देहरादून
देहरादून (Dehradun) में एसटीएफ की साइबर क्राइम टीम (cyber crime) ने 80 लाख रुपये की धोखाधड़ी करने वाले गिरोह का पर्दाफाश किया है. पुलिस ने शातिर आरोपी को दिल्ली से अरेस्ट किया है. पुलिस का कहना है कि आरोपी ने ठगी की घटनाओं को अंजाम देने के लिए मशीन टू मशीन सिम का इस्तेमाल किया था. गिरोह ने अन्य राज्य में बैठकर लाखों की ऑनलाइन धोखाधड़ी की.
एसटीएफ (STF) की टीम ने इस मामले में शिकायत मिलने के बाद जांच पड़ताल शुरू की थी. यह पूरा मामला करोड़ों की धोखाधड़ी का बताया जा रहा है. गिरफ्तार किए गए आरोपी से पुलिस पूछताछ में जुटी है.
देहरादून एसटीएफ एसएसपी ने बताया कि m2m सिम के जरिए गिरोह के मास्टरमाइंड मुदस्सिर मिर्जा ने पूरी घटना को अंजाम दिया. आरोपी ने कॉरपोरेट आईडी के नाम पर हजारों की संख्या में एमटूएम सिम कार्ड इश्यू करवाए. ऐसा करने के लिए अलग-अलग राज्यों में ऑफिस किराए पर लिए गए और कॉरपोरेट आईडी पर अलग-अलग समय पर 45 हजार सिम कार्ड खरीदे.
एसटीएफ ने कहा है कि मशीन टू मशीन सिम के जरिए देशभर में करोड़ों रुपये की धोखाधड़ी का मामला हो सकता है. पकड़े गए आरोपी से पूछताछ जारी है. वहीं एसटीएफ ने गिरोह के अन्य सदस्यों की तलाश शुरू कर दी है.
एम2एम कम्युनिकेशन क्या है, कैसे करता है काम?
एम2एम कम्युनिकेशन आमतौर पर मशीनों के बीच होता है, जहां नेटवर्क डिवाइस बिना किसी मानवीय हस्तक्षेप के सूचनाओं का आदान-प्रदान करते हैं. यह रेगुलर सिम से अलग है, जिसे एक फोन से दूसरे फोन में ट्रांसफर किया जा सकता है. डेबिट, क्रेडिट कार्ड स्वाइपिंग मशीन, पीओएस (प्वाइंट-ऑफ-सेल) डिवाइस जैसे उपकरण एम2एम संचार में शामिल हैं.
इस प्रकार के कम्युनिकेशन का उपयोग गोदाम प्रबंधन, रोबोटिक्स, यातायात नियंत्रण, रसद सेवाओं, आपूर्ति श्रृंखला प्रबंधन, बेड़े प्रबंधन, रिमोट कंट्रोल आदि में भी किया जाता है. इसके अलावा इसका उपयोग उभरती प्रौद्योगिकियों जैसे इंटरनेट ऑफ थिंग्स (आईओटी) उपकरणों के लिए किया जा रहा है.
फर्जी कंपनी बनाकर खरीदे गए M2M सिम
पुलिस का कहना है कि आरोपी ने अपने अन्य साथियों के साथ मिलकर फर्जी कंपनी तैयार कर उसके नाम पर सिम खरीदे. आरोपी ने फर्जी वेबसाइट पर खुद को 'Indira Securities' नाम की कंपनी का कर्मचारी और अधिकारी बताया था. उसने लोगों को वॉट्सएप कॉल और मैसेज कर स्टॉक ट्रेडिंग में निवेश की जानकारी देकर अधिक लाभ कमाने का लालच दिया.
इसके बाद उन्हें विश्वास में लेकर अलग-अलग फर्जी वॉट्सएप ग्रुप में जोड़ा और लिंक के माध्यम से अलग-अलग App डाउनलोड करवाकर इन्वेस्ट के नाम पर लोगों से धोखाधड़ी की. धोखाधड़ी कर जमा की गई राशि को अलग-अलग बैंक खातों में ट्रांसफर कर दी.
इस मामले में एसटीएफ ने गहराई से मामले की जांच शुरू कर दी है. दिल्ली में 3 हजार एमटूएम सिम कार्ड बरामद किए गए हैं. बचे हुए सिम कहां चल रहे हैं, इसका पता लगाने का प्रयास किया जा रहा है. टेलीकॉम कंपनी से भी पूछताछ जारी है. एसएसपी एसटीएफ ने लोगों से सावधानी बरतने की अपील की है.