जयपुर.
पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत दिनों स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं से जूझ रहे हैं। हाल ही में कोविड और स्वाइन फ्लू से संक्रमित पाए गए अशोक गहलोत को 'हैप्पी हाइपॉक्सिया' भी हो गया है। खुद गहलोत ने इसकी जानकारी देते हुए बताया कि ऑक्सीजन की कमी वाली यह दिक्कत खतरनाक है, लेकिन डॉक्टरों ने समय रहते उनके शरीर में इस दिक्कत की पहचान कर ली है। पूर्व मुख्यमंत्री ने सोशल मीडिया प्लैटफॉर्म एक्स पर अपनी नई समस्या के बारे में बताया और लोगों को सतर्क रहने की भी सलाह दी।
गहलोत ने कहा, 'हाल में तमाम नई रिसर्च से पता चला है कि कोविड के दौरान एवं कोविड के बाद भी शरीर में ऑक्सीजन लेवल की कमी हो जाती है जिसे 'हैप्पी हाइपॉक्सिया' कहते हैं। इस बीमारी में कई बार मरीज को भी पता नहीं चलता क्योंकि सांस लेने में भी तकलीफ नहीं होती परन्तु समय पर डाइग्नोसिस ना हो तो यह बेहद खतरनाक साबित हो सकता है।' उन्होंने आगे कहा, 'मेरे साथ भी कोविड के कारण हैप्पी हाइपॉक्सिया की स्थिति बनी पर डॉक्टर्स ने इसे समय रहते पहचान लिया परन्तु इससे मुझे 5-6 दिन बहुत परेशानी हुई। अगर आपको शरीर में कोई भी परेशानी लगे तो अपना ऑक्सीजन लेवल जरूर चैक करते रहें। आजकल तमाम तरह के वायरल इन्फेक्शन फैल रहे हैं इसलिए डॉक्टर्स भी मरीजों को समय-समय पर ऑक्सीमीटर का इस्तेमाल कर ऑक्सीजन लेवल मापने की सलाह अवश्य दें।'
क्या है हैप्पी हाइपॉक्सिया और क्यों खतरनाक
कोविड महामारी ने दुनियाभर में लाखों लोगों की जिंदगी छीन ली। यह अपने साथ कई अन्य स्वास्थ्य समस्याएं भी लेकर आया जिससे दुनिया में बड़ी संख्या मे लोग जूझ रहे हैं। इनमें से एक 'हैप्पी हाइपॉक्सिया' भी है। इस बीमारी से ग्रस्त मरीजों के खून में ऑक्सीजन की मात्रा कम हो जाती है। यदि ऑक्सीजन की मात्रा अधिक कम हो जाती है तो शरीर के अहम अंग काम करना बंद कर सकते हैं और जान खतरे में पड़ सकती है। हैप्पी हाइपॉक्सिया इसलिए भी खतरनाक है क्योंकि अधिकतर मरीजों में ऑक्सीजन की कमी तो होती है, लेकिन उन्हें सांस लेने में दिक्कत नहीं होती। इसकी वजह से समय पर इलाज नहीं हो पाता है। यह वजह है कि इसे साइलेंट किलर भी कहा जाता है।