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मुख्यमंत्री डॉ. यादव करेंगे 50वें खजुराहो नृत्य समारोह- 2024 एवं लोकरंजन समारोह का शुभारंभ

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मुख्यमंत्री डॉ. यादव करेंगे 50वें खजुराहो नृत्य समारोह- 2024 एवं लोकरंजन समारोह का शुभारंभ

सात दिवसीय समारोह में होंगी कई सांस्कृतिक प्रस्तुतियाँ

खजुराहो नृत्य समारोह- 2024 : रोमांच प्रेमियों को म.प्र. टूरिज्म की ओर से मिलेगी सौगात

भोपाल

मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव "खजुराहो नृत्य समारोह- 2024" का 20 फरवरी को शुभारंभ करेंगे। विश्व धरोहर स्थल खजुराहो की धरती एक बार फिर शास्त्रीय नृत्य की गरिमामय प्रस्तुतियों से गुंजायमान होगी। 1975 में खजुराहो नृत्य महोत्सव शुरू हुआ। इस वर्ष अपना स्वर्णजयंती वर्ष मना रहा है। इस उपलब्धि को खास एवं यादगार बनाने के लिये संस्कृति विभाग द्वारा कथक कुंभ का आयोजन किया जा रहा है, जिसमें पहले दिन 20 फरवरी, 2024 को कथक नृत्य के 1500 से 1800 कलाकारों द्वारा सामूहिक नृत्य ‘‘कथक कुंभ’’ प्रस्तुत कर ‘‘विश्व रिकॉर्ड’’ स्थापित किया जायेगा। समारोह की पूर्व संध्या पर कलाकारों द्वारा रिहर्सल की गई। इस प्रस्तुति को पं. राजेंद्र गंगानी द्वारा कोरियोग्राफ किया जा रहा है। इस दौरान संचालक, संस्कृति एन.पी. नामदेव, उप-संचालक, संस्कृति श्रीमति वंदना पाण्डेय, निदेशक, उस्ताद उलाउद्दीन खां संगीत एवं कला अकादमी जयंत भिसे एवं अन्य अधिकारी उपस्थित रहे। संस्कृति विभाग द्वारा उस्ताद अलाउद्दीन खाँ संगीत एवं कला अकादमी के माध्यम से खजुराहो में प्रतिवर्ष खजुराहो नृत्य समारोह का आयोजन मध्यप्रदेश पर्यटन विभाग एवं भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण की सहभागिता से किया जाता है। पश्चिमी मंदिर समूह परिसर में चंदेलकालीन कंदारिया महादेव मंदिर तथा देवी जगदंबा मंदिर के मध्य विशाल मुक्ताकाशी मंच पर यह उत्सव 26 फरवरी तक आयोजित किया जाएगा।

वहीं "आदिवर्त संग्रहालय" खजुराहो के प्रभारी अधिकारी अशोक मिश्र ने कहा कि संग्रहालय द्वारा पारंपरिक कलाओं का राष्ट्रीय समारोह लोकरंजन का आयोजन 20 से 26 फरवरी, 2024 तक प्रतिदिन सायं 05 बजे से किया जाएगा। समारोह के उद्घाटन अवसर पर सांसद खजुराहो वी. डी. शर्मा, संस्कृति, पर्यटन और धार्मिक न्यास एवं धर्मस्व राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) धर्मेंद्र सिंह लोधी, प्रमुख सचिव पर्यटन एवं संस्कृति विभाग शिव शेखर शुक्ला, संचालक संस्कृति एनपी नामदेव उपस्थित होंगे। खजुराहो नृत्य समारोह में प्रमुख शास्त्रीय नृत्य शैलियों जैसे भरतनाट्यम, ओडिसी, कथक, मोहिनीअटट्म, कुचिपुड़ी, कथकली, सत्रिया के कलाकार अपनी प्रस्तुतियाँ देंगे। लोकरंजन समारोह में विभिन्न राज्यों के जनजातीय और लोक नृत्यों के साथ गायन प्रस्तुतियां दी जायेंगी।

रोमांच प्रेमियों को म.प्र. टूरिज्म की ओर से मिलेगी सौगात

महोत्सव के दौरान खजुराहो में देश-विदेश से पहुंचने वाले सैलानियों को रोमांच का अनुभव भी मिलेगा। म.प्र. टूरिज्म बोर्ड द्वारा विभिन्न रोमांचक गतिविधियां आयोजित की जाएंगी। रोमांच प्रेमियों के लिए स्काई डाईविंग (20-25 फरवरी 2024), कैम्पिंग, ट्रेल जॉय राइड, वाटर एडवेंचर, स्पीड बोट, बनाना राईड, शिकारा बाईड, राफ्टिंग, विलेज टूर, ई-बाइक टूर, रानेह फॉल टूर, दतला पहाड़, सेगवे टूर, खजुराहो नाईट टूर, फॉर्म टूर जैसी गतिविधियां आयोजित की जायेंगी।

 मध्यप्रदेश रूपंकर कला पुरस्कार/प्रदर्शनी एवं अलंकरण

खजुराहो महोत्सव के प्रथम दिन मध्यप्रदेश रूपंकर कला पुरस्कार/प्रदर्शनी एवं अलंकरण होगा। इसमें राज्य शासन द्वारा प्रदेश के विख्यात रूपंकर कलाकारों के नाम से स्थापित दस राज्य स्तरीय पुरस्कार चयनित कलाकारों को प्रदान किये जाएंगे।

महोत्सव के दौरान होंगी विभन्न गतिविधियां

नेपथ्य- भारतीय नृत्य शैलियों का सांस्कृतिक परिदृश्य एवं कलायात्रा का आयोजन किया जाएगा।

प्रदर्शनी के अन्तर्गत शास्त्रीय, लोक और जनजातीय नृत्य रूपाकारों के परिधान, आभूषण, अलंकरण, साहित्य और संगीत वाद्यों के साथ-साथ चित्र शैलियाँ एवं पर्व-त्योहार अर्थात् समग्रता में कला और संस्कृति को प्रदर्शित किया जाएगा।

कलावार्ता- कलाकार और कलाविदों का संवाद

संस्कृति के विभिन्न अनुशासनों के कला मर्मज्ञों एवं कलाकारों के बीच संस्कृति संवाद के साथ ही विभिन्न कलारूपों के प्रतिनिधि, प्रस्तुतिकार, कला समीक्षक, कलामर्मज्ञ एवं विद्वतजन भारतीय कलाओं और उनमें निहित दर्शन पर श्रोताओं से गम्भीर विमर्श करेंगे।

हुनर- देशज ज्ञान एवं कला परम्परा का मेला

हुनर शिल्प मेले में सभी वर्गों की परम्परा के अनुरूप रूपाकारों/कलाकारों द्वारा निर्मित मिट्टी शिल्प, काष्ठ शिल्प, लौह शिल्प, बाँस शिल्प, कपड़ा बुनाई-रंगाई-छपाई आदि शिल्प परम्परा की निर्माण प्रक्रिया, तकनीक और डिजाइन उन्नयन का प्रदर्शन किया जाएगा।

वर्तनी : ललित कलाओं का मेला

आर्ट-मार्ट कला प्रदर्शनी के अन्तर्गत ललित कलाओं जैसे मूर्ति शिल्प, चित्रांकन, छायाचित्र, छापा चित्र, काष्ठ शिल्प आदि के कलाकार अपनी कृतियाँ प्रदर्शित करते हैं।

समष्टि: टेराकोटा और सिरेमिक राष्ट्रीय प्रदर्शनी-कार्यशाला

देश भर के टेराकोटा एवं सिरेमिक माध्यम पर कार्य करने वाले कलाकार अपने भीतर उठने वाली रचनात्मक हिलोरों को साकार कर प्रदर्शनी में प्रदर्शित करेंगे। भारत की संस्कृति में माटी शिल्प की पुरानी परंपरा को प्रोत्साहित करने के उद्देश्य से समष्टि कार्यशाला का आयोजन किया जा रहा है। नृत्य की अन्य गतिविधियों के रूप में दक्षा मध्य सांस्कृतिक केन्द्र, नागपुर द्वारा ‘‘लोकनृत्य’’ की प्रस्तुतियों का आयोजन किया जायेगा।

वर्तनी : अन्तर्राष्ट्रीय छापा कला

अन्तर्राष्ट्रीय ‘‘प्रिंट विनाले’’ में भारत भवन, भोपाल द्वारा अन्तर्राष्ट्रीय ज्यूरी से पुरस्कृत 50 छापा चित्रों (प्रिंट) की प्रदर्शनी ‘‘वर्तनी’’ का आयोजन किया जा रहा है, जिसमें प्रमुखतः जापान, कोरिया, स्विटजरलैण्ड, फ्रांस, भारत, ईरान, नार्वे, स्वीडन, अमेरिका देश के कलाकारों के चित्र सम्मिलित किये गये हैं।

लयशाला : श्रेष्ठ गुरूओं के साथ शिष्यों का सम्मेलन और कार्यशाला

देशभर की विभिन्न नृत्य शैलियों के गुरूओं तथा उनके शिष्यों का श्रेष्ठ गुरूओं एवं विभिन्न विधाओं के श्रेष्ठ कलाकारों के संवाद और उनकी विधाओं पर केन्द्रित कार्यशाला का आयोजन किया जायेगा। इससे रसिकजनों और कलाप्रेमियों को अत्यधिक आनंद के रसपान की अनुभूति होगी। विद्यार्थी नृत्य शैली विभिन्न घरानों से परिचित होंगे और खजुराहो नृत्य समारोह में लयशाला कार्यक्रम में सहभागिता कर अपने आप को गौरान्वित महसूस करेंगे।