Home मध्यप्रदेश बागेश्वर धाम में सामूहिक विवाह समारोह में लाखों लोग होंगे शामिल

बागेश्वर धाम में सामूहिक विवाह समारोह में लाखों लोग होंगे शामिल

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गढ़ा
देश के प्रख्यात तीर्थ क्षेत्र बागेश्वर धाम ग्राम गढ़ा में एक मार्च से 8 मार्च तक आयोजित होने वाले 5वें 151 कन्या विवाह महोत्सव और अतिविष्णु महायज्ञ में देश-प्रदेश के साथ-साथ जिले के हर गांव के लाखों लोग शामिल होंगे। सोमवार को बागेश्वर धाम पर आचार्य धीरेन्द्र कृष्ण शास्त्री के साथ राजनगर, गौरिहार और लवकुशनगर जनपद पंचायत के सैकड़ों सरपंचों और पंचायत सचिवों ने सौजन्य भेंट कर यह संकल्प लिया। बैठक में जनपद सीईओ राकेश शुक्ला, गोविंद सिंह राजपूत भी उपस्थित रहे।

इस बैठक में पं. धीरेन्द्र कृष्ण शास्त्री ने सभी सरपंचों और पंचायत सचिवों से आह्वान किया कि इस वर्ष बागेश्वर धाम पर 151 कन्याओं का नि:शुल्क विवाह समारोह 8 मार्च को आयोजित किया जाएगा। इसके पहले 1 मार्च से 7 मार्च तक धाम पर विश्व कल्याण और शहीदों की आत्मशांति हेतु श्रीअति विष्णु महायज्ञ एवं पं. इन्द्रेश महाराज के द्वारा श्रीमद् भागवत कथा की जाएगी।

उक्त कार्यक्रम में बेटियों के कन्यादान के लिए सभी लोग आमंत्रित हैं। इस मौके पर बागेश्वर महाराज की अपील के बाद सरपंच, सचिवों ने कहा कि वे इस कार्यक्रम के लिए अपने-अपने गांव में पीले चावल वितरित कर लोगों को आमंत्रित करेंगे।

पं. धीरेंद्र शास्त्री बोले- जीवन को ईश्वर के चिंतन में लगाकर करें धन

सिद्ध क्षेत्र बागेश्वर धाम में श्रीमद्भागवत कथा की गंगा बह रही है। कथा व्यास बागेश्वर धाम पीठाधीश्वर पं. धीरेन्द्र कृष्ण शास्त्री हजारों कथा प्रेमियों को जीवन से जुड़े रोचक प्रसंग सुनाकर जीवन धर्ममय बनाने की प्रेरणा दे रहे हैं।

कथा महोत्सव के छठवें दिन महाराजश्री ने धर्मप्रेमियों से कहा कि जीवन नश्वर है। लेकिन, अगर इससे ईश्वर के चिंतन में लगाएंगे तो यह जीवन धन्य हो जाएगा। उन्होंने कहा कि धरती पर जिसने भी जन्म लिया उसे एक न एक दिन जाना है। लेकिन, अगर जीवन को भगवान के स्मरण में लगाया जाएगा तो इस जीवन का रूप बदल जाएगा।

बागेश्वर धाम स्थित विशाल कथा मैदान में देश भर के हजारों कथा प्रेमी कथा सुनने के लिए एकत्रित हुए हैं। कई वर्षों बाद महाराजश्री अपने गांव में कथा कर रहे हैं। कथा क्रम के छठवें दिन महाराजश्री ने कहा कि देश में एक से बढ़कर एक संत हुए जिन्होंने अपना जीवन सिर्फ ईश्वर की आराधना में लगाया है। ऐसी महान विभूतियों से हमें यह प्रेरणा मिलती है कि हम अपना समय व्यर्थ के कार्यों में न गंवाकर भक्ति में लगाएं।

महाराजश्री ने भगवान श्रीकृष्ण की बाल लीलाओं का सरस वर्णन किया। संगीतमय श्रीमद्भागवत कथा के अवसर पर हर प्रसंग में कथा प्रेमी खुद को झूमने से नहीं रोक पाए।