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प्रयागराज में मौनी अमावस्या पर उमड़ी श्रद्धालुओं की भीड़, संगम में लोगों ने लगाई आस्था की डुबकी

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 प्रयागराज

मौनी अमावस्या स्नान के मौके पर श्रद्धालु प्रयागराज स्थित संगम में डुबकी लगा रहे हैं. शास्त्रों में इस दिन मौन रहकर दान और स्नान करने का विशेष महत्व बताया गया है. मान्यता है कि इस दिन किसी पवित्र नदी में स्नान के बाद दान करने से शुभ फल की प्राप्ति होती है. इस दिन किए गए दान-पुण्य और पूजन से अन्य दिनों की तुलना में हजारों गुणा पुण्य प्राप्त होता है और ग्रह दोषों के प्रभाव भी कम होते हैं. इस दिन प्रात: स्नान के बाद सूर्य को दूध, तिल से अर्घ्य देना भी विशेष लाभकारी होता है.

लाखों श्रद्धालुओं ने लगाई डुबकी

माघ माह के कृष्ण पक्ष की अमावस्या को माघी अमावस्या या मौनी अमावस्या कहा जाता है. मौनी अमावस्या के दिन लोग पवित्र नदी में आस्था की डुबकी लगाते हैं. शास्त्रों में इस दिन मौन रहकर दान और स्नान करने का विशेष महत्व बताया गया है. मान्यता है कि इस दिन किसी पवित्र नदी में स्नान के बाद दान करने से शुभ फल की प्राप्ति होती है. इस दिन किए गए दान-पुण्य और पूजन से अन्य दिनों की तुलना में हजारों गुणा पुण्य प्राप्त होता है और ग्रह दोषों के प्रभाव भी कम होते हैं. इस दिन प्रात: स्नान के बाद सूर्य को दूध, तिल से अर्घ्य देना भी विशेष लाभकारी होता है.

9 साल बाद फरवरी में मनाई जा रही है मौनी अमावस्या

हिंदू पंचांग के अनुसार, इस साल माघ माह के कृष्ण पक्ष की अमावस्या तिथि की शुरुआत 9 फरवरी को सुबह 8 बजकर 02 मिनट से होगी. अगले दिन यानी 10 फरवरी को सुबह 4 बजकर 28 मिनट पर इसका समापन होगा. ऐसे में इस साल 9 फरवरी को मौनी अमावस्या मनाई जाएगी. इसके अलावा अमावस्या के दिन तिल, तिल के लड्डू, तिल का तेल, वस्त्र और आंवला दान में देना शुभ माना जाता है. साथ ही इस दिन पितरों को अर्घ्य देना और पितृ तर्पण करना शुभ होता है.

माघ मेला के सबसे बड़े स्नान पर्व मौनी अमावस्या को लेकर दो दिन पहले ही श्रद्धालु संगम की रेती पर पहुंचने लगे. शुक्रवार को मौनी अमावस्या का महास्नान है, मगर बुधवार से ही कल्पवासियों व साधु-संतों के शिविर, कुटिया फुल होने लगे थे. शाम तक लाखों की संख्या में स्नानार्थी पहुंच चुके थे.

12 घाटों पर बनाए गए रनिंग फीट

संगम समेत कुल 12 घाटों पर आठ हजार रनिंग फीट में बनाए गए हैं, जहां लगभग हर मिनट 15 से 16 हजार श्रद्धालु स्नान कर सकेंगे. महाकुंभ के ट्रायल के तौर पर इस बार माघ मेला का आयोजन हो रहा है. इसलिए इस स्नान पर्व पर विशेष व्यवस्था की गई है. स्नान घाटों पर महिलाओं के लिए चार हजार से ज्यादा चेंजिंग रूम लगाए गए हैं. संगम पर तीन दिशाओं में स्नान घाट तैयार हो गए हैं. एक तो संगम नोज पर वृहद घाट बनाया गया है, दूसरा संगम नोज के ठीक सामने अरैल व तीसरा झूंसी साइड में घाट तैयार कराया गया है. लगभग आठ सौ हेक्टेयर क्षेत्रफल में बसे माघ मेला में सभी स्नान घाटों पर कांसा बिछा दिया गया है.

बनाए गए हैं 18 हजार टॉयलेट

स्वच्छता के लिए कुल 18 हजार टॉयलेट और साढ़े तीन हजार यूरिनल लगाए गए हैं. मेला के परेड ग्राउंड व स्नान घाटों समेत विशेष स्थानों पर 1800 फैब्रिकेटेड रिइंफोर्समेंट प्लास्टिक (एफआरपी) के टॉयलेट लगवाए गए हैं. वाटर एटीएम तथा पीने के पानी का भी प्रबंध कराया गया है.

सबसे बड़े स्नान पर्व के लिए शहर से लेकर संगम तक एडीएम रैंक के आठ अधिकारियों को सुपर जोनल मजिस्ट्रेट के तौर पर लगाया गया है. इसके अलावा 20 जोनल व 80 सेक्टर मजिस्ट्रेटों को तैनात किया गया है. विभिन्न विभागों के 200 जिला स्तरीय अधिकारियों की तैनाती की गई है. मेला प्रशासन की ओर से संगम नोज, वीआईपी घाट समेत अन्य स्नान घाटों, पांटून पुलों, अरैल तथा प्रमुख मार्गों व पार्किंग स्थलों पर मजिस्ट्रेट लगाए गए हैं. शहर में रेलवे स्टेशनों, बस अड्डों, होल्डिंग एरिया, प्रमुख चौराहों, मुख्य मार्गों व पार्किंग स्थलों में मजिस्ट्रेटों की ड्यूटी लगाई गई है. जंक्शन स्टेशन को सुपर जोन घोषित करते हुए सुपर जोनल अधिकारी लगाया गया है.

4 जोन में बांटा मेला क्षेत्र

मेला क्षेत्र में चार सुपर जोन हैं. प्रथम सुपर जोन सेक्टर एक व दो तथा अरैल सब सेक्टर में सुपर जोनल मजिस्ट्रेट की तैनाती की गई है. इसी तरह सेक्टर तीन, चार व पांच में एक सुपर जोनल मजिस्ट्रेट को लगाया गया है. इनके साथ स्नान घाटों व पांटून पुलों पर पर भी मजिस्ट्रेट लगाए गए हैं.

सुरक्षा के हैं पुख्ता इंतजाम: पुलिस

मौनी अमावस्या स्नान पर्व को देखते हुए सुरक्षा के भी चाक चौबंद इंतजाम किए गए हैं. करीब 5 हज़ार पुलिस, पीएसी, आरएएफ, के जवानों के साथ एटीएस के कमांडों भी मेले की सुरक्षा में लगाये गए. पूरे मेला क्षेत्र के चप्पे-चप्पे पर नज़र रखने के लिए सैकड़ों सीसीटीवी कैमरे भी लगाए गए है. इंटीग्रेटेड कंट्रोल एंड कमांड सेंटर से सीसीटीवी के जरिए मेले पर नज़र रखी जा रही है. किसी भी आपात स्थिति से निपटने के लिए पुलिस विभाग ने रणनीति तैयार की है.