इंदौर
सामान्यत: भरण पोषण के मामलों में न्यायालय पति को आदेश देता है कि वह पत्नी को भरण पोषण के लिए एक निश्चित रकम का भुगतान करे, लेकिन इंदौर कुटुम्ब न्यायालय ने एक पारिवारिक विवाद में पत्नी को आदेश दिया है कि वह पति को प्रतिमाह पांच हजार रुपये भरण पोषण के रूप में अदा करें। दरअसल पति ने यह कहते हुए भरण पोषण का केस दर्ज किया था कि उसके पास भरण पोषण का कोई इंतजाम नहीं है जबकि उसकी पत्नी ब्यूटी पार्लर संचालिका है और अच्छा पैसा कमाती है।
एडवोकेट मनीष झारोले ने बताया कि अमन और नंदिनी के बीच प्रेम था। दोनों ने जुलाई 2021 में आर्य समाज में शादी कर ली और इंदौर में कमरा किराए से लेकर रहने लगे। आरोप है कि नंदिनी ने अमन को जबरन अपने साथ रखा था। वह एक दिन मौका पाकर भाग गया और उसने एडवोकेट के माध्यम से कुटुम्ब न्यायालय में पत्नी के खिलाफ भरण पोषण का केस दायर कर दिया। इसमें अमन की तरफ से तर्क रखा गया कि वह स्वयं का भरण पोषण करने में असमर्थ है जबकि उसकी पत्नी पार्लर का व्यवसाय करती है।
अमन ने कोर्ट को यह भी बताया कि वह सिर्फ 12वीं तक पढ़ा है जबकि उसकी पत्नी स्नातक है। एडवोकेट झारोले ने बताया कि अपनी बात के समर्थन में उन्होंने नंदिनी द्वारा पुलिस को दिए गए बयान भी प्रस्तुत किए। इनमें उसने खुद को ब्यूटी पार्लर संचालिका बताया था। कुटुम्ब न्यायालय ने अमन की तरफ से रखे गए तर्कों से सहमत होते हुए पत्नी नंदिनी को आदेश दिया कि वह प्रतिमाह पांच हजार रुपये भरण पोषण के रूप में अदा करे। इसके अलावा उसे वाद व्यय का भुगतान भी करना होगा।