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कमल नाथ के भाजपा में जाने की अटकलों के बीच छिंदवाड़ा जिले के विधायकों ने अपने-अपने मोबाइल फोन बंद कर दिए

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भोपाल
कमल नाथ के भाजपा में जाने की अटकलों के बीच छिंदवाड़ा जिले के विधायकों ने अपने-अपने मोबाइल फोन बंद कर दिए हैं। उनसे कई बार मोबाइल पर संपर्क करने की कोशिश की गई, लेकिन किसी का भी मोबाइल नहीं लगा। बता दें कि छिंदवाड़ा में सातों विधानसभा सीटों पर कांग्रेस विधायक हैं। इन विधायकों के भी कमल नाथ के साथ भाजपा में जाने की चर्चा है। नाथ के नजदीकी सूत्रों का कहना है कि उनके ज्यादातर समर्थक विधायक दिल्ली पहुंच गए हैं या रविवार तक पहुंच जाएंगे।
 
मध्य प्रदेश में ज्योतिरादित्य सिंधिया के बाद कांग्रेस के वरिष्ठ नेता कमल नाथ भी अपनी राह बदल सकते हैं और भाजपा का दामन थाम सकते हैं। बेटे नकुल नाथ और उनके समर्थकों की गतिविधियां इसी बात की पुष्टि कर रहे हैं कि कांग्रेस में अलग-थलग पड़े कमल नाथ जल्द ही औपचारिक रूप से भाजपा में शामिल हो सकते हैं। मीडिया के साथ बातचीत में भी कमल नाथ ने भाजपा में जाने की बात से इन्कार नहीं किया है। छिंदवाड़ा से नौ बार के सांसद रहे कमल नाथ ने दिल्ली में कहा कि अगर ऐसी कोई बात होगी तो सबसे पहले आप लोगों को ही सूचना दूंगा। इंटरनेट मीडिया के कई प्लेटफार्म पर नाथ परिवार ही ट्रेंड कर रहा है। कयास लगाए जा रहे हैं कि 10 विधायक भी उनके साथ कांग्रेस छोड़ सकते हैं।

बेटे नकुल नाथ के साथ भाजपा में शामिल होने की अटकलें
मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री कमल नाथ और उनके बेटे नकुल नाथ के भाजपा में शामिल होने की अटकलें शनिवार को और तेज हो गईं। दोनों अपने पूर्व निर्धारित कार्यक्रम से एक दिन पहले छिंदवाड़ा से भोपाल होते हुए दिल्ली पहुंच गए। इस बीच, नकुल नाथ ने एक्स बायो से कांग्रेस शब्द हटा दिया। इसके बाद कमल नाथ के समर्थक और पूर्व मंत्री सज्जन सिंह वर्मा ने भी अपने बायो से कांग्रेस का चुनाव चिह्न हटा लिया। उनके समर्थक 'जहां कमल नाथ, वहां हम ' एक्स पर पोस्ट कर रहे हैं। बता दें कि कमल नाथ 44 वर्ष से मप्र में कांग्रेस का बड़ा चेहरा बने हुए हैं। इंदिरा गांधी भी उन्हें अपना तीसरा बेटा मानती थीं।

दिग्विजय का दावा, कहीं नहीं जा रहे कमल नाथ
जबलपुर में पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने कहा कि कमल नाथ कही नहीं जा रहे हैं। उनकी खुद उनसे शुक्रवार को बात हुई थी। कमल नाथ ने अपने राजनीतिक जीवन की शुरुआत गांधी परिवार के साथ की, उस समय लड़ाई लड़ी जब जनता पार्टी की सरकार इंदिरा गांधी को जेल भेज रही थी, उस आदमी का कांग्रेस छोड़कर भाजपा जाने का सवाल ही नहीं उठता है।

मप्र कांग्रेस ने बताया निराधार खबर
कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष जीतू पटवारी ने भी इन अटकलों को निराधार बताया। उन्होंने कहा कि मेरी कमल नाथ से शनिवार सुबह ही बात हुई है। वे कभी कांग्रेस छोड़कर नहीं जाएंगे। गांधी और नाथ परिवार के बीच जो रिश्ता है, वह अपनत्व और भरोसे का है। जब 1980 में वे छिंदवाड़ा से लोकसभा चुनाव लड़े थे, तब इंदिरा गांधी ने उन्हें अपना तीसरा पुत्र बताया था। बता दें कि शुक्रवार को भाजपा प्रदेश अध्यक्ष विष्णु दत्त शर्मा ने कमल नाथ-नकुल नाथ का नाम लिए बिना इस सवाल पर कहा था कि जिसके मन में राम हैं और जो देश की सेवा करना चाहता है, भाजपा में उनका स्वागत है।

उधर, छिंदवाड़ा के ग्रामीण अंचल की एक सभा में कमल नाथ ने कांग्रेस का नाम तक नहीं लिया। सभा में कमल नाथ बेहद भावुक नजर आए। उन्होंने कहा कि आप सबके प्यार और विश्वास से मुझे बल मिलता है। उम्मीद करता हूं कि आखिरी सांस तक यही प्यार और भरोसा मुझे मिलता रहेगा। नाथ इस बार छिंदवाड़ा जिले के दौरे पर आए तो उनका अंदाज बदला-बदला सा नजर आया।

विधानसभा चुनाव के बाद से ही चल रहे थे नाराज
विधानसभा चुनाव 2023 में कांग्रेस की हार के बाद से ही कमल नाथ और राहुल गांधी के बीच संबंध ठीक नहीं हैं। मप्र कांग्रेस अध्यक्ष के पद से कमल नाथ को हटाने के बाद से खटास और बढ़ गई। वे मप्र छोड़कर दिल्ली लौटना चाहते थे, इसलिए राज्यसभा चुनाव के दौरान सोनिया गांधी से मुलाकात की थी, लेकिन बात नहीं बनी।

कांग्रेस के लिए होगा बड़ा झटका
कमल नाथ और उनके समर्थकों द्वारा पार्टी छोड़ने से मप्र कांग्रेस को बड़ा झटका लगेगा। नाथ ही मप्र में कांग्रेस का प्रमुख चेहरा थे और उनके जाने से लोकसभा चुनाव में भी कांग्रेस को नुकसान का सामना करना पड़ेगा।