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लोकसभा चुनाव की घोषणा 15 मार्च के पहले संभावित, मप्र में भारत जोड़ो न्याय यात्रा से शुरू होगा कांग्रेस का चुनाव अभियान

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भोपाल
लोकसभा चुनाव की घोषणा 15 मार्च के पहले संभावित है। कांग्रेस इसके पहले कुछ प्रत्याशियों के नाम की घोषणा कर सकती है। इसके लिए रजनी पाटिल की अध्यक्षता में गठित प्रदेश की स्क्रीनिंग कमेटी की पहली बैठक शनिवार को भोपाल में होगी। इसमें प्रत्याशी चयन को लेकर प्रदेश कांग्रेस की तैयारी पर चर्चा होगी। उधर, राहुल गांधी की भारत जोड़ो न्याय यात्रा मार्च के पहले सप्ताह में मध्य प्रदेश आएगी, जिसके साथ ही पार्टी का चुनाव अभियान भी प्रारंभ हो जाएगा।

प्रदेश भर का दौरा करेंगे पटवारी
प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष जीतू पटवारी प्रदेश भर का दौरा करेंगे। सभी संभागीय मुख्यालयों पर सभाएं होंगी। इसकी रूपरेखा को अगले सप्ताह अंतिम रूप दिया जाएगा। स्क्रीनिंग कमेटी के साथ ही चुनाव समिति की भी बैठक होगी। इसमें चुनाव अभियान और भारत जोड़ो न्याय यात्रा की तैयारियों को लेकर चर्चा की जाएगी। पिछले दो लोकसभा चुनाव में कांग्रेस का प्रदर्शन निराशाजनक रहा है। मतदान प्रतिशत तो लगातार घटा ही है, सीटें भी कम होती जा रही हैं। वर्ष 2014 में पार्टी ने दो सीटें जीतीं थीं जो 2019 में एक रह गई।

छिंदवाड़ा लोकसभा सीट के लिए सतर्क
छिंदवाड़ा लोकसभा सीट की जीत को भी पार्टी की कम और कमल नाथ की व्यक्तिगत जीत अधिक माना जाता है। भाजपा इस गढ़ को भेदने में पूरी ताकत भी लगा रही है। उधर, अप्रैल-मई में प्रस्तावित लोकसभा चुनाव में कांग्रेस अपनी स्थिति को सुधारने के लिए प्रयास में जुटी है।

कांग्रेस ने समन्वयक नियुक्त किए
पहली बार सभी 29 लोकसभा क्षेत्रों के लिए अखिल भारतीय कांग्रेस ने समन्वयक नियुक्त किए गए हैं। इन्हें आम सहमति के आधार पर संभावित दावेदार का नाम प्रस्तावित करने का दायित्व दिया है। अधिकतर समन्वयकों ने अपनी रिपोर्ट दे दी है। इनके आधार पर शनिवार को प्रदेश कांग्रेस कार्यालय में होने वाली स्क्रीनिंग कमेटी की पहली बैठक में विचार-विमर्श किया जाएगा। पार्टी का प्रयास यह है कि पैनल बनाने की नौबत ही न आए। आम सहमति से एक-एक नाम ही प्रस्तावित किया जाए।

नए चेहरों पर दांव
सूत्रों के अनुसार चुनौती उन सीटों को लेकर अधिक है, जहां पार्टी लगातार चुनाव हार रही है। यहां भाजपा से मुकाबले दमदार प्रत्याशी उतारना कठिन काम है क्योंकि दिग्गज नेता भी चुनाव लड़ने से कतरा रहे हैं। पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह पहले ही स्पष्ट कर चुके हैं कि उनका राज्यसभा का कार्यकाल शेष है, इसलिए चुनाव लड़ने का प्रश्न ही नहीं उठता। यही कारण है कि पार्टी नए चेहरों को आगे कर रही है।