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जनजातीय क्षेत्रों में अपनी भाषा में पढ़ाई पर भी विशेष ध्यान दें – जनजातीय कार्य मंत्री डा. शाह

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भोपाल

प्रदेश के जनजातीय वर्ग के विधायकों की एक दिवसीय प्रशिक्षण सह उन्मुखीकरण कार्यशाला  एकलव्य संकुल वनवासी कल्याण परिषद, भोपाल में सम्पन्न हुई। कार्यशाला जनजातीय अनुसंधान एवं विकास संस्था (टीआरआई) तथा जनजातीय क्षेत्रीय विकास योजनाएं (टीएडीपी) द्वारा संयुक्त रुप से आयोजित की गई थी।

कार्यशाला के प्रथम सत्र में जनजातीय कार्य, लोक परिसम्पत्ति प्रबंधन तथा भोपाल गैस त्रासदी राहत एवं पुनर्वास मंत्री डॉ. कुंवर विजय शाह, अखिल भारतीय वनवासी कल्याण आश्रम के राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री रामचंद्र खराडी, राष्ट्रीय संगठन मंत्री  अतुल जोग एवं टीआरआई के अपर आयुक्त श्री लक्ष्मण सिंह मरकाम ने सहभागिता की।

कार्यशाला को संबोधित करते हुये जनजातीय कार्य मंत्री डा. शाह ने भारत की आजादी के लिए अपने प्राणों की आहुति देने वाले जनजातीय वीरनायकों के योगदान को याद किया और जनजातीय क्षेत्रों में अंग्रेजी के साथ-साथ अपनी भाषा में पढ़ाई पर भी विशेष ध्यान दिये जाने पर बल दिया। उन्होंने अपने खुद के अनुभवों और उनसे प्रेरणा लेकर जनजातीय वर्ग के कल्याण के लिए शासन द्रारा बनाई जा रही कल्याणकारी योजनाओं का भी उल्लेख किया।

टीआरआई के अपर आयुक्त श्री लक्ष्मण सिंह मरकाम ने विधायकों को जनजातियों के विशेष प्रावधान पांचवी अनुसूची एवं पेसा एक्ट पर विस्तृत प्रशिक्षण दिया।

अखिल भारतीय वनवासी कल्याण आश्रम के राष्ट्रीय संगठन मंत्री श्री जोग ने भारत की जनजातियों हेतु एक नीति दृष्टिपत्र और उसमें सम्मिलित जनजातियों के कल्याण एवं हितरक्षा विषय पर विस्तार से अपने विचार रखे।

अखिल भारतीय वनवासी कल्याण आश्रम के राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री खराडी ने बताया कि यदि हमें अपने देश को विकसित बनाना है, तो जनजातीय वर्ग को विकसित करना आवश्यक है। हम सबको मिलकर आदिवासीजन और इनकी संस्कृति को सुरक्षित रखना होगा।

कार्यशाला की प्रस्तावना पेसा सेल प्रमुख श्री लवकुश मेहरा ने प्रस्तुत की। संचालन जनजातीय प्रकोष्ठ, राजभवन की विषय विशेषज्ञ डा. दीपमाला रावत ने किया।

कार्यशाला में जनजातीय प्रकोष्ठ राजभवन के सचिव, जनजातीय कार्य  विभाग के संयुक्त संचालक, जनजातीय वर्ग के लिये अनुसंधान से जुड़े अधिकारी, सहायक आयुक्त श्री वीरेन्द्र सिंह एवं अन्य प्रशासनिक अधिकारी उपस्थित थे।