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नाथ और उनके बेटे के भाजपा में जाने की वायरल खबरों के बीच…

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भोपाल

पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ और उनके सांसद बेटे नकुलनाथ सहित उनके समर्थकों का कांग्रेस छोड़ भाजपा का दामन थामने की खबरों पर उनके समर्थकों ने यह कहते हुए विराम लगा दिया कि कमलनाथ कांग्रेस छोड़कर कहीं नहीं जा रहे हैं। लेकिन, इसके बावजूद राजनीतिक गलियारों में चर्चा जोरों पर है कि अब उनका अगला कदम क्या होगा।

पिछले तीन दिनों में जिस तेजी में कमलनाथ के कांग्रेस छोड़ने की खबरें चर्चा में आर्इं और उनकी एक्टिविटी को देखते हुए इस पर विश्वास हो चला था कि वे और उनके समर्थक अब जल्द ही कांग्रेस को बाय-बाय करने वाले हैं। ऐसे में रविवार को हाईवोल्टेज पॉलिटिकल ड्रामा देखा गया, जिसमें राहुल गांधी से टेलीफोन पर हुई चर्चा के बाद कमलनाथ समर्थक सज्जन सिंह वर्मा मीडिया के सामने प्रकट हुए और उन्होंने कहा कि अब सबकुछ ठीक है, कमलनाथ कांग्रेस में ही रहेंगे। उधर, आज सुबह से दिल्ली में कमलनाथ के बंगले पर उनके समर्थक इकट्ठा हो गए हैं और बैठकों का दौर लगातार जारी है। इस बीच कमलनाथ और उनके रणनीतिकार इस बात की टोह लेने में जुटे हैं कि इस तीन दिन के पॉलिटिकल घटनाक्रम से उनका क्या फायदा और क्या नुकसान हुआ है। इसके बाद ही कमलनाथ और उनका कैंप अगली रणनीति तय करेगा।

उधर, जीतू पटवारी पर बीजेपी मीडिया प्रभारी का हमला
सोमवार सुबह पीसीसी चीफ जीतू पटवारी ने सोशल मीडिया पर एक वीडियो पोस्ट किया जिसे उन्होंने बाद में हटा भी लिया उसको लेकर प्रदेश भाजपा मीडिया प्रभारी आशीष अग्रवाल ने रिप्लाई करते हुए लिखा कि जीतू पटवारी को मध्यप्रदेश को बदमान करने के एक और प्रयास के लिए मध्यप्रदेश की जनता से माफी मांगनी चाहिए। गौरतलब है कि इस वीडियो में कुछ बच्चों को बेरहमी से मारते हुए दिखाया गया था। इस घटना को जीतू पटवारी ने पहले जबलपुर का होना बताया था। बाद में उन्होंने पोस्ट डिलिट कर नई पोस्ट डाली थी, जिसमें जबलपुर का नाम हटा दिया था। हालांकि मीडिया रिपोर्ट के अनुसार यह वीडियो मप्र का नहीं है।

प्रदेश प्रभारी भंवर जितेंद्र सिंह की डैमेज कंट्रोल पर बैठक कल
कमलनाथ और उनके समर्थकों के भाजपा में जाने के अंदेशा मात्र से मप्र कांग्रेस पूरी तरह से हिल गई थी। यदि ऐसा होता तो ज्योतिरादित्य सिंधिया के बाद कांग्रेस में अब तक की सबसे बड़ी टूट होती। इसी डर और घबराहट को लेकर भाजपा से दिल्ली तक कांग्रेस के सभी नेता कमलनाथ और उनके समर्थकों को मनाने में जुट गए। जिसका जो स्तर था वो उस स्तर पर काम करके यह कोशिश कर रहा था कि यदि कमलनाथ कांग्रेस छोड़ भाजपा में जाते हैं तो उससे होने वाले नुकसान को कम से कम किया जाए। अब चूंकि कमलनाथ का रुख बदला सा नजर आ रहा है, इसलिए कांग्रेस आलाकमान के निर्देश पर प्रदेश प्रभारी भंवर जितेंद्र सिंह मंगलवार को मप्र आ रहे हैं। कल पीसीसी में एक बड़ी बैठक का आयोजन किया जा रहा है जिसमें कमलनाथ समर्थकों को बुलाया जाएगा और उनसे उनकी नाराजगी के बारे में चर्चा की जाएगी और यह कोशिश की जाएगी कि वे हर हाल में कांग्रेस पार्टी के साथ में रहें। उधर, कल होने वाली इस बैठक पर चुटकी लेते हुए भाजपा के प्रदेश प्रवक्ता मिलन भार्गव ने सोशल मीडिया पर पोस्ट करते हुए लिखा कि- कांग्रेस में मची भगदड़ के बीच कांग्रेस के विधायकों की गिनती करने के लिए कल प्रभारी ने बुलाई बैठक। भार्गव ने यह भी लिखा कि प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष जीतू पटवारी स्थितियों को नहीं संभाल पा रहे हैं इसीलिए हाई कमान ने अपना प्रतिनिध भेजा है जो बचे विधायकों की गिनती करवा सके।