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BJP की चुनावी चंदे से भरी झोली, जानिए कितना मिला दान, पूरी डिटेल

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नई दिल्ली
 लोकसभा चुनाव को अब बमुश्किल से 2 से 3 महीने ही बचे हैं। मैदान में एनडीए और इंडिया गठबंधन आमने-सामने है। उससे पहले जो खबर आई है वो भारतीय जनता पार्टी के लिए गुड न्यूज बनकर आई है। चुनावी चंदे ने बीजेपी की जमकर झोली भरी है। भाजपा को 2022-23 में मिलने वाला कुल धन 23% बढ़कर लगभग 2,361 करोड़ रुपये हो गया है। इसका मतलब है कि पार्टी को पिछले साल के मुकाबले 444 करोड़ रुपये ज्यादा मिले। इस धन का 54% हिस्सा, जो कि 1278 करोड़ रुपये के करीब है, चुनावी बॉन्ड के जरिए आया है। वहीं, पार्टी का खर्च भी 59% बढ़कर 1361 करोड़ रुपये हो गया है। पिछले साल यह खर्च 854 करोड़ रुपये था।

चुनाव आयोग की ओर से सार्वजनिक की गई भाजपा की 2022-23 की वार्षिक ऑडिट रिपोर्ट के अनुसार, पार्टी को चुनावी बांडों से 1,294 करोड़ रुपये मिले, जो कि पिछले साल के 1,033.7 करोड़ रुपये से 25% ज्यादा है। व्यक्तियों, कंपनियों और चुनावी ट्रस्टों के दान सहित अन्य स्रोतों से मिला चंदा कुल 648 करोड़ रुपये रहा। यह पिछले साल के 721.7 करोड़ रुपये से कम है।

वहीं आजीवन सहयोग निधि से मिलने वाला चंदा पिछले साल के 19.9 करोड़ रुपये से बढ़कर 2022-23 में 177.2 करोड़ रुपये हो गया है। 2022-23 में बैंकों से कुल ब्याज 237.3 करोड़ रुपये था, जो पिछले वर्ष अर्जित 133.3 करोड़ रुपये के ब्याज से काफी अधिक था। व्यय पक्ष पर, 2022-23 में कुल खर्च का 80% चुनाव और सामान्य प्रचार पर था। इस मद पर 1,092 करोड़ रुपये से अधिक खर्च किए गए, जबकि 2021-22 में 645.8 करोड़ रुपये खर्च किए गए थे। इसमें विज्ञापन और प्रचार पर 844 करोड़ रुपये और यात्रा पर 132 करोड़ रुपये खर्च किए गए।

इसकी तुलना में, 2022-23 के दौरान कांग्रेस की कुल प्राप्ति 2021-22 में 541 करोड़ रुपये से घटकर 452 करोड़ रुपये रह गई, जबकि इसका खर्च एक साल पहले के 400 करोड़ रुपये से बढ़कर 467 करोड़ रुपये हो गया। 2022-23 में चुनावी बॉन्ड के माध्यम से इसकी योगदान प्राप्तियां घटकर 171 करोड़ रुपये हो गईं, जो इसकी कुल दान प्राप्तियों का 63% और इसकी कुल आय का 38% है, जो 2021-22 में 236 करोड़ रुपये थी। अन्य दलों द्वारा दायर 2022-23 के लिए ऑडिट रिपोर्ट के अनुसार, सीपीएम की कुल प्राप्तियां 141.6 करोड़ रुपये, आप की 85.1 करोड़ रुपये, बसपा की 29.2 करोड़ रुपये और एनपीपी की 7.5 करोड़ रुपये थी।