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जयपुर : ERCP को लेकर राजस्थान-मध्य प्रदेश में MOU, पानी बंटवारे पर दोनों राज्यों में बनी सहमति, यह होगा फायदा

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जयपुर.

ईआरसीपी (पूर्वी राजस्थान नहर परियोजना)  को लेकर राजस्थान और मध्यप्रदेश के बीच समझौता हो गया है। पानी बंटवारे पर बनी सहमति के बाद राजस्थान सीएम भजनलाल शर्मा और मप्र के मुख्यमंत्री मोहन यादव ने एमओयू साइन किया। इस दौरान केंद्रीय जलशक्ति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत भी मौजूद रहे। दरअसल, मुख्यमंत्री मोहन यादव रविवार को जयपुर दौरे पर रहे। शाम को दोनों राज्यों के सीएम और तमाम अधिकारियों की मौजूदगी में ईआरसीपी को लेकर बैठक हुई।

जिसमें दोनों सरकारों के बीच पार्वती-कालीसिंध और चंबल रिवर लिंक परियोजना पर सहमति बन गई। इससे इन तीनों नदियों को जोड़कर दोनों राज्यों के 26 जिलों के रहवासियों को सीधा लाभ मिलगा। मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने कहा- ईआरसीपी राजस्थान और मध्यप्रदेश की एक महत्वाकांक्षी परियोजना है। किसानों के लिए महत्वपूर्ण इस परियोजना को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी बहुत गंभीर हैं। प्रदेश में भाजपा सरकार के गठन के बाद इस परियोजना पर सहमति बनाने के लिए दोनों राज्यों की सरकारों के बीच बैठक हो रही थी। आज इसे लेकर सरकार और दोनों राज्यों के बीच एमओयू पर हस्ताक्षर हुए हैं। पार्वती-कालीसिंध-चंबल लिंक परियोजना (ईआरसीपी) से मध्यप्रदेश और राजस्थान का सर्वांगीण विकास होगा।

प्रदेश में 2.80 लाख हैक्टेयर क्षेत्र को मिलेगा सिंचाई जल
मुख्यमंत्री शर्मा ने कहा- ईआरसीपी के तहत पूर्वी राजस्थान के 13 जिलों झालावाड़, बारां, कोटा, बूंदी, सवाई माधोपुर, करौली, धौलपुर, भरतपुर, दौसा, अलवर, जयपुर, अजमेर और टोंक में पेयजल उपलब्ध होगा। प्रदेश के 2,80,000 हैक्टेयर क्षेत्र में सिंचाई के लिए पानी की उपलब्धता सुनिश्चित होगी। परियोजना से 13 जिलों के लगभग 25 लाख किसान परिवारों को सिंचाई जल और प्रदेश की करीब 40 प्रतिशत आबादी को पेयजल उपलब्ध हो सकेगा। परियोजना से कृषि उत्पादन में वृद्धि होने से किसानों की आय बढ़ेगी और रोजगार के अवसर भी सृजित होंगे।

पूर्ववर्ती राज्य सरकार की उपेक्षा से प्रभावित हुई परियोजना
मुख्यमंत्री ने कहा कि राजस्थान की पूर्ववर्ती सरकार ने रिफाइनरी और ईआरसीपी जैसी परियोजनाओं को पूरा करने की जगह अटकाने का काम किया था। पिछले पांच सालों में इस परियोजना में सिर्फ खानापूर्ति की गई है। लेकिन, अब इस पर काम शुरू हो गया है।