गाजा
गाजा के रफाह में इजरायली सेना ने शनिवार को कई हवाई हमले किए है. इस हमले में दो पुलिसकर्मियों सहित कम से कम 13 लोगों की मौत हो गई है, जबकि दर्जनों लोग घायल हो गए हैं. मिस्र से लगते हुए गाजा के अबू हवाला इलाके में भी इजरायल ने फाइटर प्लेन से बम गिराए हैं, जिसमें 11 लोगों की जान चली गई और कई लोग घायल हो गए. इजरायल बमबारी से ना सिर्फ बेकसूर फिलिस्तीनियों की जान गई, बल्कि कई इमारतों और बुनियादी ढांचों को भी नुकसान पहुंचा है.
रफाह में रहे एक फिलिस्तीनी समीर अबू लूलिया ने कहा, ''इजरायली सेना एफ-16 फाइटर जेट से मिसाइल हमले कर रही है. एक घर में शरण लिए विस्थापित लोगों पर मिसाइल से हमला किया गया, जिसमें सभी लोग मारे गए हैं. ये लोग आम नागरिक हैं. इनका हमास या किसी आतंकी संगठन से कोई लेना-देना नहीं है. इजरायली पीएम बेंजामीन नेतन्याहू आम नागरिकों को निशाना बना रहे हैं. शनिवार को रफाह में में हुए दो हवाई हमलों में दो पुलिसकर्मियों सहित 13 लोग मारे गए हैं.''
इसी तरह गाजा की सीमा पर अबू हलावा में स्थित एक घर पर हमला हुआ. रफाह नगर पालिका के प्रमुख अहमद अल-सवाफ के अनुसार, इस हमले में कम से कम 11 लोगों की मौत हो गई. एक अन्य हमले में एक पुलिस वाहन को टक्कर मार दी गई, जिसमें दो पुलिसकर्मियों की मौत हो गई. मृतकों के शवों को अबू यूसुफ अल ले जाया गया. नज्जर अस्पताल में एसोसिएटेड प्रेस के एक पत्रकार के अनुसार, इजरायली सेना द्वारा जल्द ही शहर में अपने जमीनी हमले का विस्तार करने की उम्मीद है, जहां हजारों लोग शरण लिए हुए हैं.
दूसरी तरफ इजरायल डिफेंस फोर्सेस ने यूएनआरडब्ल्यूए के गाजा मुख्यालय के नीचे एक टनल नेटवर्क खोजने का दावा किया है. उनकी तरफ से इसकी तस्वीरें भी सुबूत के तौर पर साझा की गई है. हालांकि, फिलिस्तीनियों ने इजराइल पर यूएनआरडब्ल्यूए को बदनाम करने के लिए गलत जानकारी देने का आरोप लगाया है. उनका कहना है कि ये संस्था गाजा पट्टी में 13 हजार लोगों को रोजगार देती है. कई वर्षों से यहां के लोगों के लिए लाइफलाइन है. इस संस्था द्वारा स्कूल, क्लिनिक और कई तरह की सामाजिक सेवाएं दी जाती हैं.
यूएनआरडब्ल्यूए का मुख्यालय गाजा शहर में है. इजरायली सेना का कहना है कि सुरंग 700 मीटर लंबी और 18 मीटर गहरी है, जो कई बार दो हिस्सों में बंट जाती है. इस सुरंग के अंदर ऑफिस, सर्वर रूम, टाइलयुक्त टॉयलेट और तिजोरियां मौजूद हैं. इजरायल डिफेंस फोर्सेस शुरू से ही दावा कर रहा है कि हमास के आतंकी स्कूल, मस्जिद और अस्पताल को ढाल बनाकर अपने आतंकवादी गतिविधियों को अंजाम दे रहे हैं. इससे पहल भी कई बार आईडीएफ ने गाजा की जमीन में बने टनल नेटवर्क का पर्दाफाश किया था.
इजरायल की नेतन्याहू सरकार से इस्तीफे की मांग को लेकर हजारों लोग सड़कों पर उतर आए, तेल अवीव में प्रदर्शन कर रहे लोगों ने दावा किया कि मौजूदा सरकार देश की समस्याओं से निपटने में पूरी तरह से विफल रही है. ऐसे में इजरायल में नए नेतृत्व की जरूरत है. फिलिस्तीन के हथियारबंद संगठन हमास से जंग लड़ रही इजरायल की सरकार के खिलाफ उसके अपने ही लोगों ने ही मोर्चा खोल दिया है. जंग की बढ़ती लागत और मारे जा रहे इजरायली सैनिकों को लेकर लोगों में भारी आक्रोश देखा जा रहा है.
तेल अवीव की सड़कों पर उतरे हजारों लोग 4 महीने बीत जाने के बाद भी बंधकों की रिहाई ना होने से भी नाराज हैं. पोस्टर-बैनर के साथ सड़कों पर उतरे प्रदर्शनकारियों ने मौजूदा सरकार से इस्तीफे की मांग की है. प्रदर्शनकारियों का दावा है कि बेंजामिन नेतन्याहू की सरकार देश की समस्याओं से निपटने में पूरी तरह से विफल रही है. ऐसे में इजरायल को नए नेतृत्व की जरूरत है. एक प्रदर्शनकारी गैल लेवर्टोव ने कहा, "हमें नेतन्याहू की सरकार पर कोई भरोसा नहीं है. वो जनता नहीं अपने निजी हित के लिए काम कर रहे हैं.''
ये प्रदर्शन ऐसे समय में हो रहे हैं जब गाजा में हमास के खिलाफ युद्ध में अपने फैसलों को लेकर इजरायली की नेतन्याहू सरकार जांच के दायरे में है. तेल अवीव में प्रदर्शन कर रहे लोगों ने सरकार के युद्ध नीति पर भी सवाल उठाए और पूछा कि चार महीने से जारी जंग में दर्जनों सैनिकों की जान और अरबों डॉलर गंवाने के बाद क्या हासिल हुआ. प्रदर्शन कर रहे लोगों ने जंग तुरंत खत्म करने और बंधकों की रिहाई के लिए हमास से बातचीत की अपील की है. दुनिया के कई देश भी ऐसा करने के लिए लगातार कह रहे हैं.