किशनगंज.
कांग्रेस के वरीय नेता राहुल गांधी की भारत जोड़े न्याय यात्रा बिहार के किशनगंज जिला पहुंच चुकी है। राहुल गांधी बंगाल के उत्तरी दिनाजपुर जिला के रास्ते किशनगंज पहुंचे। कांग्रेस समर्थको, विधायक और सांसदों ने राहुल गांधी का भव्य स्वागत किया। वहीं लोगों को संबोधित करते हुए राहुल गांधी ने कहा कि बहुत सारे लोगों ने हमसे पूछा कि इस यात्रा का लक्ष्य क्या है? आप इस यात्रा को पैदल क्यों कर रहे हो? तो हमने समझाया कि आरएसएस-बीजेपी की विचारधारा ने हिंसा और नफरत फैलाई है। भाई-भाई से लड़ रहा है।
यह लोग एक धर्म से दूसरे धर्म से लड़ रहे हैं। हम चाहते थे कि जो यह मोहब्बत का देश है। मैं फिर से कह रहा हूं दुकान खोली नफरत के बाजार में मोहब्बत की। इस यात्रा के दौरान मुझे लाखों लोगों का साथ मिला। राहुल गांधी ने आगे कहा कि इस यात्रा में हम लाखों लोगों से मिले। हजारों लोगों के साथ सेल्फी हुई। सात घंटे हम चलते थे। छात्रों से, माताओं से, किसानों से और मजूदरों से बातचीत होती थी। उनके दिल में जो दर्द था, जो कठिनाइयां थी, वह हमें बताती थी। शाम को 15 से 20 मिनट के लिए हम अपनी बात रखते थे। हिन्दुस्तान की राजनीति पर इस यात्रा का बहुत बड़ा असर पड़ा। एक विचारधारा जो भाजपा देश के सामने जो रोज रखती है, नफरत और हिंसा के खिलाफ एक नई विचारधारा खड़ी हुई। वह है मोहब्बत की। आप जानते हैं नफरत को नफरत नहीं काट सकता है। नफरत को सिर्फ प्यार काट सकता है।
2019 के चुनाव एकमात्र किशनगंज सीट ही जीत पाई थी कांग्रेस
दरअसल, किशनगंज को मुस्लिम वोट बैंक का गढ़ माना जाता है। यही वह एक मात्र जिला है जहां, मोदी लहर में भी 2019 के लोकसभा चुनाव में कांग्रेस प्रत्याशी डॉ मोहम्मद जावेद ने चुनाव जीतकर सबको हैरान कर दिया था। किशनगंज सीट पर कांग्रेस प्रत्याशी डॉ मोहम्मद जावेद ने कांग्रेस को जीत दिलाकर महागठबंधन खाता खुलवाया था। हालांकि, इस बार कांग्रेस को एआईएमआईएम से कड़ी चुनौती मिल रही है। पिछले चुनाव में भी कांटे की टक्कर थी। किशनगंज समेत सभी मुस्लिम बाहुल सीटों पर एआईएमआईएम के प्रति वोटरों का बढ़ते रुझान को कांग्रेस ने गंभीरता से लिया है। इसलिए बिहार प्रदेश कांग्रेस सीमांचल के जरिए पूरे बिहार को साधने की कोशिश कर रही है। राहुल गांधी मंगलवार को पूर्णिया में जनसभा को संबोधित करेंगे। वह बिहार में दो दिन रहने वाले हैं।