नई दिल्ली
लोकसभा चुनाव से पहले 1 करोड़ से अधिक केन्द्रीय कर्मचारियों पेंशनरों के लिए अच्छी खबर है। श्रम विभाग द्वारा जारी AICPI इंडेक्स के छमाही आंकड़ों के बाद मार्च में एक बार फिर केन्द्र कर्मचारियों का 4% DA बढ़ाए जाने की उम्मीद है। संभावना जताई जा रही है कि आचार संहिता को देखते हुए इसकी घोषणा होली से पहले कभी भी की जा सकती है, हालांकि DA के 50% पहुंचने पर 8वें वेतन आयोग के गठन को लेकर फिलहाल कोई विचार नहीं है। इसकी जानकारी खुद वित्त राज्य मंत्री पकंज चौधरी ने राज्यसभा में एक लिखित सवाल के जवाब में दी है।
मार्च में 4 फीसदी डीए बढ़ने की उम्मीद, मिलेगा 50 फीसदी डीए का लाभ?
दरअसल, केन्द्र सरकार द्वारा साल में दो बार जनवरी जुलाई में कर्मचारियों पेंशनरों के DA/DR की दरों में संशोधन किया जाता है, जो की श्रम मंत्रालय द्वारा जारी छमाही के आंकड़ों पर निर्भर करता है। जुलाई से दिसंबर 2023 तक के AICPI इंडेक्स के आंकड़े के बाद अंक 138 के पार और डीए का स्कोर 50.28% पहुंच गया है, ऐसे में कयास लगाए जा रहे है कि DA में 4% वृद्धि होना तय है, जिसके बाद यह 46 से बढ़कर 50% हो जाएगा।
नया डीए 2024 जनवरी से जून 2024 तक लागू रहेगा, ऐसे में जनवरी से मार्च तक का 3 महीने का एरियर भी मिलेगा।संभावना है कि लोकसभा चुनाव की तारीखों और आचार संहिता प्रभावी होने से पहले नई दरों का ऐलान किया जा सकता है।इसको कैलकुलेट करने के लिए एक नियम है- माना आपकी बेसिक सैलरी 18 हजार रुपये है और डीए 46 फीसदी है तो आपका डीए फाॅर्मूला (46 x 18000) / 100 होगा।
क्या लागू होगा 8वां वेतन आयोग?
दरअसल, अगर डीए 50% या 51% पहुंचता है तो ऐसे में कर्मियों की सैलरी रिवाइज होगी क्योंकि केन्द्र सरकार ने 2016 में 7TH Pay Commission का गठन के साथ ही DA के रिविजन के नियमों को तय किया था, जिसके तहत डीए 50% होने पर शून्य हो जाएगा ऐसी स्थिति में सवाल खड़ा होता है कि 50% डीए को मौजूदा बेसिक सैलरी में जोड़कर दिया जाएगा या फिर नया वेतन आयोग का गठन किया जाएगा।
इस संबंध में कन्फेडरेशन ऑफ सेंट्रल गवर्नमेंट एंप्लाइज एंड वर्कर्स के महासचिव एसबी यादव ने प्रधानमंत्री मोदी को पत्र लिख कर आग्रह किया था कि मौजूदा परिस्थितियों में बिना किसी विलंब के आठवें वेतन आयोग का गठन किया जाए। वही बुधवार को भी राज्यसभा सदस्य रामनाथ ठाकुर ने इस संबंध में सवाल किया था।
नए वेतन आयोग के गठन पर सरकार ने दिया ये जवाब
राज्यसभा सदस्य रामनाथ ठाकुर ने वित्त मंत्री से सवाल किया कि 7वें वेतन आयोग के पैरा 1.22 पर विचार ना करने और उसे अनुमोदित नहीं किए जाने की क्या वजहें फाइलों में दर्ज की गई है। आठवें वेतन आयोग का गठन इसलिए तो नहीं किया जा रहा क्योंकि सरकार वेतन आयोग के भार को वहन की हालत में नहीं है?
इस प्रश्न का जवाब देते हुए वित्त राज्यमंत्री ने कहा सातवें वेतन आयोग के आधार पर वेतन और भत्तों में संशोधन पर मंजूरी देते समय केंद्रीय कैबिनेट ने इस मामले पर विचार नहीं किया है। 8वें वेतन आयोग के गठन को लेकर वित्त राज्यमंत्री पंकज चौधरी ने कहा सरकार के सामने ऐसा कोई प्रस्ताव विचाराधीन नहीं है। इससे पहले सातवां वेतन आयोग 2014 को गठित हुआ था और इस कमीशन की सिफारिशों को साल 2016 में लागू किया गया था।