इंदौर
इंदौर में प्रशासन ने ई रिक्शा चालकों के लिए रूट तय कर दिए हैं। इसके विरोध में हड़ताल शुरू हो गई है। इंदौर के चिमनबाग मैदान पर शहर के 7000 से अधिक ई रिक्शा चालक सुबह से जमा हो गए हैं। ई रिक्शा चालकों की हड़ताल का नेतृत्व कर रहे राजेश बेडवाल ने कहा कि रूट तय करने से ई रिक्शा चालकों की रोज की 500 से 600 रुपए तक होने वाली कमाई ₹100 से ₹200 तक पहुंच जाएगी।
इसमें तो वह अपने रिक्शा की किश्त भी नहीं कर भर पाएंगे। प्रशासन ने पहले ई-रिक्शा खरीदने के लिए प्रोत्साहित किया और जरूरतमंदों को ई-रिक्शा दिलाया ताकि वह अपना व्यवसाय शुरू कर सकें और मेहनत की रोजी-रोटी खा सकें लेकिन अब यही प्रशासन ई रिक्शा चालकों से धोखेबाजी करते हुए उनका काम धंधा बंद करवाने पर तुला हुआ है।
प्रशासन को ही सौंप देंगे चाबी
मैदान में जुटे ई रिक्शा चालकों ने कहा कि वह अनिश्चितकालीन हड़ताल पर हैं और जब तक प्रशासन नए रूट वाली नीति को खत्म नहीं करता तब तक यह हड़ताल जारी रहेगी। यदि प्रशासन उनकी बात नहीं मानेगा तो वह अपने ई रिक्शा की चाबी प्रशासन को ही सौंप देंगे और काम धंधा बंद कर देंगे। प्रशासन ही पूरी किश्त चुकाए और उनके परिवार पाले।
इंदौर जिला प्रशासन द्वारा यातायात सुधार के नाम पर ई-रिक्शा संचालन के लिए 23 रूट किए हैं, जहां पर ऑटो को संचालित किया जाएगा। इंदौर बैटरी ऑटो रिक्शा चालक महासंघ के सिद्धार्थ पवार, नमन कोल, हरि ओम खर्राटे ने बताया कि शहर में चलने वाले 7 हजार बैटरी ऑटो रिक्शा को मात्र 23 रूटों में बांट दिया है। प्रत्येक रूट पर 350 से 400 बैटरी ऑटो संचालित होंगे। सवारी के लिए आपसी संघर्ष शुरू हो जाएगा एवं सड़कों पर यातायात बाधित होगा।
पूरे शहर में जिन रूट को दर्शाया गया है, वहां पर एक भी बैटरी ऑटो रिक्शा स्टैंड नहीं है। सवारियां रोड से ही लेना पड़ेगी, जिससे ट्रैफिक बाधित होगा। राजवाड़ा पर सिर्फ बैटरी ऑटो रिक्शा के आवागमन पर प्रतिबंध लगाने का प्रयास चल रहा है। जबकि सिटी बसों को सवारी भरने की स्वतंत्रता दी जा रही है। इससे सभी बैटरी ऑटो रिक्शा चालकों में जबर्दस्त विरोध है। आगामी 21 से 23 फरवरी तक सभी बैटरी ऑटो काम बंद हड़ताल पर चले जाएंगे।
चालकों की हुई बैठक
इस संबंध में एक महत्वपूर्ण बैठक श्रम आंदोलन के संस्थापक अध्यक्ष राजेश बिडकर की अध्यक्षता में नेहरू पार्क में हुई। जिसमें बड़ी संख्या में बैटरी ऑटो रिक्शा चालक मौजूद थे। बिडकर ने कहा कि सिटी बस को राजवाड़ा क्षेत्र में संचालित करवा रहे हैं। वहीं गरीब बैटरी ऑटो रिक्शा वालों को रूट देकर भगाना चाहते हैं। प्रशासन की नीति सबके लिए समान होना चाहिए।
राजवाड़े पर बसों पर भी सवारी ले जाने पर प्रतिबंध लगाना चाहिए, क्योंकि सबसे ज्यादा ट्रैफिक को बाधित करते हैं। नई बैटरी ऑटो रजिस्ट्रेशन पर रोक लगे एवं रूट की विसंगतियां जब तक दूर ना हो जाए, बैटरी ऑटो रिक्शा स्टैंड ना बन जाए तब तक इस बारे में किसी भी तरह का फैसला जिला प्रशासन ना ले।