नई दिल्ली
आम आदमी पार्टी और कांग्रेस के बीच दिल्ली में लोकसभा सीटों का बंटवारा हो चुका है। दोनों पार्टियों के सूत्रों का कहना है कि दिल्ली में आम आदमी पार्टी 4 लोकसभा सीटों पर मैदान में उतरेगी, वहीं कांग्रेस तीन सीटों पर लड़ेगी। अब खबर है कि दोनों दलों के बीच हरियाणा, गोवा और गुजरात में भी सीटों पर डील होनी है। इसे लेकर बातचीत चल रही है। दोनों दलों में पंजाब पर सहमति नहीं बन सकी है। आम आदमी पार्टी और कांग्रेस का कहना है कि हम सभी सीटों पर लड़ेंगे। यदि हरियाणा, गोवा और गुजरात में कांग्रेस के साथ AAP का समझौता होता है तो यह अरविंद केजरीवाल की पार्टी के लिए फायदे का सौदा होगा।
इसकी वजह यह है कि हरियाणा में अब तक AAP का कोई खास आधार नहीं है। उसे स्थानीय चुनाव में जरूर छिटपुट सफलता मिली थी, लेकिन असेंबली या फिर लोकसभा का कोई मेंबर नहीं है। यही नहीं गुजरात में भले उसने करीब आधा दर्जन विधायक जिता लिए थे, लेकिन बड़ा जनाधार कांग्रेस का ही है। ऐसे में आम आदमी पार्टी को यदि कुछ सीटों पर कांग्रेस के समर्थन से उम्मीदवार खड़े करने का मौका मिलता है तो उसे अपने विस्तार की दिशा में बड़ी सफलता मिलेगी। गोवा में भी आम आदमी पार्टी गठबंधन की कोशिश में है।
खबर है कि चंडीगढ़ पर भी समझौता हुआ है और यहां आम आदमी पार्टी का कैंडिडेट खड़ा होगा, जिसे कांग्रेस की ओर से समर्थन दिया जाएगा। दिल्ली में हुए समझौते के अनुसार कांग्रेस के खाते में पूर्वी दिल्ली, चांदनी चौक और उत्तर पूर्व दिल्ली की सीट आई है। सूत्रों का कहना है कि आम आदमी पार्टी जो पहले कांग्रेस को एक ही सीट देने जा रही थी, उसने दूसरे राज्यों में डील के चलते दिल्ली में उदारता दिखाई है। आम आदमी पार्टी को लगता है कि इस डील के चलते उसे दिल्ली से बाहर दूसरे राज्यों में भी विस्तार करने का मौका मिल जाएगा।