चंडीगढ़
चंडीगढ़ मेयर चुनाव में AAP-कांग्रेस गठबंधन को बड़ा झटका लगा है. इस चुनाव में बीजेपी उम्मीदवार मनोज कुमार ने जीत दर्ज की है. लोकसभा चुनाव से पहले आया यह रिजल्ट इंडिया गठबंधन के लिए झटका माना जा रहा है.
इस चुनाव में मनोज कुमार को 16 वोट मिले. वहीं आप के उम्मीदवार कुलदीप कुमार ने 12 वोट हासिल किया. वहीं 8 वोट कैंसिल कर दिया गया.शुरुआत में मेयर पद के लिए वोटिंग हुई और अब वोटों की गिनती के बाद सीनियर मेयर और डिप्टी मेयर के पदों के लिए चुनाव कराए जाएंगे.
मेयर चुनाव को देखते हुए आम आदमी पार्टी (आप) और कांग्रेस ने गठबंधन किया था. समझौते के तहत AAP ने मेयर पद के लिए प्रत्याशी खड़ा किया, जबकि कांग्रेस ने डिप्टी मेयर और सीनियर मेयर पदों के लिए अपने उम्मीवार चुनावी मैदान में उतारे.
चंडीगढ़ मेयर चुनाव के लिए 18 जनवरी को वोटिंग होने वाली थी, लेकिन पीठासीन अधिकारी के बीमार पड़ने के बाद चंडीगढ़ प्रशासन ने इसे छह फरवरी तक के लिए टाल दिया था. इसके खिलाफ आम आदमी पार्टी ने हाई कोर्ट में याचिका दाखिल की. चुनाव टालने के प्रशासन के आदेश पर कांग्रेस और AAP के पार्षदों ने विरोध प्रदर्शन किया था.
क्या है चंडीगढ़ नगर निगम का समीकरण?
चंडीगढ़ नगर निगम में बीजेपी के पास 14 पार्षद हैं और एक सांसद का वोट मिलाकर 15 वोट हो जाते हैं. वहीं INDIA ब्लॉक के पास आम आदमी पार्टी के 13 और कांग्रेस के 7 पार्षद मिलाकर कुल 20 वोट हैं. शिरोमणि अकाली दल के एक पार्षद ने NOTA के साथ रहने का ऐलान किया है. चंडीगढ़ नगर निगम के पार्षदों की संख्या 35 है. सांसद का एक वोट मिलाकर वोटों की कुल संख्या 36 हो जाती है.
AAP और बीजेपी में मेयर के लिए टक्कर
इस चुनाव में मेयर सीट पर बीजेपी की ओर से मनोज सोनकर प्रत्याशी हैं, जबकि आम आदमी पार्टी ने कुलदीप कुमार को प्रत्याशी बनाया है. इसके अलावा दोनों डिप्टी मेयर पर AAP प्रत्याशी नहीं उतारेगी. डिप्टी मेयर के लिए कांग्रेस की ओर से गुरप्रीत सिंह गबी और निर्मला देव प्रत्याशी होंगी, जबकि बीजेपी से कुलजीत संधू और राजिंदर शर्मा चुनाव लड़ेंगे.
कड़ी सुरक्षा में होगा चंडीगढ़ मेयर का चुनाव
चुनाव में क्रॉस वोटिंग और वोट रद्द होने की वजह से बवाल होने की भी आशंका बनी हुई है. कड़ी सुरक्षा के बीच चुनाव होना है. नगर निगम परिसर के आसपास चंडीगढ़ पुलिस ने धारा 144 लगा दी है. निगम परिसर में अर्धसैनिक बलों के साथ करीब 800 पुलिसकर्मियों को तैनात किया गया है. इसके अलावा तीन स्तरीय बैरिकेडिंग की गई है. हाई कोर्ट ने चंडीगढ़ प्रशासन को ये सुनिश्चित करने के निर्देश जारी किए हैं कि चुनाव के दिन किसी भी पार्षद को अपने समर्थकों या किसी सुरक्षाकर्मी को साथ लाने की अनुमति नहीं दी जाए.