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वन मंत्री चौहान ने मध्य प्रदेश भवन स्थित विंध्य हर्बल्स और मृगनयनी कियोस्क का किया अवलोकन

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वन मंत्री चौहान ने मध्य प्रदेश भवन स्थित विंध्य हर्बल्स और मृगनयनी कियोस्क का किया अवलोकन

पद्म विभूषण और पद्मकलाकारों की ओजस्वी प्रस्तुतियों से गुंजायमान होगा 50वां खजुराहों नृत्य समारोह

खजुराहो में 20 फरवरी से शुरू होगा शास्त्रीय नृत्य समागम, 26 फरवरी को होगा समापन

भोपाल

वन, पर्यावरण एवं अनुसूचित कल्याण मंत्री नागर सिंह चौहान ने दिल्ली प्रवास पर मध्य प्रदेश भवन स्थित म.प्र. राज्य लघु वनोपज संघ लिमिटेड के विंध्य हर्बल्स कियोस्क और संत रविदास म.प्र. हस्तशिल्प और हथकरघा विकास निगम लिमिटेड के मृगनयनी कियोस्क का अवलोकन किया।

मंत्री चौहान ने कहा कि विंध्य हर्बल्स द्वारा लगाया गया आयुर्वेदिक औषधियों का स्टाल अत्यंत सराहनीय है, जिसका दिल्ली के लोगों को लाभ मिल रहा है। मंत्री चौहान ने मृगनयनी के स्टाल की भी प्रशंसा की। उन्होंने कहा कि प्रदेश के कपड़े की ख्याति पूरे देश में फैल रही है। उन्होंने कहा कि दिल्ली जैसे शहर में प्रदेश के उत्पादों की बिक्री की अपार संभावना है और आशा व्यक्त की कि स्टॉल में भविष्य में बिक्री और बढ़ेगी।

मंत्री चौहान के भ्रमण के दौरान अपर आवासीय आयुक्त प्रकाश उन्हाले और एपीसीसीएफ श्रीमती बिंदु शर्मा भी उपस्थित थे।

 

पद्म विभूषण और पद्मकलाकारों की ओजस्वी प्रस्तुतियों से गुंजायमान होगा 50वां खजुराहों नृत्य समारोह

खजुराहो में 20 फरवरी से शुरू होगा शास्त्रीय नृत्य समागम, 26 फरवरी को होगा समापन
"कथक कुंभ" में 1500 से अधिक कलाकार बनायेंगे गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड

भोपाल

विश्वविख्यात शास्त्रीय नृत्य उत्सव 'खजुराहो नृत्य समारोह' का 50वां संस्करण पद्म विभूषण और पद्मकलाकारों की ओजस्वी प्रस्तुतियों से गुंजायमान होगा।

पद्मरंजना गौहर की मनमोहक कथक प्रस्तुति के साथ 20 फरवरी को शुरू हुआ यह सफर 26 फरवरी को पद्म विभूषण डॉ. सोनल मानसिंह के नाट्य कथा 'मीरा' पर समाप्त होगा। विश्व धरोहर स्थल- खजुराहो मंदिर समूह में भारतीय शास्त्रीय नृत्य शैलियों पर केंद्रित यह देश का शीर्षस्थ समारोह है। सभी प्रमुख शास्त्रीय नृत्य शैलियों जैसे भरतनाट्यम, ओडीसी, कथक, मोहिनीअटेम में प्रसिद्ध और नामचीन कलाकार शास्त्रीय नृत्यों के समृद्ध सांस्कृतिक रूप को प्रस्तुत करेंगे।

संस्कृति विभाग के अंतर्गत उस्ताद अलाउद्दीन खान संगीत एवं कला अकादमी द्वारा पर्यटन विभाग, भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण और मध्य प्रदेश संस्कृति परिषद के संयुक्त प्रयासों से महोत्सव का आयोजन किया जा रहा है। स्वर्ण जयंती वर्ष को अविस्मरणीय बनाने के लिए आगंतुक भव्य समारोह में प्रत्येक कदम के साथ संस्कृति और दिव्यता की लय का अनुभव करेंगे।

समारोह के पहले दिन पद्मरंजना गौहर और साथियों द्वारा ओडिसी समूह की मनमोहक प्रस्तुति के साथ समारोह की शुरुवात होगी। साथ ही दिल्ली की सुधाना शंकर के भरतनाट्यम नृत्य की ओजस्वी प्रस्तुति मंदिर की शिलाओं को सजीव कर उठेगी। दूसरे दिन शेंकी सिंह द्वारा कथक, पुणे की कलावर्धनी नृत्य कंपनी की सयाली काने द्वारा भरतनाट्यम समूह नृत्य, भुवनेश्वर की अरूपा गायत्री पांडा द्वारा ओडिसी और  श्रीगणेश नृत्य कला मंदिर मुंबई की मनाली देव द्वारा कथक समूह नृत्य की प्रस्तुति दी जाएगी। समारोह का तीसरा दिन  पद्म पुरु दाधीच, हर्षिता धाधीच और समूह के कथक समूह नृत्य के नाम रहेगा। इसके साथ साक्षी शर्मा द्वारा कथक, दिल्ली की कस्तूरी पटनायक द्वारा ओडिसी समूह नृत्य, केरल के विद्या प्रदीप द्वारा मोहिनी-अट्टम की प्रस्तुति दी जाएगी।

समारोह के चौथे दिन 23 फरवरी को पद्मनलिनी कमलिनी और समूह द्वारा कथक समूह नृत्य, मौमिता घोष वत्स द्वारा ओडिसी नृत्य, मार्गी मधु और समूह द्वारा कोच्चि कुडिअट्टम त्रयी, सुचित्रा हरमलाकर और साथी द्वारा कथक समूह नृत्य और रोशाली राजकुमार और समूह द्वारा मणिपुरी समूह नृत्य प्रस्तुत किया जाएगा। पांचवे दिन आराधना ओडिसी डांस फाउंडेशन के पंचानन भुआन द्वारा छाऊ ओडिसी समूह नृत्य, अमीरा पाटनकर और समूह द्वारा कथक नृत्य, राजहोल्ला और रेखा सतीश द्वारा कुचिपुड़ी युगल और अनु सिन्हा और समूह द्वारा कथक समूह नृत्य प्रस्तुत किया जाएगा।

समारोह के छठवें दिन 25 फरवरी को पुणे के प्रेरणा देशपांडे द्वारा कथक, दिल्ली के पंडित राजेंद्र गंगानी द्वारा एकल कथक, बैंगलोर की नव्या नटराजन द्वारा भरतनाट्यम नृत्य और विधि नागर और साथियों द्वारा कथक समूह नृत्य प्रस्तुत किया जाएगा। महोत्सव का समापन पद्म विभूषण डॉ. सोनल मानसिंह के निर्देशन में नाट्य कथा 'मीरा' के साथ होगा। साथ ही राजवरियार द्वारा भरतनाट्यम नृत्य, यास्मीन सिंह और समूह द्वारा कथक समूह नृत्य, कृपा फड़के और साथियों द्वारा मैसूर भरतनाट्यम समूह नृत्य और अनुराधा सिंह द्वारा कथक की मनमोहक प्रस्तुति होगी।

नृत्य समारोह में महासमागम में शास्त्रीय नृत्य कला और संस्कृति पर आधारित विभिन्न गतिविधियां भी आकर्षण का केंद्र रहेंगी। भारतीय नृत्य शैलियों और कलायात्रा को प्रदर्शित करने के लिए नेपथ्य सहित विभिन्न गतिविधियाँ, कलावार्ता – कलाकारों के बीच संवाद, हुनर – देशज ज्ञान और कला परंपरा का मेला, वरिष्ठ चित्रकार शंकर शिंदे के कला अवदान पर आधारित चित्र प्रदर्शनी प्रणति, समष्टि: टेराकोटा और सिरेमिक राष्ट्रीय प्रदर्शनी-कार्यशाला,  वर्तनी: अंतर्राष्ट्रीय छापाकला, लयशाला: उत्सव के दौरान महान गुरुओं के साथ शिष्यों का संगम और कार्यशाला होगी।

समारोह के 50वें वर्ष को खास और यादगार बनाने के लिए "कथक कुंभ" का आयोजन किया जा रहा है। लगभग 1500 से अधिक कलाकार 1800 कथक नृत्य की समवेत प्रस्तुति के साथ नया "विश्व रिकॉर्ड" बनाएंगे। इसके साथ ही पर्यटकों के लिए विशेष आकर्षण के रूप में स्काई डाइविंग फेस्टिवल का आयोजन 20 से 25 फरवरी तक किया जा रहा है। यहाँ साहसिक प्रेमी 10 हजार फीट की ऊंचाई से खजुराहो के पुरातात्विक उत्कृष्टता के विरासत प्रतीकों को निहार सकेंगे।