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कांग्रेस ने केंद्र की भारतीय जनता पार्टी सरकार पर ‘आर्थिक आतंकवाद’ शुरू करने का आरोप लगाया

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नई दिल्ली
कांग्रेस ने गुरुवार को केंद्र की भारतीय जनता पार्टी सरकार पर 'आर्थिक आतंकवाद' शुरू करने का आरोप लगाया। साथ ही पार्टी ने दावा किया कि उसके बैंक खातों से 65 करोड़ रुपये से अधिक की राशि 'डाका डालकर' निकाल ली गई ताकि लोकसभा चुनाव से पहले उसे आर्थिक रूप से अपाहिज बनाया जा सके। पार्टी के संगठन महासचिव केसी वेणुगोपाल ने यह आरोप भी लगाया कि भाजपा दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र को 'तानाशाही राज' में बदलने का प्रयास कर रही है।

कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने कहा कि लोकसभा चुनाव से पहले कांग्रेस को आर्थिक रूप से अपंग बनाने की कोशिश हो रही है। उन्होंने संवाददाताओं से कहा, 'यह कांग्रेस की आर्थिक रूप से हत्या करने का प्रयास नहीं है, बल्कि लोकतंत्र की हत्या है।' रमेश ने दावा किया कि इस 'कर आतंकवादी हमले' के जरिये यह प्रयास हो रहा है कि कांग्रेस लोकसभा चुनाव मजबूती से नहीं लड़ सके।

वेणुगोपाल ने कहा, 'भाजपा द्वारा कांग्रेस के खिलाफ आर्थिक आतंकवाद शुरू किया गया है। हमें यह पैसा आम लोगों और कार्यकर्ताओं से मिला है। लोकसभा चुनाव से पहले मुख्य विपक्षी दल के खातों को एक तरह से हाईजैक कर लिया गया है।' उन्होंने आरोप लगाया, 'बुनियादी बात है कि बैंकों से हमारे पैसे चुराए जा रहे हैं… यह चुनाव में विपक्ष को समान अवसर से वंचित करने का प्रयास है।' वेणुगोपाल ने कहा, 'हम लड़ेंगे। हम अधिकरण के पास गए हैं… हम जनता के पास जाएंगे, क्योंकि जनता ही मालिक है।' उन्होंने आरोप लगाया कि भाजपा दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र को तानाशाही राज में बदलना चाहती है।

कांग्रेस के कोषाध्यक्ष अजय माकन ने आरोप लगाया, 'भाजपा की सरकार ने सभी विपक्षी दलों और कांग्रेस के खिलाफ आर्थिक आतंकवाद शुरू कर दिया है…हमारे खातों पर डाका डालकर मोदी सरकार पैसे ले गई है।' उन्होंने कहा कि पार्टी, भारतीय युवा कांग्रेस और एनएसयूआई के खातों से 65,88,81,474 करोड़ रुपये निकाले गए हैं। भारतीय युवा कांग्रेस के अध्यक्ष श्रीनिवास बी. वी. ने आरोप लगाया कि उनके संगठन के खातों से जो पैसा निकाला गया, वह कार्यकर्ताओं ने जमा किया था। उन्होंने कहा कि जनता इस तानाशाहीपूर्ण रवैये का जवाब देगी। आयकर विभाग ने पिछले दिनों 210 करोड़ रुपये की रिकवरी की मांग का हवाला देते हुए कांग्रेस के प्रमुख खाते ‘फ्रीज’ कर दिए थे। हालांकि बाद में आयकर अपीलीय अधिकरण ने अगली सुनवाई होने तक उसके खातों पर से रोक हटा दी थी।