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Rajasthan News: प्रकृति जीवन दायिनी है, इसकी रक्षा करना हम सभी का कर्तव्य- वासुदेव देवनानी

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जयपुर.

राजस्थान विधानसभा अध्यक्ष वासुदेव देवनानी ने कहा है कि प्रकृति जीवन दायिनी है, इसकी रक्षा करना हम सभी का कर्तव्य है। हम सभी को मिलकर पर्यावरण का संरक्षण करना है। देश का भविष्य आज का युवा है। उसके कंधों पर जिम्मेदारी है। यदि युवा किसी कार्य को पूरा करने की ठान ले तो सब कुछ संभव हो सकता है। देवनानी ने युवाओं का आवाहन किया वे विकसित भारत की कल्पना को साकार करें।

देवनानी ने कहा है कि पर्यावरण का संरक्षण करने में अपना योगदान दें। देवनानी शनिवार को नागपुर में राष्ट्रीय पर्यावरण युवा संसद 2024 के उद्घाटन समारोह को संबोधित कर रहे थे। देवनानी ने कहा कि राजस्थान में अमृता देवी ने पेड़ों की रक्षा के लिए अपने प्राणों की आहुति दी थी। केएम मुंशी ने 1950 में पेड़ लगाकर वन महोत्सव शुरू किया। आज हर व्यक्ति पेड़ लगाए और उसका संरक्षण करें तो पर्यावरण संतुलित रहेगा और मानव जीवन सुरक्षित रहेगा।

युवा हर क्षेत्र में अपने आप को साबित करें
देवनानी ने कहा युवा नेतृत्व को सामाजिक भागीदारी निभाने के लिए आगे आना है। राष्ट्र के समावेशी विकास में योगदान देना है। युवाओं को अपना लक्ष्य तय करना है। योजना बनानी है। राष्ट्र के विकास को दिशा भी देनी है। उन्होंने कहा कि आज के दौर में युवाओं की जिम्मेदारी बढ़ रही है। युवा हर क्षेत्र में अपने आप को साबित करें। युवा उठे और आगे बढ़ता रहे तो समाज का निरंतर विकास होता रहेगा।

राष्ट्र को विश्व के पटल पर अग्रणी बनाना
देवनानी ने कहा युवा राष्ट्र के भविष्य की आशा की किरण है। युवाओं को पर्यावरण योद्धा बनना है। युवा को संकल्प लेना है और राष्ट्र को विश्व के पटल पर अग्रणी बनाना है । आज भारत ने विश्व में नई पहचान बनाई है। वर्तमान दौर में भारत के बिना विश्व में कोई हलचल नहीं होती है।

213 विद्यार्थियों ने लिया भाग
देवनानी ने कहा की राष्ट्रीय पर्यावरण युवा ससद में देश के विभिन्न भागों से युवा आए हैं। उन्होंने कहा कि यहां लघु भारत का दर्शन हो रहा है। उन्होंने कहा कि जिसके जीवन में कोई उद्देश्य हो वही युवा है और तब ही राष्ट्र को नई दिशा मिल सकती है। युवाओं को जिंदगी भर राष्ट्र के लिए जीना है। राष्ट्र के लिए कुछ करने का उद्देश्य होना चाहिए।  हमें जीवन की अंतिम सांस तक राष्ट्र के लिए अपने कर्तव्य निभाने होंगे। युवा संसद में  देश के 87 विश्वविद्यालय से चयनित होकर आए 213 विद्यार्थियों ने भाग लिया।