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डिंपल यादव को टिकट का ऐलान होते ही मैनपुरी में अखिलेश को बड़ा झटका

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मैनपुरी

आम चुनाव की तैयारियों के बीच समाजवादी पार्टी ने यूपी में 16 लोकसभा सीटों पर अपने उम्मीदवार घोषित कर दिए हैं. सपा अध्यक्ष और पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने अपनी पत्नी डिंपल यादव को मैनपुरी सीट से टिकट दिया है. हालांकि, पार्टी को इस ऐलान के कुछ देर बाद ही बड़ा झटका लगा है. मैनपुरी में सपा नेता और उद्योगपति मनोज यादव ने पार्टी छोड़ने की घोषणा कर दी है. मनोज को सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव का करीबी माना जाता था.

मनोज यादव आरसीएल ग्रुप के चेयरमैन हैं. उन्होंने सपा में पारिवारिक कलह अधिक होने के साथ ही स्थानीय स्तर पर नेताओं द्वारा चाटुकारिता और एक-दूसरे की टांग खींचने का आरोप लगाया है. मैनपुरी नगर के स्टेशन रोड निवासी मनोज यादव दो दशक से सपा से जुड़े रहे हैं. वे मूलरूप से करहल विधानसभा क्षेत्र के ग्राम नगला राजा के रहने वाले हैं.

'स्थानीय नेताओं पर लगाए आरोप'

मनोज यादव पहले लोक निर्माण विभाग में कार्यरत थे. फिर वे अखिलेश यादव के करीब आ गए और सपा में शामिल हो गए. 2016 में सपा के टिकट पर घिरोर के ब्लॉक प्रमुख भी रह चुके हैं. उसके बाद उन्होंने सक्रिय राजनीति से दूरी बना ली थी. वे पर्दे के पीछे से ही सपा की मदद कर रहे थे. उन्हें अखिलेश यादव का बेहद करीबी माना जाता है. इसके साथ ही पूर्व सांसद तेज प्रताप यादव से भी उनकी काफी नजदीकियां रही हैं.

'आम जनता के लिए काम नहीं कर रही सपा'

मुलायम सिंह यादव के निधन के बाद हुए लोकसभा उप चुनाव में डिंपल यादव को जिताने में उन्होंने सक्रिय भूमिका निभाई थी. लेकिन अब उन्होंने सपा से इस्तीफा दे दिया है. मनोज यादव ने कहा, सपा अब जनता के लिए काम नहीं कर पा रही है. बीजेपी सरकार में बिना किसी पक्षपात के काम किया जा रहा है. उनकी कंपनी के पास भी करोड़ों रुपए के काम हैं. जबकि सपा सरकार में उनको काम मिलने बहुत दिक्कत होती थी. खासकर शिवपाल यादव से.

'बीजेपी में जाने पर स्थिति साफ नहीं'

हालांकि, मनोज यादव ने यह साफ नहीं किया है कि वे बीजेपी में जाएंगे या नहीं. मनोज के सपा छोड़ने से मैनपुरी जिले में पार्टी को झटका लगा है. सपा नेता मामले में कुछ भी बोलने से बच रहे हैं.

डिंपल ने 2022 में मैनपुरी से उपचुनाव जीता

बता दें कि सपा ने मंगलवार को 16 सीटों पर उम्मीदवारों के नामों का ऐलान किया है. डिंपल यादव यादव एक बार फिर मैनपुरी से चुनाव लड़ेंगी. उन्होंने 2022 के लोकसभा उपचुनाव में मैनपुरी से जीत हासिल की थी. 2019 के चुनाव में मैनपुरी से सपा संरक्षक मुलायम सिंह यादव ने जीत हासिल की थी. मुलायम के निधन के बाद इस सीट पर उपचुनाव में डिंपल को मैदान में उतारा गया था.

सपा की पहली लिस्ट में 11 OBC, 1 मुस्लिम, 1 दलित, 1 ठाकुर, 1 टंडन और 1 खत्री उम्मीदवार शामिल हैं. 11 OBC उम्मीदवारों में 4 कुर्मी, 3 यादव, 2 शाक्य, 1 निषाद और 1 पाल समुदाय से हैं. सपा ने अयोध्या लोकसभा (सामान्य सीट) पर दलित वर्ग के पासी प्रत्याशी को टिकट दिया है. एटा और फर्रूखाबाद में पहली बार यादव की जगह शाक्य बिरादरी के नेताओं को टिकट दिया गया है.

किस उम्मीदवार को कहां से मिला टिकट

– संभल से शाफिकुर रहमान बर्क
– फिरोजाबाद से अक्षय यादव
– मैनपुरी से डिंपल यादव
– एटा से देवेश शाक्य
– बदायूं से धर्मेंद्र यादव
– खीरी से उत्कर्ष वर्मा
– धौरहरा से आनंद भदौरिया
– उन्नाव से अनु टंडन
– लखनऊ से रविदास मेहरोत्रा
– फर्रुखाबाद से नवल किशोर शाक्य
– अकबरपुर से राजाराम पाल
– बांदा से शिव शंकर सिंह पटेल
– फैजाबाद से अवधेश प्रसाद
– अंबेडकर नगर से लालजी वर्मा
– बस्ती से राम प्रसाद चौधरी
– गोरखपुर से काजल निषाद

समाजवादी पार्टी अध्यक्ष अखिलेश यादव ने दो लोकसभा सीटों पर प्रभारी घोषित कर दिए हैं. प्रदेश अध्यक्ष नरेश उत्तम को मिर्जापुर सीट प्रभारी और पूर्व मंत्री सुंदर सिंह को वाराणसी सीट प्रभारी नियुक्त किया गया है.