जयपुर.
राजस्थान में भजनलाल सरकार ने शिक्षकों को तोहफा दिया है। कार्मिक विभाग ने राजस्थान शिक्षा (राज्य एवं अधीनस्थ) सेवा नियम 2021 में संशोधन की अधिसूचना जारी कर दी है। संशोधित अधिसूचना से यूजी-पीजी में अलग-अलग विषय रखने वाले शिक्षक व्याख्याताओं को भी राहत मिली है।प्रदेश में 12 हजार वरिष्ठ अध्यापक ऐसे हैं, जिन्हें पहले व्याख्याता (विभिन्न विषय) पद पर पदोन्नति के लिए यूजी-पीजी में समान विषय होना जरूरी किया था।
इस नियम की वजह से यूजी-पीजी में अलग-अलग विषय रखने वाले शिक्षक व्याख्याता पद पर पदोन्नति से बाहर हो गए थे। इसका शिक्षक लंबे समय से विरोध करते हुए नियम में शिथिलता की मांग कर रहे थे। पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार में कैबिनेट की बैठक में इस नियम में संशोधन का फैसला भी लिया, लेकिन आचार संहिता लगने के कारण इसकी अधिसूचना जारी नहीं हो सकी थी।अब गजट नोटिफिकेशन में 3 अगस्त 2021 से पहले असमान डिग्री वाले वरिष्ठ अध्यापकों को वर्तमान और भविष्य की सभी डीपीसी में राहत दी गई है। इसे लेकर शिक्षक पदोन्नति संघर्ष समिति के प्रदेश संरक्षक मुकेश कुमार मीणा ने कहा कि लंबे समय से संघर्ष करने के बाद जीत मिली है। नियम संशोधन से स्कूलों में व्याख्याताओं की कमी भी दूर होगी।
कुल 40 फीसदी अंक मान्य होंगे
राजस्थान प्राथमिक-माध्यमिक शिक्षक संघ के प्रदेश वरिष्ठ उपाध्यक्ष विपिन प्रकाश शर्मा ने बताया कि शिक्षा सेवा नियम- 2021 में संशोधन के बाद उपप्राचार्य से प्रिंसिपल पदोन्नति में छूट, वाणिज्य व्याख्याता भर्ती में संशोधन, एग्रीकल्चर व्याख्याता भर्ती नियमों में संशोधन, व्याख्याता (विशेष शिक्षा) नए पद सृजन कर राहत दी गई है। अब विशेष शिक्षा के वरिष्ठ अध्यापकों की भी व्याख्याता पद पर पदोन्नति हो सकेगी। शिक्षा सेवा नियम के तहत होने वाली भर्तियों में हर प्रश्न पत्र में 40 फीसदी अंक लाने की बाध्यता भी खत्म की गई है। अब इन भर्तियों के तहत होने वाले सभी प्रश्न पत्रों में कुल 40 फीसदी अंक मान्य होंगे। इससे बेरोजगार युवाओं को भी बड़ी राहत मिली है।