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क्षेत्रीय तनाव के बीच, ईरान ने एक साथ लॉन्‍च क‍िए 3 सैटेलाइट, पश्‍च‍िमी देशों ने की आलोचना

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तेहरान.
ईरान ने  कहा कि उसने अपने अंतरिक्ष इतिहास में पहली बार एक साथ तीन घरेलू विकसित सैटेलाइट्स को अंतरिक्ष में लॉन्च किया है. ईरानी समाचार एजेंसी (आईएसएनए) ने बताया कि सैटेलाइट्स को पृथ्वी की सतह से न्यूनतम 450 किलोमीटर की ऊंचाई पर ऑर्बिट में लॉन्च किया गया.

समाचार एजेंसी शिन्हुआ के अनुसार, तीन सैटेलाइट्स में एक संचार और अनुसंधान सैटेलाइट, महदा, और दो नैनो सैटेलाइट्स, कीहान-2 और हतेफ-1 शामिल थे. रिपोर्ट में कहा गया है कि उन्हें सेमनान के केंद्रीय प्रांत से स्वदेश निर्मित लॉन्च वाहन सिमोर्ग (फीनिक्स) द्वारा लॉन्च किया गया.

महदा का प्राथमिक मिशन कई कार्यों में सिमोर्ग के प्रदर्शन का आकलन करना और अंतरिक्ष में नए डिजाइन और प्रौद्योगिकियों का मूल्यांकन करना है. रिपोर्ट में कहा गया है कि अन्य दो वैश्विक स्थिति और संचार प्रौद्योगिकी पर ध्यान केंद्रित करेंगे.

हालांकि अमेरिका सहित पश्चिमी सरकारों ने बार-बार ईरान को ऐसे लॉन्च के खिलाफ चेतावनी दी है, और चिंता जताई है कि इसी तकनीक का इस्तेमाल उन बैलिस्टिक मिसाइलों के लिए किया जा सकता है जो परमाणु हथियार ले जाने में सक्षम हैं, लेकिन तेहरान ने कहा कि उसके सैटेलाइट और रॉकेट लॉन्च केवल नागरिक या रक्षा उद्देश्यों के लिए हैं.

ईरान के बैलिस्टिक मिसाइल बनाने का खतरा

‘एसोसिएटेड प्रेस’ (एपी) ने फुटेज के विवरण का विश्लेषण किया जिससे पता चलता है कि प्रक्षेपण ईरान के ग्रामीण सेमनान प्रांत में इमाम ‘खुमैनी स्पेसपोर्ट’ पर किया गया था। सरकारी टीवी ने प्रक्षेपित उपग्रहों का नाम महदा, केहान-2 और हत्फ-1 बताया। सरकारी टेलीविजन के अनुसार, महदा एक अनुसंधान उपग्रह है, जबकि केहान और हत्फ क्रमशः वैश्विक स्थिति और संचार पर केंद्रित नैनो उपग्रह हैं। अमेरिका ने पहले कहा था कि ईरान के उपग्रह प्रक्षेपण संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के प्रस्ताव की अवहेलना करते हैं और उससे परमाणु हथियार पहुंचाने में सक्षम बैलिस्टिक मिसाइलों से जुड़ी कोई गतिविधि नहीं करने को कहा गया है।

ईरान के बैलिस्टिक मिसाइल कार्यक्रम से संबंधित संयुक्त राष्ट्र के प्रतिबंध पिछले अक्टूबर में समाप्त हो गए थे। अमेरिकी खुफिया समुदाय के 2023 के विश्वव्यापी खतरे के आकलन में कहा गया है कि उपग्रह प्रक्षेपण यानों के विकास से ईरान कम समय में अंतरमहाद्वीपीय बैलिस्टिक मिसाइल विकसित करने में सक्षम हो जाएगा, क्योंकि इसमें समान तकनीक का उपयोग किया जाता है।