प्रयागराज
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बुधवार को विधानसभा में कहा था कि अयोध्या में राम मंदिर निर्माण के बाद अब ज्ञानवापी में नंदी बाबा बैरिकेडिंग तोड़ चुके हैं। इसके अलावा कृष्ण जी भी कहां मानने वाले हैं। इस तरह उन्होंने साफ संकेत दे दिया था कि भाजपा अब अयोध्या के बाद काशी और मथुरा का मसला आगे बढ़ाने वाली है। इन दोनों मामलों पर अदालत पर अर्जियां भी दाखिल हैं। अब योगी आदित्यनाथ के बयान को लेकर सपा सांसद एसटी हसन की भी टिप्पणी आई है। उन्होंने योगी आदित्यनाथ की टिप्पणी को सांप्रदायिक सौहार्द बिगाड़ने वाला और चुनावी फायदा उठाने की कोशिश बताया है।
'हम तो बहुत दिन से कह रहे हैं कि बाबरी मस्जिद का फैसला सुप्रीम कोर्ट ने सुलझा दिया और एक फैसला दे दिया। अब ज्ञानवापी है, उसके आगे मथुरा है। फिर ताजमहल और कुतुब मीनार है। इस तरह से 3000 मस्जिदों पर टारगेट है। यह सिलसिला कहां रुकेगा? क्या इन लोगों को अहसास नहीं है कि इससे देश कितना कमजोर होगा। कुछ जिम्मेदारियां तो हमारे नेताओं की भी हैं। हमारे देश में अच्छा माहौल बने और इन मसलों को सहमति से सुलझा लिया जाए।'
एसटी हसन ने कहा, 'अब चुनाव सिर पर हैं तो इन लोगों के पास बताने के लिए कुछ भी नहीं है। इसलिए अब ऐसा मसला उठाया जा रहा है ताकि लोगों की भावनाओं को भड़काया जाए। राम जी तो कण-कण में हैं। यह भी तो किसी को मालूम नहीं है कि जहां मंदिर बना है, वहीं उनका जन्म हुआ था।' दरअसल भाजपा के कई नेता अकसर ताजमहल को लेकर भी सवाल उठाते रहे हैं। कुतुब मीनार का मसला भी उठता रहा है। बता दें कि ज्ञानवापी को लेकर तो ASI सर्वे की रिपोर्ट भी आ गई है, जिसमें हिंदू देवी-देवताओं की मूर्तियां होने का दावा किया गया है। इसके अलावा रिपोर्ट में यह भी साफ किया गया है कि औरंगजेब के आदेश पर मंदिर को गिराया गया था और फिर मस्जिद का निर्माण कर दिया गया।