प्रयागराज
उच्चतम न्यायालय के प्रधान न्यायाधीश डी.वाई. चंद्रचूड़ ने शनिवार को यहां मध्यस्थता केंद्र (आर्बिट्रेशन सेंटर) का उद्घाटन किया और ‘कोर्ट ऑफ उत्तर प्रदेश' पुस्तक का विमोचन किया। उद्घाटन समारोह को संबोधित करते हुए चंद्रचूड़ ने कहा कि उत्तर प्रदेश में निवेश बढ़ रहा है। ऐसे में प्रदेश में उद्योग लगेंगे और इस लिहाज से न्यायिक क्षेत्र का विस्तार होना जरूरी है। उन्होंने न्यायालयों में बढ़ रहे मामले पर चिंता जताते हुए कहा, “अधीनस्थ अदालतें जहां समस्याओं के समाधान की शुरुआत होती हैं, वहां पर ध्यान दिए जाने की जरूरत है।
उच्चतम न्यायालय में बहुत सारे ऐसे मामले बढ़ रहे हैं जिन्हें अधीनस्थ अदालतों में ही निस्तारित कर दिया चाहिए। छोटे मामले में यहां से जमानत नहीं मिलने से लोग उच्चतम न्यायालय तक आ रहे हैं और वहां दबाव बढ़ रहा है।” प्रधान न्यायाधीश ने अधिवक्ताओं और विधि पेशे से संबद्ध अन्य लोगों से प्रौद्योगिकी से जुड़ने की अपील करते हुए कहा, “मैं सभी वरिष्ठ अधिवक्ताओं से प्रौद्योगिकी से जुड़ने, टैबलेट और लैपटॉप पर कार्य करने के लिए कहता हूं और बहुत सारे लोग अब यह कर रहे हैं।”
उन्होंने अधीनस्थ अदालतों में आ रही युवा पीढ़ी की चर्चा करते हुए कहा कि यह पीढ़ी अलग तरह से सोचती है और इसमें बड़ी संख्या में महिलाएं आ रही हैं। वे यहां अपना भविष्य सुरक्षित समझती हैं। इलाहाबाद उच्च न्यायालय में बतौर मुख्य न्यायाधीश अपने कार्यकाल की चर्चा करते हुए चंद्रचूड़ ने कहा, “मैं शहरी परिवेश में पला बढ़ा लेकिन भारत के दिल उत्तर प्रदेश में आकर बहुत कुछ सीखने, जानने को मिला। इलाहाबाद हाईकोर्ट में मुझे अलग तरह के वाद से सामना करना पड़ा।”