Home राज्यों से Rajasthan News: सत्ता के साथ मुद्दों ने भी बदले पाले, कांग्रेस के...

Rajasthan News: सत्ता के साथ मुद्दों ने भी बदले पाले, कांग्रेस के चुनावी मुद्दे पर भाजपा निकाल रही है यात्राएं

6

जयपुर.

राजनीति में कोई भी मुद्दा स्थाई और पक्ष या विपक्ष का नहीं होता। कई मुद्दे ऐसे होते हैं, जो सत्ता के साथ ही चलते हैं। राजस्थान की सबसे महत्वाकांक्षी पेयजल परियोजना ERCP इनमें से ही है। पिछले साल तक राजस्थान में सत्तासीन कांग्रेस का मुद्दा रहे ERCP को अब एमओयू साइन होने के बाद भाजपा भुना रही है। मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ERCP को लेकर पूर्वी राजस्थान में धन्यवाद यात्राएं निकाल रहे हैं। शनिवार को डीग में आयोजित ERCP की धन्यवाद सभा में भजनलाल शर्मा ने कांग्रेस पर तंज कसते हुए कहा था कि कांग्रेस उनके दिल्ली दौरों पर सवाल उठाती है।

गहलोत, पायलट और डोटासरा अक्सर दिल्ली जाते रहे हैं लेकिन वहां से कुछ लेकर नहीं आए। इधर कांग्रेस विधायक सचिन पायलट ने मुख्यमंत्री की यात्राओं पर सवाल उठाते हुए सरकार से साइन किया हुआ एमओयू दिखाने की बात कही। उन्होंने पूछा कि जितना पानी हम चाहते थे, क्या उतना पानी हमें पीने के लिए, सिंचाई के लिए और इंडस्ट्रीज को मिलेगा। पायलट ने कहा कि अब चुनाव आ रहे हैं तो धन्यवाद यात्राएं निकाली जा रही है। उन्होंने कहा कि विधानसभा में उस एमओयू पर चर्चा हो रही है, जिस एसओयू को सदन में रखा ही नहीं गया। लोकसभा चुनावों में पार्टी की तैयारियों पर उन्होंने कहा कि मुझे पूरा विश्वास है कि कांग्रेस पार्टी का प्रदर्शन पहले से बहुत बेहतर रहेगा।

विधानसभा चुनावों में कांग्रेस का मुद्दा था
गौरतलब है पिछले साल राजस्थान में हुए विधानसभा चुनावों में ईआरसीपी कांग्रेस का चुनावी मुद्दा था। इसे लेकर कांग्रेस ने प्रदेश भर में यात्राएं भी निकाली थी और उस समय भाजपा मुद्दे पर सवाल उठा रही थी। कांग्रेस सरकार में ईआरसीपी को लेकर जो डीपीआर तैयार की गई थी, उसमें परियोजना की लागत 37,247 करोड़ रुपए आंकी गई थी।

क्या था कांग्रेस के ईआरसीपी प्रोजेक्ट में —
0- इसमें झालावाड़, बारां, कोटा, बूंदी, सवाई माधोपुर, अजमेर, टोंक, जयपुर, दौसा, करौली, अलवर, भरतपुर, धौलपुर जिलों को पानी दिया जाना शामिल था।
0- योजना में 26 बड़ी और मध्यम श्रेणी की सिंचाई परियोजनाओं को जोड़े जाने का प्रावधान किया था।
0- इसमें 2 लाख हैक्टेयर के कमांड एरिया को जोड़ा जाना था। इसके अलावा दिल्ली-मुंबई इंडस्ट्रीय कॉरिडोर में आने वाले उद्योगों के लिए 286 एमसीएम पानी भी रिजर्व रखे जाने का प्रावधान किया गया था।
0- कांग्रेस सरकार के समय ईआरसीपी की डिटेल प्रोजेक्ट रिपोर्ट सीडब्ल्यूसी को सौंप दी गई थी लेकिन मध्यप्रदेश ने राजस्थान की डीपीआर पर आपत्ति जता दी थी।