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उत्तराखंड के हल्द्वानी में हिंसा के बाद उत्तर प्रदेश में भी अलर्ट

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हल्द्वानी

उत्तराखंड में नैनीताल जिले के हल्द्वानी में गुरुवार को उपद्रवियों ने जमकर उत्पात मचाया. हालात इतने बिगड़ गए कि पुलिस को इलाके में कर्फ्यू लगाना पड़ा और दंगाइयों को देखते ही गोली मारने के आदेश जारी कर दिए गए. इस हिंसा में अभी तक 2 लोगों की मौत हो गई है और 100 से अधिक पुलिसकर्मी घायल हुए हैं.

  दरअसल पुलिस प्रशासन की टीम हल्द्वानी के बनभूलपुरा क्षेत्र में ‘अवैध’ रूप से निर्मित मदरसा एवं मस्जिद को हटाने गई थी. जैसे ही कार्रवाई शुरू हुई, बड़ी संख्या में महिलाओं सहित गुस्साए स्थानीय निवासी कार्रवाई का विरोध करने के लिए सड़कों पर उतर आए. उन्हें बैरिकेड तोड़ते और विध्वंस की कार्रवाई में लगे पुलिसकर्मियों के साथ बहस करते देखा गया.
नैनीताल की डीएम वंदना ने पूरे हल्द्वानी में कर्फ्यू लगा दिया तो दंगाइयों को देखते ही गोली मारने का आदेश दिया गया। जिस तरह हिंसा को अंजाम दिया गया उसे देखते हुए डीएम ने कहा है कि इसकी साजिश पहले से थी।

डीएम ने कहा, 'पुलिस थाने के बाहर भी हिंसा हुई। कछ लोगों ने फायरिंग की। जवाब में पुलिस ने हवा में फायरिंग की। तीन-चार मृतकों को अस्पताल में लाया गया है, जिन्हें गोली लगी है। मृतकों की पहचान की जा रही है। यह जांच का विषय है कि वे पुलिस की फायरिंग में मारे गए या अपने ही लोगों की ओर की गई फायरिंग की जद में आए।' डीएम ने कहा कि 100 से ज्यादा पुलिसकर्मी घायल हुए हैं।

डीएम वंदना ने कहा, 'उन्होंने (उपद्रवियों) ने बनभूलपुरा पुलिस स्टेशन को जलाने की कोशिश की। उस समय पुलिसकर्मी थाने में मौजूद थे। उन्हें जिंदा जलाने की कोशिश की गई। हालांकि, उन्होंने भीड़ को नियंत्रित किया और पुलिस थाने में नहीं घुसने दिया। इसके बाद हिंसा गांधी नगर तक फैल गई।' डीएम ने हिंसा के पीछे साजिश बताते हुए कहा, 'ऐसा लगता है कि हिंसा की प्लानिंग पहले से थी और बिना किसी उकसावे के ऐसा किया गया।'

हल्द्वानी में पूरा बवाल उस वक्त शुरू हुआ जब नगर निगम की टीम पुलिस सुरक्षा के बीच नजूल भूमि से मदरसा और एक धार्मिक ढांचा गिराने पहुंची थी। बुलडोजर ऐक्शन के बाद अचानक टीम पर हमला हो गया। बड़ी संख्या में गलियों से निकले लोगों ने पुलिस और प्रशासन पर हमला कर दिया। घरों के ऊपर से पत्थर बरसाए जाने लगे। पेट्रोल बम फेंके गए। बड़ी संख्या में वाहनों को आग लगा दिया गया तो कही जगह तोड़फोड़ भी की गई। हालात बेकाबू होते देख उपद्रवियों को देखते ही गोली मारने के आदेश दिए गए। पूरे शहर में कर्फ्यू लगा दिया गया है।  

दर्जनों गाड़ियों को फूंका

जिस समय जेसीबी का एक्शन चल रहा था तो उसी दौरान भीड़ हिंसक हो गई और नारेबाजी करने के बाद पथराव करने लगी. देखते ही देखते पूरे क्षेत्र में हालात तनावपूर्ण हो गए. बुलडोजर चलाने पहुंचे प्रशासन पर उपद्रवियों ने जमकर पथराव किया. पुलिस ने आक्रोशित लोगों को शांत करने के लिए आंसू गैस के गोले दागे, लाठीचार्ज किया तो बवाल और बढ़ गया. इसके बाद रामनगर से अतिरिक्त फोर्स बुलाई गई और बनभूलपुरा थाने पहुंचने के बाद पुलिस ने फिर मोर्चा संभाल लिया.

बवाल करने वालों ने थाने में आगजनी की और दर्जनों गाड़ियों को फूंक दिया. बवाल के बाद अब पूरे इलाके में कर्फ्यू लगाया गया है और उपद्रवियों पर एक्शन लिया जा रहा है. प्रशासन और सरकार दावा कर रहे हैं कि हाईकोर्ट के आदेश के बाद ही अतिक्रमण को हटाने का काम किया गया. कांग्रेस ने कहा कि दोनों पक्षों को धैर्य से काम लेना चाहिए था.

100 लोग घायल
घायल पुलिसकर्मियों को एबुलेंस से अस्पताल पहुंचाया गया है और उनकी हालत खतरे से बाहर है.  अस्पताल में भर्ती कराए गए लगभग 100 से अधिक लोगों में से अधिकांश पुलिसकर्मी और नगरपालिका कर्मचारी हैं. बवाल बढ़ा तो सरकार के भी कान खड़े हो गए.

सीएम की हाईलेवल बैठक

इस बीच, मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने मामले की गंभीरता को देखते हुए राजधानी देहरादून में हाईवेल मीटिंग बुलाई और हालात की समीक्षा की. इस बैठक में तय किया गया कि दंगाइयों को देखते ही गोली मार दिया जाएगा.उन्होंने अराजक तत्वों से सख्ती से निपटने के लिये अधिकारियों को निर्देश दिए.

देहरादून में अपने आधिकारिक आवास पर मुख्यमंत्री ने मुख्य सचिव राधा रतूड़ी, पुलिस महानिदेशक अभिनव कुमार तथा अन्य उच्चाधिकारियों के साथ बैठक के बाद उन्होंने स्थानीय लोगों से शान्ति बनाये रखने की अपील की. मुख्यमंत्री ने कहा कि इस घटना के दोषियों के विरूद्ध सख्त कार्यवाही कर क्षेत्र में शान्ति व्यवस्था सुनिश्चित की जाए। उन्होंने स्पष्ट निर्देश दिया कि प्रदेश में किसी को भी कानून व्यवस्था से खिलवाड़ करने की छूट नहीं दी जानी चाहिए.

स्कूल बंद, इंटरनेट सस्पेंड

नैनीताल की जिला मजिस्ट्रेट वंदना ने कहा कि कानून एवं व्यवस्था की स्थिति बनाए रखने के लिए हल्द्वानी में कर्फ्यू लगाया गया है, जबकि शहर में इंटरनेट सेवाएं भी निलंबित कर दी गई हैं, साथ ही क्षेत्र में स्कूलों को बंद रखने का आदेश भी जारी किया गया है. कोई भी शख्स अत्यावश्यक कार्यों (मेडिकल इत्यादि) को छोड़कर घर से बाहर नहीं निकलेगा.