चंडीगढ़/जयपुर.
यमुना नदी में आए बरसात के पानी को राजस्थान को देने को लेकर हरियाणा विधानसभा के बजट सत्र के चौथे दिन जमकर हंगामा हुआ। कांग्रेस ने इसका खुलकर विरोध किया और कहा कि प्रदेश में पहले से ही पानी की कमी है, इसलिए राजस्थान के साथ पानी देने का किया गया समझौता रद्द किया जाए। हालांकि, मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने साफ कर दिया कि समझौता रद्द नहीं किया जाएगा।
इस समझौते से हरियाणा और राजस्थान दोनों को लाभ है। हरियाणा को लाभ ये है कि चरखी दादरी, भिवानी और हिसार के इलाके को पानी मिलेगा। बजट पेश करते हुए मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने सदन को बताया कि बरसात के सीजन में यमुना नदी में 24 हजार क्यूसेक से अधिक पानी हो जाता है। इसे पानी की कमी से जूझ रहे इलाकों में ले जाया जाएगा। हरियाणा के तीनों जिलों में पानी पहुंचाने के लिए पाइपलाइन बिछाई जाएगी। इसके अलावा राजस्थान में पानी ले जाने के लिए पाइप लाइन राजस्थान सरकार बिछाएगी। इससे जहां राजस्थान को पीने के लिए पानी मिलेगा, वहीं हरियाणा के अन्य जिलों में बाढ़ की संभावना कम होगी और तीन जिलों को सिंचाई के लिए पानी मिल सकेगा।