आबू रोड.
बोर्ड के गठन के तीन साल बाद भी आबूरोड नगरपालिका में लंबे समय से बोर्ड की साधारण बैठक नहीं हुई है। इसके कारण शहर में विकास कार्यों को गति नहीं मिल पा रही है। आमजन परेशान हैं इसी के चलते आए दिन वार्ड पार्षदों को उनकी नाराजगी का सामना करना पड़ रहा है। पार्षदों द्वारा नगरपालिका प्रशासन से कई बार आग्रह के बाद भी साधारण बैठक नहीं बुलाई जा रही है।
गौरतलब है कि दिसंबर 2020 में नगरपालिका के वर्तमान बोर्ड का गठन हुआ था। 29 जनवरी 2021 को बोर्ड के पहले साल के कार्यकाल में पहली तथा 20 सितंबर 2021 को दूसरी साधारण बैठक आयोजित हुई थी। इसके बाद से अब तक साधारण बैठक नहीं बुलाई गई। गत वर्ष फरवरी में बजट बैठक आखिर बैठक थी, जिसमें पार्षदों द्वारा शहर के विकास को लेकर चर्चा करवाने की मांग की गई थी। उस दौरान नगरपालिका प्रशासन द्वारा बजट बैठक में अन्य मुद्दों के बारे में चर्चा करवाने से इंकार करते हुए जल्द ही बोर्ड की बैठक बुलाने का भी आश्वासन दिया गया था। नगरपालिका अधिनियम 2009 के तहत हर 3 महीने में अनिवार्य रूप से बोर्ड की साधारण बैठक आयोजित करने का प्रावधान है। लंबे समय से बैठक नहीं किए जाने से अब तक न तो वेंडर जोन बन पाए हैं और ना ही शहर में व्याप्त विभिन्न समस्याओं का समाधान हो पा रहा है। नगरपालिका कार्यालय के बार-बार चक्कर काटने के बाद भी लोगों को कोई संतोषप्रद जवाब नहीं मिल रहा है। इससे शहर के अधिकांश लोग नाराज हैं तथा वार्ड पार्षदों को उनकी नाराजगी का सामना करना पड़ रहा है।
पार्षदों का आरोप है कि एम्पावर्ड कमेटी की आड़ में नगरपालिका द्वारा जनप्रतिनिधियों एवं बोर्ड के अधिकारों का उपयोग किया जा रहा है। एम्पावर्ड कमेटी में क्या विषय रखे गए, उन पर क्या निर्णय हुआ उसके विवरण की कोई प्रति किसी भी सदस्य को उपलब्ध नहीं करवाई जा रही है। जबकि ऐसा किया जाना अनिवार्य है। इस मामले में नगरपालिका में नेता प्रतिपक्ष कांतिलाल परिहार का कहना है कि आबूरोड में राजस्थान नगर पालिका अधिनियम 2009 की खुलेआम अवहेलना की जा रही है। बीते करीब 40 महीने के कार्यकाल में केवल 2 साधारण बैठक एवं 3 बजट बैठक हुई है। जबकि नियमानुसार कम से कम 19 साधारण बैठक होनी चाहिए थी। बोर्ड की बैठक समय से नहीं होने से पार्षद ना तो अपने वार्ड की समस्या नगरपालिका प्रशासन के समक्ष रह पा रहे हैं और न ही नगरपालिका द्वारा किए जाने वाले कार्यों की पार्षदों को कोई जानकारी मिल रही है।
नगरपालिका में बैठक बुलाने का अधिकार EO को होता है। आबूरोड में स्थाई EO के नहीं होने से बैठकें नहीं हुई हैं। इस मामले में राज्य सरकार से रिक्त पद पर जल्द नियुक्ति करवाने की मांग की गई है। इसके बाद पार्षदों की शिकायत का समाधान हो सकेगा।