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शिशु को पनीर कब, कितना, और कैसे खिलाएं: सही तरीके से खाने के निर्देश

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नवजात शिशु को पहले छह महीने तक मां का दूध पिलाना जरूरी होता है। हालांकि, जैसे-जैसे बच्चा बढ़ता है, उसके विकास और सही पोषण के लिए बच्चे की उम्र के अनुसार अलग-अलग फूड आइटम्‍स देने की जरूरत होती है। इन फूड आइटम्‍स में से एक है पनीर। यह एक टेस्‍टी और हेल्‍दी फूड है।

इसमें सोडियम की मात्रा बिल्कुल नहीं या बहुत कम होती है। अगर आपके बच्‍चे ने पिसे हुए दाल चावल और फलों की प्‍यूरी खाना शुरू कर दिया है, तो उसे पनीर खिलाने में कोई बुराई नहीं है। लेकिन इससे पहले आपको जानना चाहिए कि बच्‍चे को पनीर खिलाने की सही उम्र क्‍या है।

बच्‍चे को किस उम्र से खिला सकते हैं पनीर-

कई डॉक्टर और विशेषज्ञ बच्चे के आहार में दूध और डेयरी उत्पादों को तब तक शामिल न करने की सलाह देते हैं जब तक कि वह कम से कम एक साल का ना हो जाए। तब तक, बच्चे को केवल मां का दूध या फॉर्मूला दूध ही मिलना चाहिए। लेकिन कुछ विशेषज्ञ मानते हैं कि आपका बच्चा 6 महीने का है, तो आप उसे पनीर खिला सकते हैं। क्‍योंकि, इस उम्र तक आते-आते बच्‍चे का पाचन मजबूत हो जाता है।

क्‍या पनीर बच्‍चों के लिए हेल्‍दी है-

कई पेरेंट्स के मन में यह सवाल होता है कि क्‍या पनीर बच्‍चों के लिए हेल्‍दी फूड है। विशेषज्ञों की सलाह है कि बच्‍चों को पनीर देना चाहिए। जर्नल ऑफ फूड साइंस एंड टेक्‍नोलॉजी में छपी एक स्टडी के अनुसार, पनीर भैंस के पूरे दूध से बनाया जाता है, जिसमें गाय के दूध की तुलना में फैट और कई पोषक तत्व ज्‍यादा होते हैं। बता दें कि लाइफ की इस प्राइमरी स्‍टेज पर शिशुओं को हेल्‍दी सेल्‍स और ब्रेन टिश्यू बिल्डिंग के लिए फैट की जरूरत बहुत ज्‍यादा होती है।

पनीर में कितना होता है पोषक तत्‍व-

पनीर में फैट बहुत ज्‍यादा होता है।
पनीर में सेल्‍स, टिश्‍यू, अंगों और अन्य चीजों के निर्माण के लिए अच्छी मात्रा में प्रोटीन भी होता है।
पनीर में पर्याप्‍त मात्रा में कैल्शियम, फोलेट, साथ ही विटामिन बी, विटामिन डी, फास्फोरस और जिंक भी पाया जाता है।

बच्‍चों को पनीर खिलाने के फायदे-

पनीर में कैल्शियम बहुत अच्‍छी मात्रा में होता है। अपने बच्चे के आहार में पनीर को शामिल करने से बच्चे की हड्डियों को मजबूत बनाने में मदद मिल सकती है।
पनीर में अलग-अलग मात्रा में बहुत सारे विटामिन पाए जाते हैं, जिससे बच्‍चों का इम्‍यून सिस्‍टम मजबूत होता है।
पनीर में विटामिन बी, फैटी एसिड के साथ ही एंटीऑक्सीडेंट भी होते हैं। ये त्वचा को मुलायम और बालों को स्वस्थ रखते हैं।
पनीर में प्रोटीन और फैट अच्छी मात्रा में होता है। इसमें मौजूद पोषक तत्व बच्‍चे की ओवरऑल ग्रोथ के लिए अच्‍छे हैं।

बच्चे को कितना पनीर दिया जा सकता है?

शुरुआत में जब आपका बच्चा 6 महीने का हो जाए, तो उसे छोटे क्‍यूब देना अच्‍छा है। पनीर अगर क्यूब के रूप में है, तो यह बच्‍चों में घुटन पैदा करता है। इसलिए, इस जोखिम को कम करने के लिए, पनीर को पतला और छोटे-छोटे टुकड़ों में काटें। यदि किसी डिश में पहले से ही पनीर के टुकड़े हैं, तो इन्‍हें छोटा करें और कांटे से मैश करके बच्‍चे को खिलाएं। कुछ महीनों के बाद, आप पनीर की मात्रा को सप्ताह में चार बार लगभग दो क्यूब तक बढ़ाना शुरू कर सकते हैं।

क्‍या पनीर एलर्जी पैदा कर सकता है-

पनीर भैंस और गाय के दूध से बनाया जाता है। गाय का दूध बच्‍चों में फूड एलर्जी का कारण है। जबकि भैंस के दूध में मौजूद एलर्जेनिक प्रोटीन से एलर्जी पैदा करने वाले प्रोटीन के साथ क्रॉस-रिएक्शन करने की संभावना रहती है।

बच्चों को पनीर कैसे खिलाएं-

6-9 महीने की उम्र-

पनीर को बच्‍चों को छोटे क्‍यूब में देने से बचना चाहिए। सबसे अच्‍छा तरीका है इसे करी, दाल या पकी हुई सब्जियों में मैश करके उसे खिलाएं। ध्‍यान रखें, पनीर को हमेशा ऐसे खाद्य पदार्थों में डालना चाहिए, जिन्‍हें पकड़ना बच्‍चे के लिए आसान हो।

9 से 12 महीने की उम्र:

इस उम्र में, बच्चों की पिंसर ग्रिप डवलप होनी शुरू हो जाती है, जहां अंगूठे और तर्जनी मिलते हैं। जब बच्‍चे में इस विकास के लक्षण देखने को मिलें, तो टुकड़े किए हुए पनीर के आकार को कम करने का प्रयास करें। पनीर को अकेले, या फिर करी या दाल में डाल सकते हैं।

12 से 24 महीने की उम्र:

इस उम्र के बच्‍चों को पीनर टूथपिक सा फिर कांटे के साथ दे सकते हैं। अगर बच्‍चे को बड़े टुकड़े खाने में परेशानी हो रही है,तो आप इसका इस्‍तेमाल सीजनिंग में रूप में कर सकते हैं। बेहतर होगा इस उम्र में बच्‍चों को पनीर से बनी मिठाई खिलाएं।

पनीर आपके बढ़ते बच्‍चे के आहार में पौष्टिकता और स्‍वाद जोड़ सकता है। अपने नन्हे-मुन्नों के लिए मील टाइम को रोचक बनाने के लिए कई व्‍यंजनों में पनीर का उपयोग कर सकते हैं।