रांची
झारखंड सरकार के कैबिनेट विस्तार में मंत्री नहीं बनाए जाने पर हेमंत सोरेन की पार्टी JMM(झारखंड मुक्ति मोर्चा) के विधायक बैद्यनाथ राम ने नाराजगी जाहिर करते हुए अगला चुनाव निर्दलीय लड़ने का ऐलान कर दिया.
विधायक बैद्यनाथ राम ने आरोप लगाया कि अंतिम समय में शपथ लेने वाले मंत्रियों की सूची से उनका नाम हटा दिया गया, विधायक ने कहा कि वो "इस अपमान" को बर्दाश्त नहीं करेंगे और जरूरत पड़ने पर आगामी विधानसभा चुनाव एक स्वतंत्र उम्मीदवार के रूप में लड़ेंगे.
बता दें कि जेएमएम सुप्रीमो शिबू सोरेन के सबसे छोटे बेटे बसंत सोरेन और सात अन्य ने शुक्रवार को झारखंड की चंपई सोरेन के नेतृत्व वाली सरकार में मंत्री पद की शपथ ली है. मंत्री नहीं बनाए जाने पर बैद्यनाथ राम ने कहा, 'सबकुछ तय हो गया था और मेरा नाम मंत्रियों की सूची में शामिल था लेकिन, आखिरी वक्त पर मेरा नाम हटा दिया गया.' यह अपमान है. मैं इसे बर्दाश्त नहीं करूंगा.'
उन्होंने आरोप लगाया कि 'कांग्रेस के केंद्रीय नेतृत्व के दबाव में मेरा नाम हटा दिया गया.' राम ने यह भी दावा किया कि मुख्यमंत्री चंपई सोरेन ने उन्हें आश्वासन दिया है कि वह दो दिनों के भीतर इस मामले को सुलझा लेंगे.
लातेहार से विधायक बैद्यनाथ राम ने कहा, 'अगर जरूरत पड़ी तो मैं एक स्वतंत्र उम्मीदवार के रूप में विधानसभा चुनाव लड़ सकता हूं. इस बीच, मंत्रियों को विभागों के आवंटन के तुरंत बाद कांग्रेस में आंतरिक कलह भी सामने आ गई.
कांग्रेस विधायकों के एक समूह ने झारखंड प्रदेश प्रमुख राजेश ठाकुर से मुलाकात की और नए मंत्रिमंडल में "पार्टी के कोटे से पुराने मंत्रियों को ही फिर से मंत्री पद मिलने पर अपना विरोध दर्ज कराया.
चार कांग्रेस नेता आलमगीर आलम, रामेश्वर ओराँव, बन्ना गुप्ता और बादल पत्रलेख, जो पिछली हेमंत सोरेन कैबिनेट का हिस्सा थे उन्हें चंपई सोरेन कैबिनेट में फिर से शामिल किया गया था. पार्टी विधायक दीपिका पांडे ने कहा, 'हम इस बार मौका चाहते थे.'