वैज्ञानिकों ने एक ऐसा छोटा उपकरण बनाया है जो सिर्फ लार की एक बूंद से 5 सेकंड में ही ब्रेस्ट कैंसर का पता लगा सकता है। यह ना सिर्फ सस्ता है बल्कि इसे इस्तेमाल करना भी आसान है। अभी तक ब्रेस्ट कैंसर की जांच के लिए मैमोग्राम, अल्ट्रासाउंड या MRI जैसे टेस्ट करवाने पड़ते थे। ये टेस्ट महंगे होते हैं, बड़ी मशीनों की जरूरत होती है और कई बार इनमें रेडिएशन का इस्तेमाल भी होता है। नतीजे आने में भी कई दिन लग जाते हैं।
लेकिन यह नया सेंसर इन सब समस्याओं का हल निकाल सकता है। इसे यूनिवर्सिटी ऑफ फ्लोरिडा और नेशनल यांग मिंग चियाओ तुंग यूनिवर्सिटी के वैज्ञानिकों ने मिलकर बनाया है। यह डिवाइस करीब हाथ जितना छोटा है और इसे बार-बार इस्तेमाल किया जा सकता है। टेस्ट करने के लिए सिर्फ लार की एक बूंद चाहिए और रिजल्ट 5 सेकंड में ही मिल जाता है।
यह सेंसर कैसे काम करता है?
इसमें कागज की पट्टी पर खास तरह के केमिकल लगे होते हैं जो कैंसर के संकेतों को पहचानते हैं। लार की बूंद इस पट्टी पर डाली जाती है और फिर उसमें हल्की बिजली के झटके दिए जाते हैं। अगर लार में कैंसर के संकेत होते हैं तो ये झटके उन्हें केमिकल्स से जोड़ देते हैं। इससे डिवाइस में एक खास सिग्नल बनता है जिसे मापकर कैंसर का पता लगाया जा सकता है।
यह टेस्ट कितना कारगर है?
अभी तक के टेस्ट में यह सेंसर स्वस्थ लोगों और कैंसर के मरीजों में साफ़ फर्क बता पाया है। वैज्ञानिकों का कहना है कि यह टेस्ट बहुत सटीक है और लार में कैंसर के संकेतों की मात्रा बहुत कम होने पर भी इन्हें पकड़ सकता है।
इस टेस्ट के क्या फायदे हैं?
- – यह बहुत सस्ता है। टेस्ट स्ट्रिप की कीमत कुछ ही पैसे और डिवाइस की कीमत सिर्फ $5 है।
- – इसे इस्तेमाल करना आसान है और कहीं भी किया जा सकता है।
- – इसमें रेडिएशन का इस्तेमाल नहीं होता।
- – रिजल्ट बहुत जल्दी मिल जाते हैं।
- – यह टेस्ट खासकर उन जगहों के लिए बहुत फायदेमंद हो सकता है जहां महंगे टेस्ट करवाना मुश्किल है। इससे ज्यादा महिलाओं की स्क्रीनिंग हो सकेगी और कैंसर का जल्दी पता चल सकेगा।
- हालांकि, अभी इस टेस्ट को और बड़े पैमाने पर परखा जाना बाकी है। लेकिन यह उम्मीद जगाता है कि भविष्य में ब्रेस्ट कैंसर की जांच आसान और सुलभ हो जाएगी।