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देश की पहली एप आधारित गाइडलाइन की तैयारी

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 भोपाल

देश की पहली एप आधारित प्रस्तावित कलेक्टर गाइडलाइन बनाने का काम शुरू हो चुका है। सब रजिस्ट्रार मैप आइटी के सॉफ्टवेयर पर आइडी पासवर्ड डालकर वार्ड वार लोकेशनों की जियो टैगिंग करने का सिलसिला जारी है। बीते दिनों पंजीयन मुख्यालय के अफसरों ने भोपाल जिले के अफसरों को इस संबंध में काम करने को लेकर दिशा निर्देश दिए हैं।

गाइडलाइन की खासियत ये होगी कि इसमें एप डाउनलोड करने के बाद उस लोकेशन पर खड़े होकर आप खुद गाइडलाइन की दर पता कर सकेंगे। इससे आम आदमी को गाइडलाइन देखने में आसानी रहेगी। पूरी गाइडलाइन डाउनलोड नहीं करनी होगी। वर्तमान में जिले में चार हजार से अधिक लोकेशन हैं। ऐसे में नगर निगम सीमा के सभी 85 वार्डों में लोकेशन टैग का काम तेजी से किया जा रहा है। इसके बाद ग्रामीण क्षेत्र की लोकेशन टैग की जाएंगी। आस-पास की चार लोकेशनों या कॉलोनियों में जमीनों के एक समान रेट हैं और गाइडलाइन में अलग-अलग लोकेशन खुली हैं, तो इस बार उनको एक लोकेशन में मर्ज किया जाएगा। जहां रेट बढ़ाना प्रस्तावित करेंगे, उसका आधार भी बताना होगा।

वार्ड के प्रोजेक्ट की कर रहे पड़ताल
सब रजिस्ट्रार वार्ड वार लोकेशन टैग करने के साथ उस क्षेत्र में कितने बड़े प्रोजेक्ट चल रहे हैं। कितने और शुरू होने वाले हैं। उस क्षेत्र में रजिस्ट्री कितनी और किस दर पर हुई हैं, इसको लेकर भी पड़ताल कर रहे हैं। इसकी सूची अलग से तैयार कर आगामी बैठकों में रखी जाएगी। अभी तक 100 के लगभग नए प्रोजेक्ट की जानकारी सब रजिस्ट्रारों की तरफ से जुटाई गई है। इसमें नए प्रोजेक्ट कम हैं, पुराने में ही अच्छी खरीद फरोख्त हुई है।

इन लोकेशनों पर हुए अच्छे सौदे
वर्तमान वित्तीय वर्ष में 1000 से अधिक लोकेशनों पर अच्छे सौदे हुए हैं। नर्मदापुरम् रोड, रातीबड़, नीलबड़, कटारा, कोलार रोड, न्यू मार्केट, जाटखेड़ी, बावड़िया कलां, गुलमोहर, सलैया, सलैया-मिसरोद बीडीए परिसर, कोटरा, मिसरोद, नेहरू नगर, भदभदा, अरेरा कॉलोनी में सबसे अधिक रजिस्ट्री हुईं, अभी भी हो रही हैं। बाकी पुराना शहर, श्यामला हिल्स, नई जेल के पास का कुछ हिस्सा, करोद का कुछ हिस्सा, चौक बाजार, कोहेफिजा, लालघाटी, बैरागढ़, एयरपोर्ट तक प्रॉपर्टी के रेट ज्यादा हैं। इन्हीं में हायर रेट की रजिस्ट्री निकालकर वहां रेट बढ़ाना प्रस्तावित किए जाएंगे।

दो बिंदुओं पर चल रहा काम

  • अफसर इस बार बाजारों में आवासीय को कमर्शियल प्रॉपर्टी का आॅप्शन खोले हुए हैं। इस बार की गाइडलाइन में ये प्रस्ताव फिर से लौट सकता है।
  • मेट्रो के वर्तमान और भविष्य के रूट, बस स्टैंड, बड़े सरकारी प्रोजेक्ट के लिए जहां जमीनों का अधिग्रहण होना है, उसकी सूची तैयार की जा रही है।