अबू धाबी
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी बसंत पंचमी के मौके पर अबू धाबी में बोचासनवासी श्री अक्षर पुरुषोत्तम स्वामीनारायण संस्था (BAPS) का उद्घाटन करने वाले हैं। वह मंगलवार को ही अबू धाबी पहुंच जाएंगे। संयुक्त अरब अमीरात (UAE) में वैसे तो तीन और मंदिर हैं लेकिन बताया जा रहा है कि यह पश्चिमी एशिया का सबसे बड़ा हिंदू मंदिर है। मंदिर के उद्घाटन के बाद यह दुनियाभर के हिंदुओं के आकर्षण का केंद्र होगा। यह मंदिर 27 एकड़ में बनाया गया है। इस विशाल मंदिर में सात मीनारें हैं जो कि सात अमीरात को इंगित करती हैं। गौर करने वाली बात है कि इस हिंदू मंदिर के लिए जमीन इस्लामिक देश यूएई ने ही दान की है। यह मंदिर वास्तुकला का अद्भुत नमूना है।
राम मंदिर की तुलना में कितनी लागत
इस मंदिर में काफी खर्च भी आया है। जानकारी के मुताबिक मंदिर को बनाने में 700 करोड़ रुपये खर्च किए गए हैं। अगर अयोध्या के राम मंदिर से तुलना करें तो यह रकम ज्यादा कम नहीं है। राम मंदिर को बनाने में अब तक 900 करोड़ रुपये खर्च हो चुके हैं। वहीं इसमें कुल 1800 करोड़ का अनुमानित खर्च आने वाला है। अभी राम मंदिर के दो तलों का निर्माण बाकी है। इसके अलावा मंदिर परिसर में सात छोटे मंदिर भी बनाए जाएंगे। मंदिर को पूरा करने का टारगेट इसी साल का दिसंबर रखा गया है।
4 साल में बना मंदिर
जानकारी के मुताबिक अबू धाबी में बने इस भव्य हिंदू मंदिर के निर्माण में चार साल का समय लगा। 2019 में ही इसका काम शुरू किया गया था। बीच में कोरोना महामारी के चलते कुछ समय तक निर्माण रुका रहा। इस मंदिर में भारतीय कारीगरों ने ही काम किया है। इसके अलावा मंदिर का निर्माण हाथ से नक्काशे गए पत्थरों से किया गया है। इसमें संगमरमर और बलुआ पत्थरों का इस्तमाल हुआ है। बता दें कि यूएई की सरकार ने मंदिर परियोजना के लिए 17 एकड़ की जमीन दी थी। वहीं 2017 में पीएम मोदी ने ही इसका शिलान्यास भी किया था।
1000 साल तक नहीं हिलेगा मंदिर
जानकारों का कहना है कि इस मंदिर में सरिया का इस्तेमाल नहीं किया गया है। इसको बनाने में पत्थरों का ही इस्तेमाल किया गया है जिनकी उम्र 1000 साल से ज्यादा बताई जाती है। पत्थरों को खांचों की मदद से जमाया गया है। अब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी दो दिवसीय यात्रा पर यूएई पहुंच रहे हैं। वह जायद स्पोर्ट्स सिटी में भारतीय समुदाय को संबोधित करेंगे।