलब है कि रविवार को सीएम योगी आदित्यनाथ ने पेपर लीक करने वाले माफियाओं पर नजीर पेश करने वाली कार्रवाई का ऐलान किया था. खुद सीएम योगी ने पुलिस भर्ती परीक्षा रद्द कर एसटीएफ से जांच का आदेश दिया है. इसी क्रम में अब यूपी एसटीएफ ने पुलिस का पेपर लीक करने वाले सॉल्वर्स की धरपकड़ के लिए कड़ी से कड़ी को जोड़ना शुरू कर दिया है.

दरअसल, इस पूरी परीक्षा के दौरान सॉल्वर गैंग पर नकेल कसने के लिए एसटीएफ की टीमें पहले से लगी थीं. सूत्रों की माने तो एसटीएफ को 17 फरवरी की दूसरी पाली की परीक्षा के बाद ही पकड़े गए सॉल्वर और अभ्यर्थियों के पास से पेपर लीक संबंधी सबूत मिल गए थे. पकड़े गए अभ्यर्थियों और उनके मददगार व सॉल्वर के पास सिपाही भर्ती का पेपर पहले से ही मौजूद था.

एसटीएफ को पहले ही आशंका हो चली थी कि सिपाही भर्ती का पेपर लीक हो गया है. अब एसटीएफ ने इस मामले में जांच करते हुए जहां सोमवार को इस पूरे मामले को उजागर करने वाले दिल्ली के कोचिंग संचालक विवेक कुमार को सोशल मीडिया पर वायरल पेपर लीक के नेटवर्क को समझने के लिए बुलाया है, वहीं भर्ती बोर्ड से कुछ अहम जानकारियां भी मांगी है.

पर्ची में थे 150 में से 147 सवालों के जवाब
बिहार निवासी अभ्यर्थी सत्य अमन कुमार के पास से बरामद पर्ची में 150 में से 147 प्रश्न पेपर में आए थे। सत्य अमन के व्हाट्सएप पर 18 फरवरी की दोपहर 12:56 बजे नीरज यादव के नंबर से हाथ से लिखी गई उत्तर कुंजी भेजी गई थी। पुलिस ने जब केस दर्ज करने के बाद गहनता से तफ्तीश शुरू की तो पता चला कि पेपर में 150 प्रश्न आए थे, जिनमें से 147 प्रश्नों के उत्तर अमन के पास से मिली पर्ची में थे। परीक्षा से एक घंटे पहले प्रश्न व उसके उत्तर के मिलने से ये लगभग स्पष्ट है कि जहां से ये उत्तर कुंजी चली उसको प्रश्न पत्र पहले मिल गया। तभी उसने हल करके परीक्षा से एक घंटे पहले ही भेज दिया।

STF के सवाल

एसटीएफ ने पूछा है की परीक्षा कितनी एजेंसियों की मदद से करवाई गई, किस एजेंसी का क्या रोल था. परीक्षा का प्रश्न पत्र बनाने के लिए विशेषज्ञों का चयन किसने और कैसे किया? विषय विशेषज्ञों के द्वारा बनाए गए प्रश्न पत्र कैसे एक साथ कंपाइल कर एक पूरा प्रश्न पत्र तैयार कर किस प्रिंटिंग प्रेस में भेजा गया.

क्या है आशंका?

सूत्रों की माने तो आशंका है कि यह प्रश्न पत्र परीक्षा से एक या दो दिन पहले नहीं कई दिन पहले ही लीक हो गया था. आशंका है कि यह प्रश्न पत्र हैंड रिटेन फॉर्मेट में तैयार होने से लेकर प्रिंटिंग प्रेस में छपने के बीच ही लीक किया गया हो. आशंका यह भी है कि इस पेपर को लीक कर पैसा बनाने का धंधा पहले ही हो चुका था, जब परीक्षा पास आई तो ज्यादा पैसा कमाने के लिए या किसी अभ्यर्थी के द्वारा अपनी रकम निकालने के लिए इसे 25 हजार से लेकर 10 हजार में बच्चो के पास भेजा गया और मामला वायरल हो गया.

एसटीएफ अब जानकारी जुटा रही है कि पेपर वायरल करने वाले शख्स को कैसे पता कि यही पेपर परीक्षा में आएगा, भर्ती बोर्ड के द्वारा प्रश्न पत्र के कितने सेट बनवाए गए थे. एक पाली में प्रश्न पत्र के कितने सेट बने थे? और यह सभी प्रश्न पत्र कहां से बने और कहां से कब छपे थे? यही जानकारी से एसटीएफ  इस पेपर लीक की सच्चाई और असल गुनहगार को सामने लाने में जुट गई है.

फिलहाल, पूरे मामले में यूपी STF को भर्ती बोर्ड के द्वारा दर्ज करवाई जाने वाली एफआईआर का इंतजार है कि आखिर भर्ती बोर्ड अपनी आंतरिक रिपोर्ट के आधार पर एफआईआर में किसको नामजद करती है. संभावना जताई जा रही है कि सोमवार को भर्ती बोर्ड की तरफ से इस पूरे मामले में लखनऊ के थाने में एफआईआर दर्ज करवाई जा सकती है.